लिव इन, समलैंगिक शादी के फैसलों के खिलाफ नांदल खाप लामबंद, आंदोलन की चेतावनी
अखिल भारतीय नांदल खाप के 17वें भाईचारा मिलन सम्मेलन में कोर्ट के फैसलों को लेकर प्रस्ताव पारित किया गया, जिसे प्रधानमंत्री के पास भेजा जाएगा।
जेएनएन, रोहतक। हाल ही में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को लेकर नांदल खाप लामबंद हो गई है। नांदल भवन में हुए अखिल भारतीय नांदल खाप के 17वें भाईचारा मिलन सम्मेलन में कोर्ट के फैसलों को लेकर प्रस्ताव पारित किया गया, जिसे प्रधानमंत्री के पास भेजा जाएगा। समाज को तोड़ने वाले फैसलों पर पुन: संशोधन नहीं होने पर खाप प्रतिनिधियों ने बड़े आंदोलन की भी चेतावनी दी है।
सम्मेलन में हरियाणा, उत्तर प्रदेश तथा राजस्थान के लगभग 61 गांवों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। खाप प्रधान ओमप्रकाश नांदल ने आह्वान किया कि हर गांव में पांच व्यक्तियों की समिति बनाई जाए और विद्यार्थियों की शिक्षा पर अधिक जोर दें, जिससे विद्यार्थी अपनी योग्यता व मेरिट के आधार पर आगे बढ़ सके। खाप प्रवक्ता मास्टर देवराज नांदल ने खाप सम्मेलन में तीन प्रस्ताव रखे, जिनमें शादी से पूर्व लिव इन रिलेशनशिप, शादी के बाद पत्नी व पति द्वारा गैर व्यक्ति से संबंध बनाने में छूट और समलैंगिक शादी शामिल रहे।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के इन फैसलों से सामाजिक गिरावट आएगी। इसके लिए सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया जाएगा। इसे प्रधानमंत्री को सौंपकर मांग की जाएगी कि तीनों फैसलों को तत्काल रद किया जाए और सख्त सजा का प्रावधान किया जाए। इस दौरान क्षेत्र के मेधावी विद्यार्थियों, खिलाड़ी और अधिकारियों को भी सम्मानित किया गया।
यह हैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले
गत 27 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में कहा है कि एडल्ट्री यानी व्यभिचार अब अपराध नहीं है। शादी के बाद भी महिला या पुरुष गैर व्यक्ति से संबंध बना सकते हैं। वहीं समलैंगिकता को लेकर फैसला दिया था कि समलैंगिकता गैरकानूनी नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि धारा 377 अतार्किक, मनमाना और समझ से परे है। इसी तरह सुप्रीम कोर्ट ने लिव इन रिलेशनशिप को भी वैध करार दिया है।