तीन कृषि कानूनों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई का है यह वक्त : महम विधायक बलराज कुंडू
चौबीसी के चबूतरे पर किसान-मजदूर न्याय युद्ध के तहत धरने व अनशन का रविवार को तीसरा दिन था। विधायक बलराज कुंडू ने कहा कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई का यह वक्त है।
संवाद सहयोगी, महम : चौबीसी के चबूतरे पर किसान-मजदूर न्याय युद्ध के तहत धरने व अनशन का रविवार को तीसरा दिन था। उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए विधायक बलराज कुंडू ने कहा कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई का यह वक्त है। संकट की इस घड़ी में किसान चुप नहीं बैठ सकते। तीनों कानूनों के खिलाफ किसान-कमेरे की इस लड़ाई को पूरी मजबूती से लड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर हम आज चुप बैठे रहे तो अपने बच्चों के अंधकारमय भविष्य के लिए हम खुद जिम्मेदार होंगे। दूसरी ओर, रविवार को कई जिलों के किसान संगठनों के अलावा कई कर्मचारी संगठन और कई गांव के सरपंच भी किसान-मजदूर न्याय युद्ध के इस अनशन एवं धरने को समर्थन देने चौबीसी के चबूतरे पर पहुंचे। रोडवेज यूनियन के प्रांतीय प्रधान दलबीर किरमारा ने भी महम पहुंच कर इस समर्थन दिया। वहीं, शनिवार को अनशन पर बैठे सुरेंद्र तालु, सोनू राठी, नरेंद्र मान, ताराचंद, सुरेंद्र, राजकुमार, तेजू, कैप्टन राजबीर, जितेंद्र भगत, जियानंद व अजय को हवन यज्ञ के बाद जूस पिलाया और उनका अनशन समाप्त कराया। उनके स्थान पर तीसरे दिन विभिन्न जिलों के 31 नए युवाओं को फूल मालाएं पहनाकर अनशन शुरू कराया गया। इस दौरान संतोष सिंहपुरा, भतेरी निदाना, रामपति, उमेश आदि महिलाएं भी काफी संख्या में मौजूद रही।
रविवार को ये बैठे अनशन पर :
रविवार को अनशन पर बैठने वालों में प्रहलाद सिंह, तेजबीर व नरेश कुंडू, शंकर व सुमित, रविद्र मलिक, जसविदर ढुल, प्रमोद काकड़ोद, दीपक फौजी मकड़ौली, नवीन मातो भैणी, सुंडा प्रधान व मनोज मातो भैणी, दीपक बडाली, सोनू सहारण, दिलावर बहलबा, सुशील बडाली, तेजबीर भैणी मातो, बलजीत साहब, जगबीर व भरत सिंह घडोठी, दीपक लाखनमाजरा, नीरज शर्मा व हेमंत शर्मा सिंहपुरा, रामधन लाखनमाजरा, ओमबीर मास्टर अजायब एवं खुशीराम भैणी शामिल रहे।