कब्जा हटवाने पहुंची निगम की टीम के साथ की बदसलूकी, पुलिसकर्मी के पैर में लगी चोट
रोहतक : बड़े बाजार स्थित प्याऊ वाली गली में कब्जा हटवाने पहुंची नगर निगम
जागरण संवाददाता, रोहतक : बड़े बाजार स्थित प्याऊ वाली गली में कब्जा हटवाने पहुंची नगर निगम की टीम को विरोध का सामना करना पड़ा। नगर निगम की टीम दोपहर को कब्जा हटवाने पहुंची तो कुछ कर्मियों के साथ धक्कामुक्की हुई। बचाव में आई एक महिला पुलिस कर्मी का पैर फिसल गया। इसलिए उनके पैर में चोट भी आईं हैं। कुछ लोग पुश्तैनी घर होने का दावा करते हुए विरोध में उतरे थे। स्थानीय लोगों का दावा था कि संबंधित घर हमारा ही है। करीब सौ साल से हमारा कब्जा था, कोर्ट में भी केस चल रहा है। जब निगम की टीम कार्रवाई करने पहुंची तो उनसे कोर्ट में कार्रवाई से संबंधित कॉपी मांगी गई। कोई तोड़ने का कोई काम नहीं किया है।
उल्लेखनीय है कि नगर निगम की इंजीनिय¨रग ब्रांच के एसडीओ अमन, नवीन धनखड़ और जेई शांत सुहाग आदि दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे। किला बाजार पुलिस चौकी व महिला पुलिस की मौजूदगी में कार्रवाई शुरू की गई। टीम में शामिल रहे अधिकारियों के मुताबिक, प्याऊ वाली गली में दोपहर करीब 12.30 बजे निगम की टीम पहुंची। कार्रवाई के दौरान निगम की टीम ने पाया कि करीब 11 फीट चौड़ी गली में करीब सात फीट तक कब्जा था। निगम की टीम ने अवैध कब्जा बताते हुए गली में बने रैंप व चबूतरे तोड़ने की कार्रवाई शुरू कर दी। इसी का विरोध करते हुए कुछ स्थानीय महिलाएं संपत्ति को खुद का मालिक बताते हुए हंगामा किया। निगम की टीम का दावा है कि काम में बाधा डालने के साथ ही एक कर्मी के साथ धक्कामुक्की भी की गई। विरोध के चलते टीम को करीब आधे घंटे तक कार्रवाई रोकनी पड़ी। बाद में पुलिस के हस्तक्षेप के बाद कार्रवाई शुरू हुई। इसके साथ ही शाम करीब तीन बजे तक कार्रवाई हुई। पहले भी टीम को करना पड़ा था विरोध सामना
कार्रवाई के दौरान निगम की टीम ने बताया कि उच्चाधिकारियों के आदेश पर पहले भी कार्रवाई शुरू की गई थी। लेकिन संपत्ति का खुद को मालिक बताने वालों के विरोध के चलते कार्रवाई रोकनी पड़ी। इस प्रकरण में पहले भी कई बार शिकायत उच्चाधिकारियों पर पहुंच चुकी थीं। यही कारण रहा कि किला बाजार पुलिस चौकी के एएसआइ रोशनलाल और पुलिस बल की मौजूदगी में कार्रवाई शुरू की गई। कोर्ट के आदेशों को की अवहेलना
गली में चबूतरा खुद की पुश्तैनी जमीन पर बने होने का दावा करते हुए शिव मोहन और इनके चाचा सुरेश गुप्ता ने कार्रवाई को पूरी तरह से गलत बताया। शिव मोहन गुप्ता का दावा है कि उनका करीब 100 साल से अधिक पुश्तैनी घर है। बगल में चबूतरा बना हुआ है। गली में दूसरे लोगों ने चबूतरों पर घर बनवा लिए। इनका कहना है कि इसी प्रकरण को लेकर अक्टूबर में डिस्ट्रिक कोर्ट में वाद दायर किया। अब 22 जनवरी को सुनवाई होनी थी। लेकिन एक स्थानीय भाजपा वर्कर के इशारे पर हमारी जमीन पर ही कार्रवाई कर दी। इनका यह भी दावा है कि हमने अधिकारियों से कोर्ट के आदेशों की कॉपी मांगी, लेकिन वह दिखा नहीं सके। वर्जन
कोर्ट के आदेशों की अवहेलना हुई है। एक भाजपा वर्कर के इशारे पर कार्रवाई की गई। हमें कुछ दिनों से लगातार धमकियां मिल रहीं थीं कि हर हाल में कार्रवाई होगी। इसलिए हमने आरटीआइ लगाई। कार्रवाई से संबंधित लिखित में आदेश भी टीम के पास नहीं थे। गलत तरीके से कामों का विरोध किया तो हमारे खिलाफ ही कार्रवाई की गई। हमने किसी के साथ अभद्रता नहीं की। भाजपा वर्कर के इशारे पर हमें फंसाया जा रहा है।
शिव मोहन गुप्ता, स्थानीय निवासी
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कार्रवाई के दौरान मैं टीम के साथ था। एक महिला पुलिसकर्मी के चोट लगी है। जबकि यहां कुछ लोगों ने कार्रवाई का विरोध करते हुए हंगामा किया था। लिखित में शिकायत मिलने पर जरूर कार्रवाई होगी।
रोशनलाल, एएसआइ, किला बाजार पुलिस चौकी