सजा के भय से जेल में गुरमीत की भूख और प्यास गायब, सिरसा डेरा में तनावपूर्ण शांति
रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में दोषी ठहराए जाने के बाद गुरमीत राम रहीम सुनारिया जेल में बेहद तनाव में है। उसकी भूख-प्यास गायब हो गई है। डेरा सच्चा सौदा में तनावपूर्ण शांति है।
रोहतक/सिरसा, जेएनएन। पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद राेहतक की सुनारिया जेल में बंद गुरमीत राम रहीम बेहद तना में है। पंचकूला की विशेष सीबीआइ अदालत द्वारा फैसला सुनाए जाने के बाद से गुमरीत की भूख-प्यास गायब हाे गई है। वह गुमसुम अपनी बैरक में घूमता रहता है। दूसरी ओर, सिरसा के डेरा सच्चा सौदा में तनावपूर्ण शांति है। रोहतक और सिरसा में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। छत्रपति हत्याकांड में गुरमीत सहित चारों दोषियों को 17 जनवरी को सजा सुनाई जाएगी।
देर रात तक बैरक में गुमसुम टहलता रहता है डेरा सच्चा सौदा प्रमुख
गुरमीत राम रहीम दो साध्वियों से दुष्कर्म मामले में अभी राेहतक की सुनारिया जेल में 20 साल कैद की सजा काट रहा है। पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में दोषी ठहराए जाने के बाद से गुरमीत राम रहीम बेहद तनाव में नजर आ रहा है। उसकी भूख और प्यास गायब हो गई है। उसकी रात की नींद और दिन का चैन दिन गया है। जेल सूत्रों के अनुसार राम रहीम की बेचैनी बढ़ गई है। उसे न तो भूख लग रही है और न ही प्यास। रातभर वह करवटें बदलता रहता है। उसने सुबह ढंग से नाश्ता भी नहीं किया। इसके पीछे हत्या के मामले में कड़ी सजा मिलने का डर है। अब तो उसे 17 जनवरी को सजा सुनाए जाने का इंतजार है।
राेहतक की सुनारिया जेल।
सिरसा डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को पंचकूला स्थित सीबीआइ की विशेष अदालत ने शुक्रवार को पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में दोषी करार दिया था। इस दौरान राम रहीम सुनारिया जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश हुआ। दोषी ठहराए जाने के बाद गुरमीत तनाव में आ गया। उसने शुक्रवार रात को ढंग से खाना खाया और गुमसुम बैरक में टहलता रहा। शनिवार को भी उसका यही हाल रहा। वह बैरक और उसके बाहर गुमसुम टहलता रहता है। नंबरदारों ने उसकी पहले से ज्यादा निगरानी शुरू कर दी है।
नहीं मिला है मेहनताना
दुष्कर्म के मामले में सजा मिलने के बाद जेल प्रशासन ने गुरमीत को बागवानी का काम सौंपा था। जेल में वह अभी तक डेढ़ क्विंटल आलू उगा चुका है। वर्तमान में उसने पालक, गोभी और मूली की खेती की है। पालक और मूली तो जेल में इस्तेमाल भी की जा रही है। रोजाना कार्य के बदले उसे 40 रुपये मेहनताना मिलता है। राजपत्रित अवकाश और रविवार को छोड़कर सभी दिन राम रहीम को काम करना पड़ता है। अगस्त 2017 से लेकर अभी तक का मेहनताना राम रहीम को नहीं मिला है, क्योंकि उसके सभी बैंक खाते सील हैं। अभी तक जेल में जो खर्च हो रहा है, वह जेल नियमों के मुताबिक परिजनों की ओर से दिया जा रहा है।
गुरमीत की दाढ़ी हो चुकी है पूरी तरह सफेद, मांगने के बाद भी रंगने को नहीं मिला कलर
साध्वियों से दुष्कर्म मामले में रामरहीम को सीबीआइ अदालत ने 20 साल की सजा अगस्त 2017 में सुनाई थी। उसे जेल में वर्ष 2037 तक रहना होगा। जब तक सजा पूरी होगी, तब तक राम रहीम की उम्र 70 साल हो चुकी होगी। अगर पत्रकार हत्याकांड में उम्रकैद की सजा सुनाई गई तो रामरहीम को जिंदगी भर जेल की रोटियां खानी पड़ेंगी। शुरू में जेल में उसने सफेद होती दाढ़ी को रंगने के लिए जेल प्रशासन से कलर भी मांगा था, लेकिन उस वक्त नहीं मिला। अब उसकी दाढ़ी पूरी तरह से सफेद हो चुकी है।
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सिरसा में कड़े सुरक्षा प्रबंध, पुलिस की कर रही है गश्त
रामचंद्र छत्रपति की हत्या मामले में गुरमीत राम रहीम को दोषी करार दिए जाने के बाद सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा में तनावपूण्र शांति है। डेरा सच्चा सौदा के अासपास और सिरसा शहर में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। शुक्रवार और शनिवार रात को भी डेरा की तरफ जाने वाले मार्गों पर पुलिस पेट्रोलिंग करती रही। 17 जनवरी को डेरा प्रमुख को सजा सुनाने तक सिरसा में सुरक्षा कड़ी रहेगी। पुलिस ने सिरसा में 12 पुलिस कंपनियां तैनात की हैं और 16 जगहों पर पुलिस नाके लगाए गए हैं।
सिरसा में तैनात पुलिस और सुरक्षा जवान।
नए और पुराने डेरे की तरफ जाने वाले रास्तों पर कड़ा पहरा
नए और पुराने डेरे की तरफ की जाने वाले रास्तों पर रात में कड़ी सुरक्षा रही। पुलिस रातभर पेट्रोलिंग करती रही। वाहनों की जगह-जगह रोक कर तलाशी भी ली गई। पुलिस टीम ने पैदल जा रहे लोगों से पूछताछ की। वहीं डेरा सच्चा सौदा में कोई चहल पहल नजर नहीं आई। अस्पताल में कुछ चहल पहल दिखी। पुलिस ने डेरे के समीप बिजलीघर और वीटा मिल्क प्लांट के बाहर भी सुरक्षा रखी। पुलिस ने कई स्थानों पर वीडियोग्राफी भी करवाई गई।
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छत्रपति के बेटे को बधाई देने वालों का लगा रहा तांता
पत्रकार रामचंद्र छत्रपति का बेटा अंशुल छत्रपति शनिवार को सिरसा स्थित आवास पर पहुंचा। आवास पर सुबह से ही बधाई देने वालों का तांता लगा रहा। अंशुल छत्रपति के चेहरे पर फैसले के बाद रौनक दिखी। अंशुल ने लोगों से कहा कि साथ देने वालों से ही हौसला मिला। इसी से हमें न्याय मिला है।
सिरसा में वाहनों की जांच करते पुलिसकर्मी।
सोशल मीडिया पर छत्रपति को दे रहे हैं श्रद्धांजलि
डेरा प्रमुख को पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्या मामले में जैसे ही दोषी माना गया, उसके बाद सोशल मीडिया पर पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की चर्चा तेज हो गई। सोशल मीडिया पर छत्रपति को श्रद्धांजलि दी जा रही है। फेसबुक और वाट्सएप पर उन्हें निडर व सच लिखने वाला व अन्य कमेंट लिखे जा रहे हैं।