जाट संघर्ष समिति का ऐलान- वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु का हुक्का-पानी बंद
जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने हरियाणा के वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु का हुक्का-पानी बंद करने का ऐलान किया है। उनके साथ संपर्क रखने जाटों का भी सामाजिक बहिष्कार होगा।
जेएनएन, रोहतक। जाट नेताआें की गिरफ्तारी से नाराज अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने हरियाणा के वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु का हुक्का-पानी बंद करने का एेलान किया है। समिति ने कहा कि कैप्टन अभिमन्यु से संपर्क रखने वाले जाटों का भी सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा। जसिया में आयोजित समिति की कार्यकारिणी की बैठक में कई बड़े निर्णय किए गए। सरकार के खिलाफ गांव-गांव में पंचायत कर निंदा प्रस्ताव भी पारित किया जाएगा।
कहा- हरियाणा के वित्तमंत्री से संपर्क रखने वाले लोगों के भी सामाजिक बहिष्कार होगा
समिति की जिला कार्यकारिणी की बैठक जसिया में हुई। समिति के प्रदेश महासचिव कृष्णलाल हुड्डा ने बताया कि जिला कार्यकारिणी की बैठक में विचार-विमर्श के बाद निर्णय किया गया कि पवन हुड्डा और सोमबीर को जिस तरह सीबीआइ ने गिरफ्तार किया है वह गलत है। दोनों को भगोड़ा घोषित कर गिरफ्तारी दिखाई गई। यह जाट समाज के मुंह पर तमाचा और आने वाले समय में इसका हिसाब लिया जाएगा।
जसिया में हुई जाटों की बैठक में मौजूद लोग।
उन्हाेंने कहा कि बैठक में निर्णय हुआ कि जिले के हर गांव में पंचायत कर सरकार की नीयत के बारे में जाट समुदाय के लोगों को बताया जाएगा। हर गांव से कम से कम दस ट्रैक्टरों का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा, जो आंदोलन के लिए हर समय तैयार रहेंगे।
12 अगस्त को रोहतक में होगी भाईचारा रैली, रैली में सरकार के खिलाफ लेंगे बड़ा फैसला
उन्हाेंने कहा कि समिति की तरफ से वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु का हुक्का-पानी भी बंद करने का निर्णय किया गया। इसके साथ ही फैसला किया कि जाट समाज का जो भी व्यक्ति कैप्टन अभिमन्यु से संपर्क रखेगा उसका भी सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा। इसके अलावा सीबीआइ ने अब यदि कोई भी गिरफ्तारी की तो इसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। समिति के पदाधिकारियों ने 12 अगस्त को रोहतक में भाईचारा रैली करने का भी एलान किया है। इसमें आंदोलन को लेकर और भी फैसले हो सकते हैं।
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गांवों में पंचायत कर सरकार के खिलाफ होगा निंदा प्रस्ताव पास, आंदोलन के लिए ट्रैक्टरों का रजिस्ट्रेशन
प्रदेश महासचिव कृष्णलाल हुड्डा ने कहा कि हरियाणा सरकार ने जाट समाज के साथ चार बार समझौता किया है, लेकिन हर बार वादाखिलाफी की है। सरकार जाटों के साथ भेदभाव कर रही है। वह राजनीतिक फायदे के लिए समाज को बांटने का काम कर रही है। इसके लिए सरकार से जवाब मांगा जाएगा। जाटों के साथ अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अब सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी।
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पुलिस-प्रशासन की रही नजर
तीन दिन पहले जसिया में हुई प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में सभी जिला कार्यकारिणी को अधिकार दिए गए थे कि वह अपने तरीके से आंदोलन की शुरूआत कर सकते हैं। प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक के बाद ही रविवार को सभी जिलों पर जिला कार्यकारिणी बैठक हुई। इस बैठक को लेकर पुलिस-प्रशासन भी सचेत रहा। पुलिस-प्रशासन को डर था कि बैठक के बाद कहीं जाट समाज सड़क पर न आ जाए। इसीलिए आयोजन स्थल के आसपास सादी वर्दी में पुलिसकर्मी भी तैनात किए गए थे, जो पल-पल की जानकारी उच्च अधिकारियों को दे रहे थे।