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दीक्षांत समारोह में डिग्री पाकर खिल उठे छात्राओं के चेहरे

जागरण संवाददाता रोहतक कुछ सालों बाद न जानें क्या समां होगा न जाने कौन दोस्त कहां होग

By JagranEdited By: Published: Tue, 09 Apr 2019 07:47 PM (IST)Updated: Wed, 10 Apr 2019 07:56 AM (IST)
दीक्षांत समारोह में डिग्री पाकर खिल उठे छात्राओं के चेहरे
दीक्षांत समारोह में डिग्री पाकर खिल उठे छात्राओं के चेहरे

जागरण संवाददाता, रोहतक :

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कुछ सालों बाद न जानें क्या समां होगा, न जाने कौन दोस्त कहां होगा, फिर मिलना हुआ तो मिलेंगे यादों में, जैसे सूखे हुए गुलाब मिलते हैं किताबों में.. लाइनों के साथ समारोह का शुभारंभ किया गया। कालेज कैंपस में पढ़ाई कर परीक्षा देने वाली छात्राओं के लिए मंगलवार का दिन कुछ खास रहा। स्नातक व स्नातकोत्तर परीक्षा उत्तीर्ण कर शहर व ग्रामीण क्षेत्र की बेटियों ने जब मुख्याथिति आइआइएम के निदेशक प्रो. धीरज शर्मा के हाथों डिग्री मिली, तो छात्राएं डिग्री पाकर अपनी खुशी छुपा नहीं पाई। ऐसे में डिग्री पाकर हर किसी के चेहरे खिले नजर आए। यह नजारा मंगलवार को राजकीय महिला महाविद्यालय के दीक्षांत समारोह में देखने को मिला। दीक्षांत समारोह में 1253 डिग्री दी गई। समारोह का शुभारंभ कालेज प्राचार्या डा. पूनम भनवाला और मुख्यातिथि आइआइएम के निदेशक प्रो. धीरज शर्मा ने दीप प्रज्जवलित कर किया। प्रो. धीरज शर्मा ने कहा कि छात्राएं अपने जीवन में हर कदम पर प्रेरणा प्राप्त करें। उन्होंने कहा कि सिर्फ डिग्री लेना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि गुणवत्ता हासिल करना भी आवश्यक है। उन्होंने जिज्ञासा, लक्ष्य, सम्मान, और प्रबंधन को जीवन का सोपान बताया। ननद के साथ डिग्री लेने आई काजल

काजल ने बताया कि वह अपनी एमकॉम की डिग्री लेने के लिए अपनी ननद गीता को लेकर आई। वह अपनी ससुराल जींद से आई है। उन्होंने बताया कि उनकी ननद एक रात पहले ही नेपाल से आई थी। जब उन्होंने बताया कि उनका दीक्षांत समारोह है। इतना सुनकर उनकी ननद उनके साथ चलने के लिए तैयार हो गई। ननद गीता ने बताया कि काजल को डिग्री मिलने पर उन्हें बहुत खुशी है। साक्षी ने अपनी डिग्री थमाई चाची के हाथों में

मंच से डिग्री प्राप्त करने बाद साक्षी ने अपनी स्नातक उपाधि चाची मोनिका के हाथों में दी। उपाधि को प्राप्त करने के बाद दोनों की खुशी समा नहीं रही थी। बाबरा मोहल्ला निवासी साक्षी ने बताया कि उनका संयुक्त परिवार है। चाची मुझे अपनी बेटी की तरह प्यार करती हैं। उनकी इच्छा थी कि वह अपनी डिग्री को उनके हाथों में दूं। इन्हें मिली उपाधि

दीक्षांत समारोह में एमए, एमएससी की 156 छात्राओं को स्नातकोत्तर की उपाधि दी गई। बीएससी की 338, बीएससी आर्नस की 102, बीकॉम की 222, बीकॉम आर्नस 87, बीसीए 34, बीबीए 36, बीए 203 और बीए आर्नस की 85 छात्राओं को स्नात्तक व स्नातकोत्तर की उपाधि दी गई।


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