इंप्लांट घोटाले में पुलिस के चार सवालों का जवाब नहीं दे पाए पीजीआइ अधिकारी
जागरण संवाददाता रोहतक पीजीआइ में इन दिनों चर्चा का विषय बने इंप्लांट घोटाले में नया खुला
जागरण संवाददाता, रोहतक : पीजीआइ में इन दिनों चर्चा का विषय बने इंप्लांट घोटाले में नया खुलासा हुआ है। मिली पुख्ता जानकारी के अनुसार पता चल रहा है कि प्रकरण में कार्रवाई के लिए करीब दस माह पूर्व पुलिस ने पीजीआइ अधिकारियों को पत्र लिखकर कुछ सवालों का जवाब मांगा था। स्थिति यह है कि पीजीआइ के अधिकारी दस माह में भी उक्त पत्रों का जवाब नहीं दे सके हैं। जिसके चलते पुलिस अभी तक आरोपितों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर सकी है।
करीब डेढ़ वर्ष पूर्व पीजीआइ के आर्थो विभाग में तत्कालीन सुरक्षा अधिकारी नरेंद्र सरोहा ने करीब आठ करोड़ रुपये के अवैध इंप्लांट पकड़े थे। बताया जा रहा है कि विभाग के चिकित्सकों ने एक निजी मेडिकल सप्लायर से इन इंप्लांट को मरीजों को लगाने के लिए मंगाया था। अधिकारियों ने इंप्लांट को पकड़ा तो पीजीआइ समेत शासन के अधिकारियों में हड़कंप मच गया था। इसके बाद आरोपित चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी शुरू हुई थी, लेकिन डेढ़ साल बाद भी अभी तक आरोपित के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा सकी है। सूत्रों के अनुसार करीब दस माह पूर्व पीजीआइ थाने में तैनात एक महिला एसएचओ ने पीजीआइ अधिकारियों को पत्र लिखते हुए पूछा था कि पकड़े गए अवैध इंप्लांट को किस अधिकारी ने पकड़ा, किस चिकित्सक के कहने पर सप्लायर ने इंप्लाट सप्लाई किए थे और इन इंप्लांट की कीमत क्या है। बताया जा रहा है कि एसएचओ ने बाई हैंड इस पत्र को अधिकारियों के दफ्तर में रिसीव कराया था, लेकिन आज भी स्थिति यह है कि पुलिस के इस पत्र का जवाब पीजीआइ के अधिकारी नहीं दे पाए हैं। बताया जा रहा है कि यदि उसी समय अधिकारी उक्त सवालों का जवाब दे देते तो आरोपित चिकित्सक के खिलाफ अब तक कार्रवाई की जा सकती थी। अब पीजीआइ के अधिकारी प्रकरण में कुछ भी बोलने से इनकार कर रहे हैं।