35 हजार में से सिर्फ 150 ने लिया ट्रेड लाइसेंस, अब प्रतिष्ठानों पर खुद जाएंगी नगर निगम की टीम
जागरण संवाददाता रोहतक शहरी क्षेत्र में कमर्शियल प्रतिष्ठानों के संचालकों को कानून और
जागरण संवाददाता, रोहतक : शहरी क्षेत्र में कमर्शियल प्रतिष्ठानों के संचालकों को कानून और सरकार के नियमों की परवाह नहीं है। हालात यह हैं कि शहरी क्षेत्र में 2019-2020 के वित्तीय वर्ष के लिए करीब 35 हजार कमर्शियल प्रतिष्ठानों के संचालकों ने ट्रेड लाइसेंस पाने के लिए दिलचस्पी नहीं दिखाई। हालात यह हैं कि 31 मार्च तक सभी लाइसेंस के रिन्युअल समाप्त हो जाते हैं। एक अप्रैल से नए सिरे से रिन्युअल या फिर नए लाइसेंस लेने होते हैं। लेकिन अप्रैल से अभी तक करीब 150 कमर्शियल प्रतिष्ठानों के संचालकों ने ही ट्रेड लाइसेंस लिए हैं। अब नगर निगम प्रशासन जल्द ही इन प्रतिष्ठान संचालकों पर शिकंजा कसने जा रहा है। वहीं, एक लाख रुपये से अधिक के बकाएदारों से बकाया रकम निकलवाने के लिए टीमों का गठन कर दिया है। एक लाख से अधिक के बकाएदारों के घर भी पहुंचेंगी टीम
निगम की टैक्स ब्रांच के अधिकारियों का कहना है कि टैक्स ब्रांच की शाखा की तरफ से अलग से टीम गठित की जा चुकी है। कोशिश है कि एक लाख से अधिक के जो भी बकाएदार हैं, उनके पास मौके पर टीमें जाएंगी। यदि कोई तकनीकी खामी है या फिर नगर निगम की तरफ से अड़चन है तो उस समस्या को तुरंत ठीक कराया जाएगा। यदि बकाएदार रकम नहीं दे रहा है तो उसे फायदा भी बताएंगे कि 31 जुलाई तक 10 फीसद का लाभ मिलेगा। 18 फीसद ब्याज भी नहीं देना होगा। दो विशेष टीमों का किया गठन, प्रत्येक टीम में चार-पांच सदस्य
नगर निगम की टैक्स ब्रांच ने उच्चाधिकारियों के आदेश पर दो विशेष टीमों का गठन किया है। एक टीम तो ट्रेड लाइसेंस के मामलों के लिए गठित की गई है। कमर्शियल प्रतिष्ठानों पर पहुंचकर टीमों के सदस्य कारोबारियों, दुकानदारों आदि से मौके पर पहुंचकर वार्ता करेंगे। ट्रेड लाइसेंस क्यों नहीं लिया, क्या अड़चन आ रही हैं आदि बिदुओं पर बात करेंगे। दूसरी टीम टैक्स से संबंधित कार्यों की मौके पर जाकर जानकारी लेगी। कितना प्रॉपर्टी टैक्स बकाया है। ब्याज क्या बन रहा है। टैक्स जमा कराने में अड़चन क्या हैं और कब तक टैक्स जमा कराएंगे। दो अलग-अलग टीमें होंगी। प्रत्येक टीम में चार से पांच-पांच तक कर्मचारी शामिल होंगे। हादसा, दुर्घटना, आपदा के दौरान मुआवजा पाने में सहायक बन सकता है ट्रेड लाइसेंस
ट्रेड लाइसेंस नए सिरे से बनवाने के लिए प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री की कॉपी आवेदन के साथ लगानी होती है। पेन कार्ड, आधार कार्ड की कापी के साथ ही देनी होगी। सालाना टर्नओवर के हिसाब से लाइसेंस मिलने के साथ ही फीस भी इसी आधार पर निर्धारित की जाती है। प्रतिष्ठान में चोरी, आगजनी, घटना-दुर्घटना, किसी आपादा की चपेट में आने पर व्यापारी, दुकानदार, उद्यमी, कारोबारी अपने नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा मांग सकते हैं। सीधे तौर से लाइसेंस बेहद कारगर साबित होगा। नगर निगम की तरफ से दो विशेष टीमों का गठन किया गया है। पहली बार निगम प्रशासन ऐसी पहल करेगा कि ट्रेड लाइसेंस न लेने वालों के प्रतिष्ठानों पर निगम की टीम जाएंगी। ऐसे ही एक लाख रुपये से अधिक रकम के बकाएदारों को भी समझाने के लिए टीम पहुंचेंगी। इसके बाद भी रकम जमा नहीं कराएंगे तो कार्रवाई को बाध्य होंगे।
जगदीश चंद्र, क्षेत्रीय कराधान अधिकारी, नगर निगम