बंदरों के आतंक ने किया लोगों को परेशान
संवाद सहयोगी, सांपला : नगर पालिका क्षेत्र में लंबे अरसे से बंदरो ने आंतक मचाकर लोगों को परेशान कर रख
संवाद सहयोगी, सांपला : नगर पालिका क्षेत्र में लंबे अरसे से बंदरो ने आंतक मचाकर लोगों को परेशान कर रखा है। बंदरों के आतंक से न तो नगरपालिका प्रशासन कोई पहल कर रहा है और न ही सरकार की तरफ से कोई कदम उठाए जा रहे हैं। बंदर आए दिन लोगों पर हमलाकर कर उन्हें घायल कर रहे हैं। बंदरों के आतंक से सबसे ज्यादा परेशानी छोटे बच्चों को हो रही है। बंदर किसी को भी अकेला पाकर उस पर हमला कर देते हैं, वहीं सामान को भी उठाकर भाग खड़े होते हैं। बंदरों के हमले के कारण एक लड़की भी छत से कूदने पर मजबूर हो गई जिसे इलाज के लिए दिल्ली ले जाया गया है। बंदरों के आतंक से लोगों में रोष बना हुआ है।
जानकारी के अनुसार इन दिनों सांपला में बंदर आंतक फैलाए हुए हैं। बंदर छतों पर झूंड के रूप में बैठे रहते हैं तथा किसी को भी छत पर अकेला पाकर उस पर हमला कर देते हैं। बंदर किस कदर आतंक फैलाए हुए हैं कि गलियों में मवेशियों की तरफ घूमते रहते हैं। लोग गलियों से निकलने में भी परेशान हो रहे हैं। बंदर बच्चों के पीछे लग लेते हैं। अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल आदि में छोड़ने के लिए स्वयं जाने पर मजबूर हैं। नपा क्षेत्र में 15 वार्ड आते हैं, जहां बंदरों का आतंक फैला हुआ है। सबसे ज्यादा आंतक पुरानी मंडी क्षेत्र में बना हुआ है। बंदर घरों में घुस जाते हैं तथा सामान को खुर्द बुर्द कर देते हैं। वहीं सामान को उठाकर भी ले जाते हैं। बंदर झूंड में हमला कर देते हैं। बंदरों के काटने से दर्जनों लोग घायल हो चुके हैं। बीती सांय रेलवे मार्ग पर एक घर की छत पर अकेला पाकर करीब 16 वर्षीय शिवानी पर करीब एक दर्जन बंदरों ने घेर लिया। शिवानी ने बंदरों के डर से छत से ही छलांग लगा दी जिससे उसे काफी चोटें आई हैं। परिजन उसे तत्काल इलाज के लिए दिल्ली ले गए। ऐसे ही वाकये कई जगह हो चुके हैं। लोगों ने बंदरों के आतंक के चलते छतों पर निकलना दूर बल्कि गलियों में निकलने में डर रहता है। लोगों ने घरों पर लोहे की ग्रील लगा रखी हैं। पुरानी अनाजमंडी निवासी राजेश पीपो, सांपला वेलफेयर एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अशोक बंसल, हन्नी, महावीर शर्मा, शशि, कुलदीप वर्मा व अनिल ¨सगला सहित अन्य लोगों का कहना था कि बंदरों ने परेशान कर रखा है। बंदर लोगों पर लगातार हमला कर रहे हैं। बंदरों के आतंक से बच्चों को बचाना मुश्किल हो गया है। वह प्रशासन से कई बार गुहार लगा चुके हैं,लेकिन शासन व प्रशासन बड़े हादसे का इंतजार कर रहे हैं। उनका कहना था कि जल्द ही आलाधिकरियों से मिलकर बंदर पकड़ने की मांग करेंगे।