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Paris Olympics 2024: भारतीय महिला पहलवान अबकी बार पेरिस ओलिंपिक में रच सकती हैं इतिहास

भारतीय महिला पहलवान पेरिस ओलिंपिक ( Paris Olympics 2024 Hindi News) में अबकी बार इतिहास रच सकती हैं। चार भार वर्ग में पहलवान कोटा दिला चुकी हैं। दो भार वर्ग में नौ मई से फैसला होगा। पुरूष वर्ग में इस बार एक भी पहलवान देश को ओलिंपिक कोटा नहीं दिला सका है। अंतिम पंघाल विनेश फोगाट अंशु मलिक व रितिका हुड्डा कोटा दिला चुकी हैं।

By Omparkash Vashisht Edited By: Monu Kumar Jha Published: Mon, 22 Apr 2024 03:33 PM (IST)Updated: Mon, 22 Apr 2024 03:33 PM (IST)
Haryana News: पेरिस ओलिंपिक में अबकी बार इतिहास रच सकती है भारतीय महिला पहलवान।

ओपी वशिष्ठ,रोहतक। (Haryana Hindi News) भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) और महिला पहलवानों के बीच हुए विवाद के कारण कुश्ती पर काफी प्रभाव पड़ा। लेकिन भारतीय महिला पहलवानों ने अपने हौसलों से वापसी करते हुए पेरिस ओलिंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करने रिकॉर्ड बनाने की दिशा में आगे बढ़ गई हैं।

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महिला पहलवान (Women Wrestlers) चार भार वर्ग में देश को कोटा दिला चुकी हैं और दो भार में तर्किये में नौ मई से होने वाले वर्ल्ड ओलिंपिक क्वालिफायर में कोटा मिलने की संभावना है। अगर शेष बचे भार वर्ग में कोटा हासिल कर लिया तो महिला वर्ग के सभी छह भार में पेरिस ओलिंपिक ( Paris Olympics Hindi News)) में देश का प्रतिनिधित्व होगा, जो ओलिंपिक के इतिहास में रिकॉर्ड होगा। विनेश फोगाट ने 50 किग्रा, अंतिम पंघाल ने 53 किग्रा, अंशु मलिक ने 57 किग्रा और रीतिका हुड्डा 76 किग्रा में कोटा हासिल कर चुकी हैं।

विनेश फोगाट ने तीसरी बार दिलाया ओलिंपिक कोटा

चरखी दादरी (Charkhi Dadri News) के बलाली गांव की विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) ने तीसरी बार ओलिंपिक में देश को कोटा दिलाने का काम किया है। पहली बार 2016 रियो ओलिंपिक में मैट पर उतरी थी, लेकिन घुटने में चोट के चलते बिना पदक के वापस लौटना पड़ा। 2020 टोक्यो ओलिंपिक में फिर देश का प्रतिनिधित्व किया लेकिन यहां भी पदक से चूक गई।

इस बार विनेश ने 50 किग्रा भार वर्ग में देश को कोटा दिलाया है। जिस तरह से बिश्केक में विनेश ने एकतरफा मुकाबले जीतकर कोटा हासिल किया है, उससे लगता है कि पेरिस में पदक ला सकती है। बता दें कि विनेश ने भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व प्रधान बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आंदोलन छेड़ा और लंबे समय तक धरने-प्रदर्शन किए।

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 अंतिम पंघाल ने एशियन गेम्स में हासिल किया कोटा

हिसार (Hisar News) की अंतिम पंघाल ने देश को सर्बिया के बेलग्रेड में विश्व चैंपियनशिप में महिलाओं की 53 किग्रा फ्रीस्टाइल में कांस्य पदक जीतकर भारत के लिए ओलिंपिक कोटा हासिल किया था। महिला वर्ग में अंतिम ने सबसे पहले देश को पेरिस ओलिंपिक का कोटा दिलाया है। हालांकि इस भार वर्ग में विनेश फोगाट देश के लिए खेलती रही हैं। लेकिन विश्व चैंपियनशिप से पहले ही विनेश पैर में चोट के कारण हट गई थी, जिसके स्थान पर अंतिम को मौका मिला।

अंशु मलिक दूसरी बार ओलिंपिक में उतरेगी

जींद (Jind News) के गांव निडानी निवासी अंशु मलिक लगातार दूसरी बार 57 किग्रा भार वर्ग में भारत को ओलिंपिक कोटा दिलाने वाहली महिला पहलवान हैं। टोक्यो ओलिंपिक में भी अंशु ने देश का प्रतिनिधित्व किया था। लेकिन पदक दिलाने में सफल नहीं हुई थी। अब फिर से पेरिस ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई कर लिया है। बिश्केक में आयोजित प्रतियोगिता में अंशु ने गजब का प्रदर्शन करते हुए प्रतिद्वंद्वी पहलवानों को पटकनी दी।

सैनिक की बेटी रीतिका ने 76 किग्रा में पहली बार दिलाया कोटा

मूल रूप से गांव खरकड़ा निवासी रीतिका अपने परिवार के साथ अस्थल बोहर में रहती है। छोटूराम स्टेडियम में सरकारी कोच मनदीप कुमार की अकेडमी में 2014 से प्रैक्टिस करती हैं। रीतिका ने बिश्केक में रितिका ने चाइनीज ताइपे की ह्य टी चांग को 7-0 से हराकर फाइनल में जगह बनाई। रीतिका हुड्डा के पिता सेना से रिटायर हैं अौर भाई भी आर्मी में भर्ती होकर देश की सेवा कर रहे है। रीतिका अपने परिवार में पहली पहलवान हैं, जो ओलिंपिक तक का सफर तय करने वाली है।

मानसी अहलावत और निशा दहिया से तुर्किये में उम्मीद

मूल रूप से झज्जर (Jhajjar News) के गांव शेरिया की पहलवान मानसी अहलावत रोहतक में छोटूराम स्टेडियम में कोच मनदीप कुमार की अकादमी में नौ वर्षों से प्रैक्टिस कर रही है। मानसी ने बिश्केक में बेहतर प्रदर्शन करते हुए सेमीफाइनल में जगह बनाई। लेकिन अंतिम दो में नहीं पहुंच सकी।

एक जीत से दूर रहकर पेरिस ओलिंपिक का कोटा हासिल नहीं कर सकी। इसी तरह रोहतक (Rohtak News) के सत्यवान कादियान अखाड़ा में प्रैक्टिस कर रही निशा दहिया 68 किग्रा भार वग में सेमीफाइनल में जगह बनाने से चूक गई।

अब इन दोनों महिलाओं के लिए तुर्किये में नौ मई से शुरु हो रहे वर्ल्ड क्वालिफायर टूर्नामेंट में पेरिस ओलिंपिक के लिए कोटा हासिल करने का एक और मौका मिलेगा। हालांकि भारतीय कुश्ती संघ इनकी जगह अन्य पहलवानों को भी भेजा सकता है। लेकिन इनकी ही ज्यादा उम्मीद है।

गीता फोगाट पहली महिला पहलवान गई थी ओलिंपिक

दंगल गर्ल गीता फोगाट (Geeta Phogat) देश की पहली महिला पहलवान हैं। जो ओलिंपिक में गई थी। गीता फोगाट ने 2012 लंदन ओलिंपिक में देश का प्रतिनिधित्व किया था। लेकिन पदक नहीं जीत सकी थी। 2014 में तीन महिला पहलवान गई। जिसमें साक्षी मलिक ने कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचा। बबीता फोगाट (Babita Kumari Phogat) और विनेश फौगाट भी गई थी। 2020 टोक्यो ओलिंपिक में चार महिला पहलवान सीमा बिस्ला, विनेश फौगाट, अंशु मलिक और सोनम मलिक देश का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं।

भारतीय महिला पहलवान सभी छह भार वर्ग में कोटा हासिल करेंगी और पेरिस ओलिंपिक में तीन से चार पदक जीतकर लौटेंगी। चार पहलवान कोटा हासिल कर चुकी है। मानसी दहिया मामूली चूक से रह गई। लेकिन तुर्किये में दोनों भार वर्ग में कोटा मिलने की उम्मीद है।

मनदीप कुमार, कुश्ती कोच, रोहतक

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