कभी क्रिकेट के भगवान की मुरीद थीं शैफाली, अब खुद मास्टर ब्लास्टर हुए उनके फैन
महिला विश्वकप में धमाकेदार प्रदर्शन कर रहीं शैफाली वर्मा कभी क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर की क्रेजी फैन थी। लेकिन सचिन तेंदुलकर उनके प्रशंसक बन गए हैं।
रोहतक, [ओपी वशिष्ठ]। रोहतक के लाहली में जब क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर रणजी ट्राफी का आखिरी मैच खेलने मैदान में उतरे तो हजारों प्रशंसकों की भीड़ में दस साल की शैफाली वर्मा भी खड़ी थी। तेंदुलकर के खेल की मुरीद शैफाली ने पूरा दिन ग्राउंड में खड़े होकर मैच देखा था। सचिन की लोकप्रियता से ऐसी प्रभावित हुई, आज उनको ही अपने खेल का मुरीद बना लिया। आस्ट्रेलिया में महिला टी-20 वल्र्ड कप में शैफाली की ताबड़तोड़ बल्लेबाजी ने हर किसी को प्रभावित किया है।
छह साल पहले भीड़ में खड़े होकर देखा था लाहली में सचिन का मैच
सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, रोहित शर्मा जैसे महान क्रिकेट खिलाडिय़ों ने ट्वीट करके उनके खेल की सराहना की है। शनिवार को श्रीलंका के खिलाफ भी उन्होंने 47 रनों की आतिशी पारी खेली। अक्टूबर 2013 में रोहतक के चौधरी बंसीलाल क्रिकेट ग्राउंड लाहली में मुंबई बनाम हरियाणा का रणजी ट्राफी मैच खेला गया था। सचिन तेंदुलकर का रणजी ट्राफी करियर का यह आखिरी मैच था। इस मैच को देखने के लिए घनीपुरा की दस साल की शैफाली वर्मा ने जिद की। पिता किसी तरह मैच के पास ले आए।
सचिन के प्रशंसकों में दस साल की शैफाली वर्मा भी थी शामिल
कड़ी मशक्कत करने के बाद पिता संजीव वर्मा के साथ स्टेडियम में तो पहुंच गई, लेकिन बैठने की जगह नहीं मिली। सचिन तेंदुलकर के खेल प्रेमियों का उत्साह देखकर शैफाली ने भी क्रिकेट में ही करियर बनाने का निर्णय लिया। सचिन के खेल से प्रेरित होकर उन्होंने क्रिकेट में दिन-रात मेहनत की और इसका परिणाम सबके सामने हैं। भारत की महिला टीम में शामिल शैफाली आस्ट्रेलिया में हो रहे महिला टी-20 वर्ल्ड कप में ताबड़तोड़ बल्लेबाजी कर रही हैं, जिसके दम पर भारत अभी तक के सभी मैच जीतकर सेमीफाइनल में पहुंच चुका है। शनिवार को श्रीलंका के साथ मैच में भी शैफाली वर्मा ने 34 गेंद में 47 रनों की पारी खेली, जिसके दम पर भारत यह जीतने में कामयाब रहा।
परिस्थितियों को भांप करती हैं बल्लेबाजी
शैफाली वर्मा के पिता संजीव वर्मा ने दैनिक जागरण से बातचीत की। उन्होंने कहा कि शैफाली ने फोन पर बात की थी। उन्होंने वलर्ड कप में संभलकर खेलने की सलाह शैफाली को दी। हालांकि वह खुद ही परिस्थितियों को भांपकर मैदान में निर्णय लेने में सक्षम है। लेकिन इसके बावजूद उन्होंने बाउंड्री मारने के साथ-साथ ङ्क्षसगल-डबल रन लेने की सलाह दी। इस पर शैफाली ने कहा कि वल्र्ड कप जीतकर आएंगे, अब तो आप केवल मैच देखते रहिए।
छोड़ दिया फास्ट फूड खाना
संजीव वर्मा ने बताया कि शैफाली पूरी तरह से शाकाहारी है। करीब दो साल से तो फास्ट फूड खाना भी छोड़ दिया है। घर में उसे पनीर की भुर्जी और तरीदार आलू-मटर की सब्जी पसंद है। हालांकि पहले मार्केट में घूमने परिवार के साथ जाती थी तो चाउमीन व आलू की टिक्की पसंद से खाती थी। लेकिन अब नहीं खाती। डाइट का पूरा ध्यान रखती है।
जींस और शर्ट पसंदीदा ड्रेस
शैफाली बचपन से ही लड़कों की तरह रहती है। जब छोटी थी, तब बाल बड़े रखती थी। लेकिन जब ग्राउंड में लड़कों ने उसे लड़की समझकर खिलाना बंद किया तो पिता से जिद करके ब्वाय कट करवा लिया। जींस, पेंट व ट्राउजर के साथ शर्ट व टी-शर्ट पहनना पसंद करती है। पिता का कहना है कि लड़कियों वाली ड्रेस सूट-सलवार उसे शुरू से ही पसंद नहीं है।