दस्तावेज चुराकर फर्जी तरीके से बनाई फर्म, करोड़ों का टर्नओवर
पुनीत शर्मा रोहतक लोन के बहाने एक युवक से दस्तावेज लेकर फर्जीवाड़ा किए जाने का मामला प्रक
पुनीत शर्मा, रोहतक
लोन के बहाने एक युवक से दस्तावेज लेकर फर्जीवाड़ा किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। बताया जा रहा है कि दस्तावेजों के आधार पर आरोपित ने एक फर्जी फर्म का पंजीकरण कराते हुए करोड़ों रुपये का लेनदेन कर लिया। जीएसटी और आयकर विभाग के अधिकारियों की जब नजर इस पर पड़ी तो उन्होंने फर्म संचालक को सूचना देते हुए उसके बैंक खाते को फ्रीज कर दिया। पीड़ित का आरोप है कि उसकी सहमति के बिना फर्जीवाड़ा करते हुए फर्म बनाई गई और उससे करोड़ों रुपये का लेनदेन कर लिया गया। पीड़ित ने अधिकारियों को शिकायत देकर आरोपित के खिलाफ जांच कर कार्रवाई की मांग की है।
गांव खरक जाटान निवासी विजय पुत्र सतबीर शर्मा ने डीसी को शिकायत भेजकर बताया कि वह खेतीबाड़ी कर अपना जीवनयापन कर रहा है।
वर्ष 2017 में किसी कार्य के लिए धनराशि की आवश्यकता पड़ी तो बैंक से लोन लेने का मन बनाया। इसके बाद गांव के ही एक व्यक्ति ने लोन दिलाने के लिए संपर्क किया और आधार कार्ड, पैन कार्ड, चैक और फोटो समेत अन्य दस्तावेज ले लिए। आरोप है कि इसके तीन दिन बाद आरोपित ने आधार कार्ड, पैन कार्ड और फोटो तो वापस कर दिए, लेकिन चैक वापस नहीं किए। इसके बाद साइन किए हुए चैक वापस मांगे गए तो आरोपित टालमटोल करने लगा। इसके बाद छह माह पूर्व जीएसटी विभाग की अधिकारी निर्मला फौगाट ने फोन पर अवगत कराया कि उसके नाम से एक फर्म संचालित की जा रही है, और बैंक खाते से करोड़ों का लेनदेन किया गया। जब अधिकारी से मिलने पहुंचा तो पूरे मामले में जानकारी हुई। जिसके बाद अधिकारियों ने उक्त खाते समेत उसके निजी खातों को भी सीज कर दिया। पीड़ित विजय का कहना है कि उसने अपने नाम से कोई फर्म आदि का संचालन नहीं किया है। इसके लिए कई बार अधिकारियों से शिकायत भी की गई, लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं किया जा सका है। पीड़ित का आरोप है कि आरोपित से जब इस फर्जीवाड़े के बारे में बातचीत की तो उसने जान से मारने की धमकी भी दी थी। अधिकारियों से लगाई कार्रवाई की गुहार
पीड़ित विजय ने जिला उपायुक्त डा. यश गर्ग को भेजी शिकायत में बताया कि उसके दस्तावेजों से फर्जीवाड़े को अंजाम दिया गया है। जिसके चलते उसके निजी बैंक खाते को भी फ्रीज कर दिया गया है। अधिकारियों द्वारा दस्तावेजों पर भी नजर रखी जा रही है, जिसके चलते वह कोई कार्य नहीं कर पा रहा है। पीड़ित ने मामले में जीएसटी और आयकर विभाग के अधिकारियों से भी दखल देते हुए कार्रवाई की मांग की है।
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