फेसबुक पेज पर दौड़ रही फर्जी कार, सैनिकों के आइडी कार्ड से ठगे जा रहे लोग
फोटो संख्या 1 - रिपोर्टर ने ग्राहक बनकर की ठग से बातचीत ठग ने खुद को बताया सीआइएसएफ का जवान - आइडी कार्ड और आधार कार्ड भी व्हाट्सएप पर भेजा सीआइएसएफ की वेबसाइट से हुआ खुलासा विनीत तोमर रोहतक यदि आप भी फेसबुक पेज पर पुरानी कार देखकर उसे खरीदने का मन बना रहे हैं तो सचेत हो जाइए। सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वाले लोगों को शिकार बनाने के लिए अब ठगों ने नया तरीका निकाला है। कार बेचने वाला खुद को सेना का जवान पुलिसकर्मी या फिर किसी अन्य सरकारी नौकरी में होने का दावा करेगा और तबादला होने का तर्क देते हुए सस्ती दामों पर कार बेचने की बात कहेगा। सबूत के तौर पर आपके पास अपना आइडी कार्ड आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज भी मिनटों में भेज देगा। वह दस्तावेज असली है या फर्जी यह खबर पढ़कर आप भी समझ जाएंगे। दैनिक जागरण रिपोर्टर ने गहनता से इस खेल पड़ताल की।
विनीत तोमर, रोहतक
यदि आप भी फेसबुक पेज पर पुरानी कार देखकर उसे खरीदने का मन बना रहे हैं तो सचेत हो जाइए। सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वाले लोगों को शिकार बनाने के लिए अब ठगों ने नया तरीका निकाला है। कार बेचने वाला खुद को सेना का जवान, पुलिसकर्मी या फिर किसी अन्य सरकारी नौकरी में होने का दावा करेगा और तबादला होने का तर्क देते हुए सस्ती दामों पर कार बेचने की बात कहेगा। सुबूत के तौर पर आपके पास अपना आइडी कार्ड, आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज भी मिनटों में भेज देगा। वह दस्तावेज असली है या फर्जी, यह खबर पढ़कर आप भी समझ जाएंगे। जागरण रिपोर्टर ने गहनता से इस खेल की पड़ताल की। रिपोर्टर ने ऐसे की पड़ताल शुरू
रिपोर्टर को फेसबुक पर कार सेलिग के नाम से एक पेज मिला। जिस पर मई 2018 मॉडल वैगनआर कार के फोटो डाले गए थे। गाड़ी की कीमत मात्र डेढ़ लाख दर्शाई गई थी। रिपोर्टर ने दिए गए नंबर 7023382063 पर कॉल किया। फोन रिसीव करने वाले ने खुद का नाम भजन सैनी बताया और कहा कि सीआइएसएफ में कांस्टेबल के पद पर है और मथुरा में तैनात है। ठग ने कहा कि वह एक घंटे के अंदर गाड़ी को कोरियर से डिलीवर करा देगा, जो सुबह तक रोहतक में दिए गए पते पर डिलीवर हो जाएगी। इसके एवज में 15 हजार रुपये एडवांस खाते में भेजने होंगे। इसके बाद बाकी रकम गाड़ी की डिलीवरी के समय देनी होगी। रिपोर्टर ने कहा कि एक घंटे में खाते में रुपये डाल दिए जाएंगे।
सीआइएसएफ की वेबसाइट से हुआ खुलासा
पड़ताल में रिपोर्टर ने सीआइएसएफ की वेबसाइट पर जाकर चेक किया। इसमें सीआइएसएफ के ट्वीटर पर 4 अगस्त 2018 की गई एक शिकायत मिली। जो यूपी के लखीमपुर खीरी जिले के रहने वाले एक स्वास्थ्य कर्मी ने कर रखी थी। ठग ने खुद को सीआइएसएफ का जवान बताकर स्वास्थ्यकर्मी से मोबाइल बेचने के नाम पर 45 हजार ठग रखे थे। सबूत के तौर पर आइडी कार्ड और आधार कार्ड का फोटो भी भेजा था। रिपोर्टर ने उस आइडी कार्ड को देखा, जो सुशील कुमार तिवारी के नाम पर था। इसके अलावा जो आइडी कार्ड रिपोर्टर के पास ठग ने भेजा था वह भजन सैनी के नाम पर था। हैरानी की बात यह थी कि दोनों कार्ड पर फोटो एक ही सैनिक के लगे थे और कार्ड के सीरियल नंबर से लेकर अन्य डिटेल भी एक समान थी। केवल नाम अलग-अलग थे। साथ ही सीआइएसएफ ने भी ट्वीट कर रखा था कि श्रीकांत नाम के जवान के आइडी कार्ड का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। इसकी शिकायत अगस्त 2018 में मुंबई पुलिस में की जा चुकी है।
वाहन मालिक के नाम पर बनाते हैं फर्जी आइडी कार्ड
सीआइएसएफ की वेबसाइट पर खुलासा होने के बाद रिपोर्टर ने उस कार के बारे में जानकारी जुटाई, जिसे बेचने के लिए ठग ने फोटो डाले हुए थे। फोटो में कार की नंबर प्लेट दिखाई दी। रिपोर्टर ने उस नंबर को परिवहन विभाग की वेबसाइट पर डाला। जिससे कार के मालिक का पता चल सके। वेबसाइट से पता चला कि यह कार गुरुग्राम में 25 मई 2018 को रजिस्ट्रड है और इसके मालिक का नाम भजन सैनी है।
यह निकला निष्कर्ष
पड़ताल में सामने आया कि ठगी का यह धंधा करने वाले लोग रास्ते में खड़ी अच्छी कंडीशन की गाड़ी के फोटो खींच लेते हैं। इसके बाद फर्जी मोबाइल नंबर डालकर फेसबुक पर पेज बनाते हैं। परिवहन विभाग की वेबसाइट से पता कर लेते हैं कि यह गाड़ी किसके नाम पर है। इसके बाद गाड़ी मालिक के नाम से ही सेना का आइडी कार्ड तैयार करते हैं। रिपोर्टर ने इस तरह तीन अलग-अलग फेसबुक पेज पर दिए गए नंबरों से पड़ताल की। इसमें एक बात कॉमन लगी कि गाड़ी के अंदर का एक भी फोटो नहीं लिया गया था। सभी में कार के बाहरी हिस्से के फोटो थे।