तीन दिन से कोरोना संक्रमित मरीज के शव को लेकर भटक रहे परिजन
चरखी दादरी में कोरोना संक्रमित मरीज की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद पोस्टमार्टम के लिए परिजनों को तीन दिन भटकना पड़ा। परिजनों की मेहनत के बाद बृहस्पतिवार शाम को पीजीआइएमएस के चिकित्सकों के बोर्ड ने मरीज का पोस्टमार्टम किया। परिजनों का आरोप है कि दादरी के जिला प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों की लापरवाही के कारण पोस्टमार्टम में देरी हुई। यदि समय से पुलिस अपनी कार्रवाई कर लेती तो परिजनों को तीन दिन तक भटकना न पड़ता।
जागरण संवाददाता, रोहतक : चरखी दादरी में कोरोना संक्रमित मरीज की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद पोस्टमार्टम के लिए परिजनों को तीन दिन भटकना पड़ा। परिजनों की मेहनत के बाद बृहस्पतिवार शाम को पीजीआइएमएस के चिकित्सकों के बोर्ड ने मरीज का पोस्टमार्टम किया। परिजनों का आरोप है कि दादरी के जिला प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों की लापरवाही के कारण पोस्टमार्टम में देरी हुई। यदि समय से पुलिस अपनी कार्रवाई कर लेती तो परिजनों को तीन दिन तक भटकना न पड़ता।
हुआ यूं कि चरखी दादरी निवासी 39 वर्षीय एक व्यक्ति की कोविड रिपोर्ट एक जून को पॉजिटिव आई थी। जिसके बाद मरीज को दादरी के ही अस्पताल में भर्ती किया गया था। इसके बाद दो जून को परिजनों को सूचना दी गई कि मरीज की कोविड से मौत हो गई है। जानकारी करने पर पता चला था कि मरीज रात को उठकर बाथरूम के लिए गया था और वहीं पर गिर गया था। इसके बाद स्टाफ ने कोई ध्यान नहीं दिया था। सुबह करीब सात बजे परिजनों को फोन पर मौत की सूचना दी गई थी। परिजनों का कहना है कि मरीज को कोविड के अलावा अन्य कोई बीमारी नहीं थी, और कोविड में भी उसे न तो सांस लेने में समस्या थी और न ही अधिक तेज बुखार था। इसके बाद परिजनों ने शव का पोस्टमार्टम कराने की मांग की थी। जिस पर दादरी प्रशासन ने बोर्ड द्वारा पोस्टमार्टम कराने की बात कही थी। बृहस्पतिवार को शव पोस्टमार्टम के लिए पीजीआइएमएस भेज दिया था। इस दौरान पुलिस ने न तो शिकायत के आधार पर कोई कार्रवाई की और न ही किसी परिजन के बयान लिए, जिसके चलते पीजीआइ के चिकित्सकों ने भी पुलिस रिपोर्ट न होने तक पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था। परिजनों की कड़ी मेहनत और अधिकारियों से बार-बार शिकायत के बाद बृहस्पतिवार शाम दादरी पुलिस मौके पर पहुंची, जिसके बाद शाम को पोस्टमार्टम किया गया। परिजनों ने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन और पुलिस की लापरवाही के कारण शव को तीन दिन तक इधर-उधर भेजा जाता रहा, लेकिन पोस्टमार्टम नहीं हो सका है।
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परिजन शव लेकर पीजीआइ पहुंचे थे, लेकिन संदिग्ध परिस्थिति में मौत के मामले में पुलिस केस होना चाहिए था, पुलिस को भी मौके पर मौजूद होना चाहिए था, लेकिन ऐसा न होने के कारण शव के पोस्टमार्टम में देरी हुई। पुलिस की प्रक्रिया पूरी होने के बाद शव का पोस्टमार्टम करा दिया गया था।
डा. एसके धत्तरवाल, विभागाध्यक्ष, फॉरेंसिक विभाग, पीजीआइएमएस।