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हुड्डा की बीरेंद्र को चुनौती, मंत्री पर व रास से इस्‍तीफा देकर उनसे लड़ें चुनाव

पूर्व मुख्‍यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह को चुनौती दी है कि वह मंत्री पद और राज्‍ससभा से इस्‍तीफा देकर उनके खिलाफ चुनाव लड़ें।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 28 Dec 2016 08:53 AM (IST)Updated: Wed, 28 Dec 2016 08:59 AM (IST)

जेएनएन, रोहतक। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने केंद्रीय इस्पात मंत्री बीरेंद्र सिंह को अपने खिलाफ चुनाव लड़ने की खुली चुनौती दी है। उन्हाेंने कहा कि बींरेंद्र उनसे चुनाव लड़ने के लिए दो साल का इंतजार न करें। अभी मंत्री पद व राज्यसभा की सदस्यता से त्याग पत्र देकर किलाई से मैदान में आ जाएं। वह भी विधानसभा से इस्तीफा दे देंगे। जो हारेगा उसे राजनीति से संन्यास लेना पड़ेगा।

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यहां पत्रकारों से बातचीत ने हुड्डा ने कहा कि वह किलोई केवल नामाकंन पत्र भरने जाएंगे और हल्के की जनता ही उनका चुनाव लड़ेगी। बता दें कि ने 25 दिसंबर को सांपला में हुई भाजपा की सुशासन रैली में बीरेंद्र सिंह ने कहा था कि वह गढ़ी-सांपला-किलोई विधानसभा क्षेत्र से हुड्डा के खिलाफ चुनाव लड़ने को तैयार हैं और उन्हें हराएंगे। बीरेंद्र ने सीएम मनोहर लाल से कहा था कि या तो वह किलोई से हुड्डा के खिलाफ चुनाव लड़े अन्यथा वह खुद (बीरेंद्र) मैदान में उतरेंगे।

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हुड्डा ने कहा, हरियाणा में कोई भी मुख्यमंत्री बने बीरेंद्र सिंह उसी को ही अपना भाई बना लेते हैं। लेकिन, बीरेंद्र सिंह असल में मेरे भाई हैं और वे बौखलाहट में बयानबाजी कर रहे हैं। पहले भजनलाल मुख्यमंत्री बने तो वह उनके भाई बन गए और फिर मैं मुख्यमंत्री था तो बीरेंद्र भाई थे। आज मनोहरलाल मुख्यमंत्री हैं तो बीरेंद्र उनके भाई है।

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उन्होंने कहा कि दरअसल चौधरी बीरेंद्र सिंह के मन में मुख्यमंत्री नहीं बन पाने की टीस है और यही टीस उनको कभी मुख्यमंत्री नहीं बनने देगी। मुख्यमंत्री प्रदेश की जनता तय करती है। उन्होंने भाजपा नेताओं पर दोहरी भाषा बोलने का आरोप लगाया। हुड्डा ने कहा कि भाजपा के नेता लोगों को गुमराह कर रहे है।

उन्होंने कहा कि भाजपा नेता पहले कहते थे कि हुड्डा ने अपने शासनकाल में अपने हल्के में सबसे अधिक विकास कार्य किए हैं, लेकिन आज वे बोल रहे हैं कि विकास कार्यों में पूर्व मुख्यमंत्री का हलका पिछडा हुआ है। इसके भाजपा की दोगली नीति सामने आई है।

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उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासनकाल के दौरान उन्होंने एक समान विकास कार्य करवाए थे। भाजपा ने सवा दो साल के शासन काल में एक भी नया प्रोजेक्ट शुरू नहीं किया है और सरकार सिर्फ कांग्रेस शासनकाल में मंजूर प्रोजेक्टों के रिबन काटकर झूठी वाह-वाही लूट रही है और प्रदेश की जनता को बरगलाने का प्रयास कर रही है।

उन्होंने सांपला में भाजपा की सुशासन रैली को पूरी तरह फ्लाप करार दिया और कहा कि जो घोषणा मुख्यमंत्री ने सांपला को उपमंडल का दर्जा देने की है वह कांग्रेस ने पहले ही कर दी थी। फरवरी 2014 में इस संबंध में अधिसूचना भी जारी हो चुकी थी, लेकिन चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण वह घोषणा लागू नहीं हो सकी।

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पूर्व सीएम ने कहा कि सरकार राजनीति द्वेष भावना से उनके खिलाफ काम कर रही है, लेकिन वह किसी भी जांच से डरते नहीं है। उन्होंने अपने शासनकाल में कोई गलत काम नहीं किया है। नोटबंदी के फैसले पर उन्होंने कहा कि सरकार ने यह फैसला जल्दबाजी में लिया है। आज बैकों व एटीएम के बाहर सिर्फ किसान, मजदूर, गरीब आदमी लगे हैं। जिनके पास सिर्फ अपनी मेहनत की कमाई है और आज वहीं लोग अपने पैसों को पाने के लिए लाइनों में खड़े है, लेकिन कालेधन वाले कतार में नजर नहीं आ रहे।

पूर्व सीएम ने एसवाइएल मामले पर कहा कि जब तक पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह यह घोषणा नहीं करते कि हरियाणा को उसके हिस्से का पानी मिलेगा, वह चुनाव प्रचार के लिए पंजाब नहीं जाएंगे। इस अवसर पर विधायक आनंद सिंह दांगी, डॉ. रघुवीर सिंह कादियान, पूर्व विधायक संत कुमार, भारत भूषण बत्तरा, मेयर रेणु डाबला व अजय सिंघानियां मौजूद रहे।


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