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फिर निकला महम कांड का भूत, अभय चौटाला सहित सात को कोर्ट का नोटिस

हरियाणा में 1990 में हुए महम कांड का भूत एक बार फिर बाहर आ गया है। अदालत ने इस मामले में अभय चौटाला सहित सात आरोपितों को 1 फरवरी को पेश होने का नोटिस जारी किया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 15 Dec 2018 10:56 AM (IST)Updated: Sat, 15 Dec 2018 10:56 AM (IST)
फिर निकला महम कांड का भूत, अभय चौटाला सहित सात को कोर्ट का नोटिस
फिर निकला महम कांड का भूत, अभय चौटाला सहित सात को कोर्ट का नोटिस

रोहतक, जेएनएन। हरियाणा की राजनीति में एक समय हलचल मचा चुका महम कांड का भूत एक बार फिर सामने आ गया है। 1990 में उपचुनाव के दौरान हुए महम कांड के मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश फखरुद्दीन की अदालत ने हरियाणा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अभय चौटाला को नोटिस जारी किया गया है। उनके अलावा इस मामले में छह अन्‍य आरा‍ेपितों को भी नोटिस जारी किया गया है। सभी काे 29 अभय चौटाला सहित सभी आरोपितों को 1 फरवरी को कोर्ट में पेश होने को कहा गया है।

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फरवरी 1990 को महम विधानसभा में उपचुनाव के दौरान हिंसा हुई थी और फायरिंग की गई थी। इसमें खरक जाटान गांव के रामफल के भाई हरि सिंह की जान चली गई। इस संबंध में रामफल ने इनेलो नेता अभय चौटाला, पूर्व डीजीपी शमशेर सिंह अहलावत, करनाल के पूर्व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुरेश चंद्र, भिवानी के डीएसपी रहे सुखदेव राज राणा, दरियापुर के भूपेंद्र, हिसार जिले के दौलतपुर के पप्पू और फतेहाबाद के गिल्लाखेड़ा गांव निवासी अजित सिंह के खिलाफ ने एफआइआर दर्ज कराई थी।

अधिवक्ता एसएस सांगवान ने बताया कि इससे पहले 26 अक्टूबर की तारीख देकर कोर्ट ने सभी आरोपितों को अपना पक्ष देने के लिए नोटिस जारी किए गए थे, लेकिन नोटिस तामील नहीं हो सके थे। ऐसे में अब कोर्ट ने आदेश जारी किए हैं कि नेता प्रतिपक्ष समेत अन्य सभी आरोपितों को 1 फरवरी को कोर्ट में पेश होने को कहा है। गौरतलब है कि इस मामले में आरोपित रहे डीएसपी सुखदेव राज राणा की कुछ समय पहले मौत हो गई थी, इसके बाद पिछली सुनवाई के दौरान उनका नाम केस से निकाल दिया गया था।

महम कांड के समय ओमप्रकाश चौटाला प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। उनके पिता चौधरी देवीलाल केंद्र ने वीपी सरकार में उप प्रधानमंत्री बनने के बाद हरियाणा के मुख्‍यमंत्री पद से इस्‍तीफा दे दिया था।उनकी जगह ओमप्रकाश चौटाला मुख्‍यमंत्री बनाए गए थे। उस समय ओमप्रकाश चौटाला राज्य विधानसभा के सदस्य नहीं थे और मुख्यमंत्री बने रहने के लिए नियमानुसार, छह माह के अंदर विधानसभा में उनका चुनाव जीतना अनिवार्य था।

चौधरी देवीलाल ने लोकसभा का चुनाव जीतने के बाद महम में अपनी विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद फरवरी 1990 में महम विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव कराया गया था। इसी दौरान मतदान के दिन महम में हिंसा हुई थी और फायरिंग हुई थी। फाय‍रिंग का आरोप अभय चौटाला और उनके कुछ समर्थकों पर लगा था।


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