पुरुषों से 10 फीसद अधिक महिलाएं आर्थराइटिस की शिकार
पुनीत शर्मा रोहतक प्रदेश में करीब 20 फीसद लोगों को आर्थराइटिस के लक्षणों के चलते जोड
पुनीत शर्मा, रोहतक
प्रदेश में करीब 20 फीसद लोगों को आर्थराइटिस के लक्षणों के चलते जोड़ों के दर्द से जूझना पड़ रहा है। पीजीआइ के आर्थो विभाग में आने वाले मरीजों के आंकड़ों पर गौर करने पर पता चला कि महिलाओं में पुरुषों की अपेक्षा यह बीमारी अधिक पाई गई। विशेषज्ञ चिकित्सकों के मुताबिक आर्थराइटिस की समस्या मुख्यत: एक्सीडेंट, मोटापे, गठिया बाय, अधिक कमजोर होने या फिर बढ़ती उम्र के कारण होता है। महिलाएं पुरुषों के मुकाबले अधिक मोटी, खानपान ठीक न होने और अन्य कारणों के कारण पुरुषों की अपेक्षा आर्थराइटिस की अधिक शिकार होती हैं।
प्रदेश के 50 फीसद लोगों को जोड़ों के दर्द, पीठ दर्द, रीढ़ की हड्डी के दर्द से जूझना पड़ रहा है। इनमें से 20 फीसद लोग ऐसे हैं जिन्हें केवल घुटने, कोहनी समेत अन्य जोड़ों के दर्द से जूझना पड़ रहा है। इनमें भी यदि महिला और पुरुषों के आंकड़े अलग-अलग देखे जाएं तो पता चलता है कि 10 फीसद पुरुषों को और 20 फीसद महिलाओं को उक्त बीमारी के कारण उनके जोड़ समय से पहले खराब होने लगते हैं। आर्थराइटिस का सबसे आम प्रकार है ऑस्टियोआर्थराइटिस। इसका असर जोड़ों, विशेष रूप से कूल्हे, घुटने, गर्दन, पीठ के नीचले हिस्से, हाथों और पैरों पर पड़ता है। ऑस्टियो आर्थराइटिस आमतौर पर कार्टिलेज ज्वाइंट में होता है। कार्टिलेज हड्डियों की सतह पर मौजूद सॉफ्ट टिश्यू है, जो ऑर्थराइटिस के कारण पतला और खुरदरा होने लगता है। इससे हड्डियों के सिरे पर मौजूद कुशन कम होने लगते हैं और हड्डियां एक दूसरे से रगड़ खाने लगती हैं। आर्थराइटिस के लक्षण इसके प्रकार पर निर्भर करते हैं। इसमें दर्द, अकड़न, ऐंठन, सूजन, हिलने-डुलने या चलने-फिरने में परेशानी होने लगती है। आर्थराइटिस के लक्षण ---
जोड़ों में दर्द या नरमी, चलते समय, कुर्सी से उठते समय, लिखते समय, टाइप करते समय, किसी वस्तु को पकड़ते समय, सब्जियां काटते समय अधिक दर्द होना। साथ ही यदि आपको जोड़ों में सूजन, अकड़न, लाल हो जाने, जोड़ों के लचीलेपन में कमी, जोड़ों के आस-पास गर्माहट महसूस होना, चलने पर जोड़ों से आवाज आना आदि की समस्या है तो आपको तुरंत विशेष चिकित्सकों से परामर्श लेना चाहिए। आर्थराइटिस का उपचार
जोड़ों के दर्द में पौष्टिक आहार का सेवन, धूप सेवन, हलकी मालिश तथा भौतिक चिकित्सा करना आवश्यक है। विशेषज्ञ चिकित्सकों के मुताबिक आर्थराइटिस के तीन प्रकार माइल्ड, मॉडरेट और सीवियर होते हैं। माइल्ड आर्थराइटिस (शुरुआती दर्द) में मरीज को दर्द निवारक गोलियां देने के साथ उसे व्यायाम करने तथा हड्डियों के बीच मौजूद फर्टिलेज में सुधार की दवाइयां दी जाती हैं। जबकि मॉडरेट आर्थराइटिस में हायलूरौनिक एसिड इंजेक्शन जोड़ों में इंजेक्शन के माध्यम से डालते हुए उपचार किया जाता है। जबकि अंतिम चरण मुख्यत: 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को होती है। ऐसे लोगों को अधिक परेशानी होने की दशा में उनके जोड़ों को ऑपरेशन के माध्यम से बदला जाता है। वर्जन ----
पीजीआइ में आने वाले करीब 20 फीसद लोगों को आर्थो आर्थराइटिस बीमारी पाई गई है। पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में आर्थराइटिस की बीमारी अधिक पाई गई है। लोगों को कोई भी परेशानी होते ही इसका इलाज शुरू कराना चाहिए। साथ ही प्रतिदिन व्यायाम और सही खान से बीमारी से निजात मिल सकती है। फिजियोथेरेपी के माध्यम से भी हड्डियों के दर्द से निजात पाई जा सकती है।
- डा. राजेश रोहिल्ला, सीनियर प्रोफेसर आर्थो विभाग, पीजीआइएमएस।