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हमारे पूर्वजों ने गरीबी में रहकर चंदे से शिक्षण संस्थाओं का निर्माण कराया : बीरेंद्र

जागरण संवाददाता, रोहतक : शिक्षण संस्थाएं इलाके की तरक्की का मार्ग प्रशस्त करती है। हमारे प

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Feb 2019 07:00 PM (IST)Updated: Sat, 16 Feb 2019 07:00 PM (IST)
हमारे पूर्वजों ने गरीबी में रहकर चंदे से शिक्षण संस्थाओं का निर्माण कराया : बीरेंद्र
हमारे पूर्वजों ने गरीबी में रहकर चंदे से शिक्षण संस्थाओं का निर्माण कराया : बीरेंद्र

जागरण संवाददाता, रोहतक : शिक्षण संस्थाएं इलाके की तरक्की का मार्ग प्रशस्त करती है। हमारे पूर्वजों ने गरीबी में रहते हुए भी चंदा एकत्रित कर शिक्षण संस्थाओं का निर्माण करवाया, क्योंकि उन्हें यह मालूम था कि शिक्षा के बिना क्षेत्र को तरक्की की राह पर नहीं ले जाया जा सकता। यह बात केंद्रीय इस्पात मंत्री चौधरी बीरेंद्र ¨सह ने कही। वह शनिवार को वैश्य एजुकेशन सोसायटी रोहतक के स्थापना शताब्दी समारोह में बतौर मुख्यातिथि उपस्थित छात्र-छात्राओं, स्टाफ के सदस्यों व अभिभावकों को संबोधित कर रहे थे।

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उन्होंने कहा कि पिछले दिनों उनके मंत्रालय द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में उद्योगपतियों को 26 अवार्ड दिए गए थे और अवार्ड प्राप्त करने वाले उद्यमियों ने उन्हें मंच पर ही यह बताया कि उन्होंने रोहतक के अलावा हरियाणा के अलग-अलग जिलों से शिक्षा ग्रहण करके ही वे इस मुकाम तक पहुंचे है। बीरेंद्र ¨सह ने कहा कि अगर ये शिक्षण संस्थाएं नहीं होती तो शायद जाने-माने लोग भी नहीं होते। उन्होंने वैश्य शिक्षण संस्थाओं में सेंटर ऑफ एक्सीलेंसी बनाने की भी वकालत की और कहा कि ऐसा होने पर बच्चों को स्थानीय स्तर पर ही रोजगार के बड़े अवसर मिलेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए नगर निगम के मेयर मनमोहन गोयल ने कहा कि संस्था के सभी सदस्यों को मनमुटाव छोड़कर संस्था के हित में कार्य करना चाहिए। उन्होंने लोगों को स्थापना शताब्दी समारोह के लिए बधाई भी दी। एलपीएस बोसार्ड के निदेशक राजेश जैन ने भी उपस्थित लोगों को संबोधित किया। संस्था के प्रधान विकास गोयल ने आए हुए मेहमानों का स्वागत किया। कार्यक्रम के आरंभ में दो मिनट का मौन धारण करके शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। छह साल यहां पढ़ा, बनारस और तिरुपति की तरह दर्शन हो गए

उन्होंने कहा कि वैश्य एजुकेशन सोसायटी से उनका भावनात्मक लगाव है, क्योंकि पांचवीं से दसवीं कक्षा तक की पढ़ाई उन्होंने इसी शिक्षण संस्था से प्राप्त की है। बीरेंद्र ¨सह ने कहा कि लोग तीर्थ के लिए बनारस व तिरुपति आदि स्थान पर जाते हैं लेकिन आज वे वैश्य संस्था में आकर धन्य हो गए है और उनमें एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने वैश्य संस्था शिलान्यास किया था। विधि विभाग के विद्यार्थियों की वितरित की उपाधियां

केंद्रीय इस्पात मंत्री चौ. बीरेंद्र ¨सह ने कार्यक्रम में वैश्य लॉ कॉलेज के छात्र-छात्राओं को डिग्रियां भी प्रदान की और उन्हें शुभकामनाएं दी। विधि विभाग का यह पहला दीक्षांत समारोह था। केंद्रीय मंत्री से उपाधियां लेकर विद्यार्थियों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। बाद में उन्होंने हवा में टोपियां उड़ाकर खुशी का इजहार किया। यह रहे मौजूद

इस अवसर पर केंद्रीय इस्पात मंत्री के ओएसडी सुधीर फौगाट, संजय ¨सघला, कैलाश जैन, पवन मित्तल, आदिश जैन, आनंद कुमार, मदन लाल गोयल, मुन्नी लाल गर्ग, विपिन गोयल, राधेश्याम गुप्ता, राजेश नवल, संजीव गोयल, सन्नी गोयल, आनंद जैन, अनिल कुमार ¨बदल, मनीष जैन, राधेश्याम गर्ग, लोकेश जैन, राजेश ¨जदल, रामधन गोयल, सज्जन कुमार ¨सघल व विकास कुमार गोयल आदि उपस्थित थे।


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