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स्कूली स्तर से ही करना होगा शिक्षा में सुधार, तभी आएंगे अपेक्षित परिणाम

रतन चंदेल रोहतक आधुनिकता के दौर में कहीं न कहीं स्कूली शिक्षा की अनदेखी हो रही है

By JagranEdited By: Published: Wed, 03 Apr 2019 06:32 PM (IST)Updated: Wed, 03 Apr 2019 06:32 PM (IST)
स्कूली स्तर से ही करना होगा शिक्षा में सुधार, तभी आएंगे अपेक्षित परिणाम
स्कूली स्तर से ही करना होगा शिक्षा में सुधार, तभी आएंगे अपेक्षित परिणाम

रतन चंदेल, रोहतक

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आधुनिकता के दौर में कहीं न कहीं स्कूली शिक्षा की अनदेखी हो रही है। तभी परिणाम अपेक्षा के अनुरूप नहीं आ रहे हैं। हालांकि इसमें सुधार हो रहा है लेकिन उतनी तेजी से नहीं, जितना होना चाहिए। कहीं सरकारी स्कूलों में अब भी मूलभूत सुविधाओं का टोटा बना हुआ है, तो कहीं परीक्षा परिणाम अपेक्षा के अनुसार नहीं मिलता हैं। आलम यह हो चुका है कि परीक्षा परिणाम अच्छा न आने पर कई विद्यार्थी तो सुसाइड तक कर लेते हैं, जो न केवल शिक्षा बल्कि समाज के लिए भी गंभीर विषय है। हालांकि सरकारों ने पिछले सालों के दौरान शिक्षा शिक्षा प्रणाली में काफी सुधार का दावा भी किया जा रहा है लेकिन वास्तव में स्कूली स्तर से ही शिक्षा में बहुत सुधार की जरूरत है। तभी अभिभावकों और अधिकारियों की उपेक्षा के अनुरूप परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। हालांकि हुड्डा के दौरान रोहतक में विश्वविद्यालय भी बने हैं। जिनमें पंडित भगवत दयाल यूनिवर्सिटी आफ हेल्थ साइंस और स्टेट यूनिवर्सिटी आफ प्रोग्रामिग एंड विजुअल आ‌र्ट्स शामिल हैं। इनके अलावा बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय में भी बना। जिनमें नए नए कोर्स शुरू हुए। मनोहर सरकार इस दिशा में दो कदम आगे बढ़कर बेहतर शिक्षा के लिए प्रयास कर रही हैं। बता दें कि वर्तमान समय में रोहतक में चार विश्वविद्यालय, 34 महाविद्यालय और 409 सरकारी स्कूल हैं। उधर, बुद्धिजीवियों का मानना है कि समाज में शिक्षा बढ़ेगी तभी अज्ञान का अंधियारा मिटेगा। इसके लिए न केवल सरकारी स्कूलों में सुविधाएं बढ़ाए जाने की जरूरत है बल्कि विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास भी बल दिया जाना आवश्यक है। तभी भारत के बेहतर भविष्य की कल्पना साकार हो सकेगी। अध्यापक प्रशिक्षण की हो आधुनिक विधियां

शिक्षा में नए आयाम स्थापित करने के लिए स्कूली शिक्षा में पहले सुधार जरूरी है। तभी उच्चतर शिक्षा में बड़े स्तर पर गुणवत्ता सुधार संभव होगा। शिक्षक-प्रशिक्षकों की गुणवत्ता से ही आगे चलकर अन्य सभी क्षेत्रों में गुणवत्ता का स्तर निर्धारित होता है। शिक्षा में व्यापारीकरण भी तेजी से बढ़ रहा है, इस दिशा में सरकार को विशेष कदम उठाने होंगे। अध्यापकों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए भी खास जोर देना होगा। पढ़ा वही सकता है जिसमें नया सीखने में रुचि हो, जो अपने अध्यापन में परिस्थितियों के अनुसार परिवर्तन करने को तत्पर रहता हो। मौजूदा दौर में हर एक अध्यापक का प्रशिक्षण आधुनिक विधियों से होना आवश्यक है। हरियाणा बोर्ड का 10वीं कक्षा का परीक्षा परिणाम

- 2015 में 41 फीसद विद्यार्थी पास

- 2016 में 48 फीसद विद्यार्थी पास

- 2017 में 50 फीसद विद्यार्थी पास

- 2018 में 52 फीसद विद्यार्थी पास

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हरियाणा बोर्ड का 12वीं कक्षा का परीक्षा परिणाम

- 2015 में 53 फीसद विद्यार्थी पास

- 2016 में 62 फीसद विद्यार्थी पास

- 2017 में 64 फीसद विद्यार्थी पास

- 2018 में 63 फीसद विद्यार्थी पास

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- जिला में कुल कालेज : 34

- जिला में कुल सरकारी स्कूल: 409 जिला में कुल विश्वविद्यालय : 4

- महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक

- पंडित भगवत दयाल शर्मा यूनिवर्सिटी आफ हेल्थ साइंस, रोहतक

- स्टेट यूनिवर्सिटी आफ प्रोग्रामिग एंड विजुअल आ‌र्ट्स

- बाबा मस्तनाथ यूनिवर्सिटी

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जिला के स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या

वर्ष 2009 में कुल विद्यार्थी : 208009

वर्ष 2015 में कुल विद्यार्थी : 215405 जिला के कालेजों में विद्यार्थियों की संख्या

वर्ष 2009 में कुल विद्यार्थी : 28489

वर्ष 2015 में कुल विद्यार्थी : 34630 स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधारने पर सरकारें विशेष जोर दे रही हैं। इसका असर बच्चों में देखने को भी मिल रहा है। वहीं स्कूलों में सुविधाएं भी समय के अनुसार बढ़ाई जा रही हैं। शिक्षकों को भी आधुनिक प्रशिक्षण देकर उनकी गुणवता में वृद्धि की जा रही है। स्कूली शिक्षा ही देश के भविष्य की नींव है।

- परमेश्वरी हुड्डा, जिला शिक्षा अधिकारी, रोहतक


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