पानी को लेकर मचा हाहाकार गांव के साथ शहर में भी पेयजल की किल्लत
जागरण संवाददाता, रोहतक : गर्मी बढ़ने के साथ ही जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की किल
जागरण संवाददाता, रोहतक :
गर्मी बढ़ने के साथ ही जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की किल्लत आए दिन बढ़ती जा रही है। शहरों से लेकर गांवों तक पेयजल संकट गहराने लगा है। पेयजल को लेकर जिले में चारों ओर हाहाकार मचा हुआ है। पेयजल की आपूर्ति नहीं होने के कारण शहर से लेकर गांव तक आए दिन लोग धरना प्रदर्शन और सड़क जाम कर रहे है। वहीं जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को ग्रामीण क्षेत्रों में बंधक बनाने का डर सता रहा है। जिस कारण अधिकारी गांवों में जाने से कतरा रहे हैं।
जिले के आधे से अधिक गांवों में पेयजल का गहरा संकट है। ग्रामीण क्षेत्रों में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। वहीं बृहस्पतिवार को सेक्टर एक और हाउ¨सग बोर्ड, सेक्टर-14, ऑफिसर कालोनी सहित कई कॉलोनियों में पेयजल का संकट छाया रहा। हुडा के वाटर वर्क्स से सामान्य दिनों में सुबह छह बजे से आठ बजे व शाम को साढ़े चार बजे से छह बजे तक पानी की सप्लाई होती है लेकिन गर्मी का मौसम शुरू होते ही दो सप्ताह से शहर के तमाम सेक्टरों और कॉलोनियों में आपूर्ति घट गई है। जिन क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति हो रही है, वहां भी लो प्रेशर की समस्या के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा बृहस्पतिवार को गढ़ी सांपला में एक माह से जलघर से पेयजल आपूर्ति नहीं होने के कारण ग्रामीणों ने जलघर पर ताला जड़ दिया और जमकर हंगामा किया। इस दौरान मौके पर पहुंचे जनस्वास्थ्य विभाग के जेई को ग्रामीणों ने एक घंटे तक जलघर से नहीं जाने दिया। जिले के कई गांवों में जलघर से तीन दिन में एक बार पेयजल की आपूर्ति हो रही है तो कई गांवों में बिजली नहीं कम आने के कारण लोगों को पेयजल की किल्लत से जूझना पड़ रहा है। वहीं जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को गांवों में बंधक बनाने का डर सका रहा है। जिस कारण विभाग के अधिकारी और कर्मचारी अब ग्रामीण क्षेत्रों में जाने से कतरा रहे हैं। पेयजल की आपूर्ति नहीं होने के कारण लोगों में रोष
पेयजल की आपूर्ति नहीं होने के कारण शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों में जनस्वास्थ्य विभाग के प्रति काफी रोष है। वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों को इस बारे में बार-बार शिकायत करने पर भी समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है। जिले के कई गांव ऐसे है जहां न तो सरकारी टैंकर जाता है और न विभाग की ओर से सुचारू आपूर्ति की जा रही है। जिस कारण लोगों को मजबूरन पानी खरीद कर पीना पड़ रहा है।