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कोरोना काल में खुले सरकारी स्कूल, पहले दिन नाम मात्र के ही विद्यार्थी परामर्श लेने पहुंचे

कोरोना काल के बीच शिक्षा विभाग की ओर से खोले गए स्कूलों में सोमवार को पहले दिन नाम मात्र के ही विद्यार्थी पहुंचे।

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Sep 2020 07:30 AM (IST)Updated: Tue, 22 Sep 2020 07:30 AM (IST)
कोरोना काल में खुले सरकारी स्कूल, पहले दिन नाम मात्र के ही विद्यार्थी परामर्श लेने पहुंचे
कोरोना काल में खुले सरकारी स्कूल, पहले दिन नाम मात्र के ही विद्यार्थी परामर्श लेने पहुंचे

जागरण संवाददाता, रोहतक : कोरोना काल के बीच शिक्षा विभाग की ओर से खोले गए स्कूलों में सोमवार को पहले दिन नाम मात्र के ही विद्यार्थी पहुंचे। कहीं एक या दो तो कहीं सात या आठ और कहीं 20 से 30 विद्यार्थी पहुंचे। पहले दिन स्कूलों में विद्यार्थियों के पहुंचने का सिलसिला सुबह से दोपहर बाद तक चला। अधिकारियों ने स्कूलों में इंतजाम भी दुरुस्त होने का दावा किया है। उधर, विद्यार्थियों ने कहा कि महीनों में बाद स्कूल में आकर अच्छा लगा, लेकिन कोरोना से बचाव को लिए एहतियात बरत रहे हैं। शहर के स्कूलों में गेट पर ही विद्यार्थियों के हाथ सैनिटाइज किए गए। वहीं, उनकी थर्मल स्क्रीनिग भी की गई। जिसके बाद ही वे अपने शिक्षकों के पास परामर्श के लिए गए। गांधी कैंप स्थित राजकीय कन्या स्कूल की इंचार्ज सरिता का कहना है कि महीनों बाद बच्चों को स्कूल में देख अच्छा लग रहा है। स्कूल में बच्चों को परामर्श के लिए बुलाया गया है। जिसके बाद उनको घर भेज दिया जा रहा है। स्कूल में भी आधे घंटे से ज्यादा समय तक बच्चों को नहीं रखा जा रहा है।

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उधर, मॉडल टाउन स्थित शहीद कैप्टन दीपक शर्मा राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में भी कम की छात्राएं परामर्श के लिए पहुंची। हालांकि स्कूल में दाखिला लेने के लिए भी अभिभावकों के साथ एकाध छात्रा पहुंची नजर आई। शिक्षकों का कहना है कि तमाम नियमों का पालन किया जा रहा है कोरोना से बचाव की एहतियात बरती जा रही है। स्कूल को सैनिटाइज भी किया गया।

वहीं, भिवानी रोड स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में 30 से अधिक विद्यार्थी पहुंचे। शिक्षकों का कहना है कि नौवीं से बारहवीं तक के विद्यार्थी यहां अलग अलग समय पर परामर्श के लिए पहुंचे। जिला के ज्यादातर स्कूलों में कमोबेश ऐसी ही स्थिति बनी रही। पहले दिन किसी भी स्कूल में अधिक विद्यार्थी नहीं पहुंचे। जानकारों की मानें तो जिला में नौवीं से 12वीं के हैं 163 सरकारी स्कूल हैं, जिनमें पहले दिन कहीं इकाई के अंक में तो कहीं दहाई के अंक में ही विद्यार्थियों की संख्या देखी गई।

प्राइवेट स्कूल छोड़ सरकारी में दाखिला :

राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय गांधी कैंप में पहुंची 11वीं कक्षा की छात्रा दीक्षा व गुंजन ने कहा कि उन्होंने प्राइवेट स्कूल छोड़कर गांधी कैंप के इस राजकीय स्कूल में दाखिला लिया है। कोरोना काल में महीनों बाद स्कूल में आकर अच्छा लग रहा है। हालांकि ऑनलाइन पढ़ाई कराई जा रही है लेकिन आमने-सामने परामर्श की बात ही कुछ और है। कोरोना के चलते वे कई महीनों से घरों में ही रहकर ऑनलाइन कक्षाएं लगा रही हैं। कोरोना का भय जरूर है लेकिन एहतियात बरती जा रही हैं। कराई गई मॉनीटरिग

सोमवार से खोले गए स्कूलों में नियमों का कितना पालन हो रहा है और कितने विद्यार्थी स्कूलों में पहुंच रहे हैं। जिनकी मॉनीटरिग भी विभाग की ओर से कराई गई है। भिवानी रोड स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में डाइट मदीना से सतीश की अगुवाई में टीम मॉनीटरिग के लिए पहुंची। उन्होंने तय मापदंडों की जांच की और विद्यार्थियों से बातचीत भी की। साथ ही कहा कि किसी भी विद्यार्थी को अगर किसी भी विषय में कोई समस्या आ रही है तो वे शिक्षकों से परामर्श ले सकते हैं। वहीं ऑनलाइन कक्षाएं भी जारी रखें।

वर्जन.

मार्च से ही स्कूल बंद रहे हैं। हालांकि घरों में रहकर ऑनलाइन पढ़ाई की है। लेकिन 11वीं की नई कक्षा में होने के बाद कुछ समस्याएं आई, जिनके समाधान के लिए स्कूल आई हूं। स्कूल में आकर अच्छा लगा है।

- डिपी, छात्रा राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय से ही 10वीं कक्षा पास कर 11वीं में हूं। पढ़ाई को लेकर स्कूल आई हूं। अभिभावकों से सहमति पत्र भी लिया है। कोरोना से बचाव के लिए एहतियात बरती जा रही हैं।

- नीतू, छात्रा । विभागीय आदेशों के अनुसार तमाम मापदंड पूरे करते हुए स्कूलों को सोमवार से परामर्श के लिए खोला गया है। नौवीं से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थी जरूरत होने पर अब स्कूलों में परामर्श के लिए आ सकते हैं।

- डा. विजयलक्ष्मी नांदल, जिला शिक्षा अधिकारी रोहतक


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