ऑनलाइन बुकिंग से रोहतक में 40 फीसद बढ़ा होटलों का कारोबार, रिटेल बाजार धड़ाम
अरुण शर्मा, रोहतक खुशियों का त्योहार दीपावली आ चुका है। बाजार सज चुके हैं। त्योहार क
अरुण शर्मा, रोहतक
खुशियों का त्योहार दीपावली आ चुका है। बाजार सज चुके हैं। त्योहार की खुशी दोगुनी करने के लिए खास गिफ्ट खरीदने से लेकर कार, लैपटॉप, कपड़े तक खरीदने की योजना लोग बना रहे हैं। कुल मिलाकर खुशी से सभी के चेहरे खिले हुए हैं। दो साल की तरह इस साल भी रिटेल(खुदरा) कारोबारी टेंशन में हैं। वजह है कि ऑनलाइन शॉ¨पग ने फर्नीचर, ज्वेलरी से लेकर कपड़े, इलेक्ट्रानिक सामान तक की बिक्री पर बुरा असर डाला है। बीते साल की दीपावली पर हुई बिक्री के अनुमान पर आंकलन कर रहे हैं कि 30 से 50 फीसद तक रिटेल कारोबार में गिरावट हुई है। इस दफा 400 से 450 करोड़ रुपये तक का कारोबार होने का अनुमान है। इसके उलट होटल कारोबारी ऑनलाइन बु¨कग को मुनाफे का सौदा मान रहे हैं। रोहतक में ए ग्रेड में शामिल कारोबारी दावा कर रहे हैं कि बु¨कग में 40 फीसद से अधिक बढ़ोत्तरी हुई है।
यह हैं पांच बड़े कारण, इसलिए आनलाइन का मुकाबला नहीं कर पा रहे रिटेलर :::
1. बाजारों की भीड़, पार्किंग के बेहतर इंतजाम नहीं : बाजारों में बेतहासा भीड़, बेहतर पार्किंग के इंतजाम नहीं, समय की ज्यादा खपत।
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2. पुराने ढर्रे पर कारोबार : युवाओं की पसंद के नए ब्रांड लाने में रिटेलरों की अनदेखी, अपडेट सामान देरी से आना।
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3. विश्वसनीयता घटी : नामी कंपनियों के ब्रांड पर फर्जी तरीके से बेचना, एक सामान की अलग-अलग कीमतें भी ¨चताजनक।
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4. अपडेट नहीं रिटेलर : घर बैठे सामान पहुंचाने से लेकर दूसरी सुविधाएं देने से रिटेलर अभी भी पीछे।
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5. नकदी के साथ ही उधारी भी : रिटेलरों का काम उधार पर चल रहा, कुल मुनाफे का 15 फीसद तक उधारी नहीं लौटती। 250 होटल में आनलाइन बु¨कग से मुनाफा
हरियाणा होटल-बैक्वेंट हॉल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अशोक भामरी के मुताबिक, रोहतक के लिहाजे से ए ग्रेड के करीब 11 होटल हैं। जबकि होटल-रेस्टोरेंट करीब 250 हैं। जब मैनुअली बु¨कग होती थी तो कई दफा रिसेप्शन से ग्राहक लौट जाते थे। पहले कई दफा होटल तलाशने में वक्त ज्यादा लगता था। अब बु¨कग कराने वाले सीधे होटल तक पहुंचते हैं। एक्सपर्ट व्यू : आनलाइन खरीददारी में बढ़ी विश्वसनीयता
राष्ट्रीय सूचना केंद्र के जिला सूचना एवं विज्ञान अधिकारी मुनीष बाबू गुप्ता मानते हैं कि आनलाइन खरीददारी में विश्वसनीयता बढ़ी है। दो बड़े कारण बताते हुए कहा कि एक तो सामान पसंद न आने पर वापसी का नियम बेहतर है। समय की बचत होती है। इसके साथ ही देश-दुनिया के बाजारों में प्रचलित नई वैराइटी भी आप खरीद सकते हैं। जबकि बाजारों में जो माल आया हुआ है, वही खरीदना पड़ेगा। इसके अलावा बाजारों की भीड़ भी परेशान नहीं करती है। इन पांच केस से समझें आनलाइन शॉ¨पग से हो रहे नुकसान :::
केस एक : मेवा-सूखी मिठाईयां आनलाइन मिल रहीं
मिठाई के कारोबार से जुड़े प्रेम नगर के वीरेंद्र राठी कहते हैं कि बड़ी कंपनियां इकट्ठे में माल खरीदती हैं। कम मुनाफे पर भी माल बिक्री कर रही हैं। लेकिन दुकान वालों की कंपनियों के मुकाबले बिक्री बेहद कम होती है। रोहतक में करीब 250 मिठाईयों की दुकानें हैं।
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केस दो : रिटेलरों की बिक्री प्रभावित, हॉलसेल कारोबारी बेहाल
रोहतक में 700 होलसेल कपड़ों के कारोबारी हैं। मुंबई, सूरत, बनारस, दिल्ली आदि से माल आता है। आठ से दस हजार रिटेलरों की दुकानें हैं। फिलहाल रिटेलरों की बिक्री कम हुई तो सीधे तौर से हॉलसेल के आर्डर से लेकर बिक्री तक प्रभावित है।
-- यह हैं बाजारों की स्थिति :
शहरी क्षेत्र में कुल बाजार : 52
रिटेल कारोबार से जुड़े : 8 से दस हजार
होलसेल कपड़ों की दुकानें : 700
मिठाई की दुकानें : 250
फर्नीचर की दुकानें : 400
ज्वेलरी की दुकानें, शोरूम : 300
होटल-रेस्टोरेंट : 250
रोहतक में ए ग्रेड के होटल : 11
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यहां इतना हो रहा है नुकसान :::
जूते- रेडीमेड कपड़े आदि : 30 से 50 फीसद
मेवा-मिठाई आदि : 15 से 20 फीसद
ज्वेलरी, सोने-चांदी के सिक्के : 08 से 12 फीसद
इलेक्ट्रानिक सामान : 30 फीसद
गिफ्ट : 35 फीसद
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410 करोड़ की दीपावली पर बिक्री होने का अनुमान
दीपावली गिफ्ट : 05 करोड़
सोना-चांदी के सिक्के, प्रतिमाएं, ज्वेलरी : 150 करोड़
रेडीमेड-सिले हुए कपड़े, जूते, ट्रैक शूट आदि : 200 करोड़
बर्तन : 05 करोड़
सूखी मेवा-मिठाई : 20 करोड़
मोबाइल, इलेक्ट्रानिक सामान : 15 करोड़
कार, बाइक आदि वाहन : 10 करोड़
फर्नीचर व सजावटी सामान : 07 करोड़ नोट : इसमें शादियों की बु¨कग तक शामिल हैं। सभी आंकड़े लगभग में हैं।