सैन्य अधिकारियों के हक में फैसला लेने में नहीं बरती जाए कोताही : दीपेंद्र
राज्यसभा सदस्य और कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा अर्ध सैनिक बलों के समर्थन में आगे आए हैं। उनका कहना है कि सरकार सीएपीएफ (सेंट्रल आर्म पुलिस फोर्स) के अफसरों की मांगों को मानने में कोई कोताही ना करे। बीएसएफ सीआरपीएफ आइटीबीपी सीआइएसएफ व एसएसबी के अधिकारी लंबे वक्त से एनएफएसएसयू (नॉन फंक्शनल फाइनेंशियल अपग्रेडेशन) यानी कि गैर-कार्यात्मक वित्तीय उन्नयन और ओजीएएस (ऑर्गेनाइज्ड ग्रुप ए सर्विसेज) संगठित सेवा लाभ दिए जाने की मांग कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल के ऐलान के बावजूद अधिकारियों को इसका लाभ प्राप्त नहीं दिया गया है। दिल्ली हाई कोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी अधिकारियों के हक में फैसला सुनाया है। खुद केंद्र सरकार ने चुनावों से पहले इसे लागू करने का ऐलान किया था। लेकिन आज तक यह फैसला लागू नहीं किया गया।
जागरण संवाददाता, रोहतक :
राज्यसभा सदस्य और कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा अर्ध सैनिक बलों के समर्थन में आगे आए हैं। उनका कहना है कि सरकार सीएपीएफ (सेंट्रल आर्म पुलिस फोर्स) के अफसरों की मांगों को मानने में कोई कोताही न करे। बीएसएफ, सीआरपीएफ, आइटीबीपी, सीआइएसएफ व एसएसबी के अधिकारी लंबे वक्त से एनएफएसएसयू (नॉन फंक्शनल फाइनेंशियल अपग्रेडेशन) यानी कि गैर-कार्यात्मक वित्तीय उन्नयन और ओजीएएस (ऑर्गेनाइज्ड ग्रुप ए सर्विसेज) संगठित सेवा लाभ दिए जाने की मांग कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल के ऐलान के बावजूद अधिकारियों को इसका लाभ प्राप्त नहीं दिया गया है। दिल्ली हाई कोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी अधिकारियों के हक में फैसला सुनाया है। खुद केंद्र सरकार ने चुनावों से पहले इसे लागू करने का ऐलान किया था।आज तक यह फैसला लागू नहीं किया गया।
दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने आग्रह किया है कि केंद्र सरकार अपना वादा निभाए और सुप्रीम कोर्ट ने आदेशों की पालना करे। अगर सरकार अधिकारियों को प्रमोशन नहीं दे पा रही है तो उन्हें उनके कैडर के हिसाब से वेतन दिया जाना चाहिए। क्योंकि प्रमोशन ना मिलने की वजह से अधिकारियों को कई-कई साल एक ही पोस्ट पर सेवाएं देनी पड़ती हैं। जिस तरह से रेलवे में ओजीएएस दिया जाता है, इसी तरह सीएपीएफ को भी इसका लाभ मिलना चाहिए। सैन्य अधिकारियों के मनोबल को बढ़ाना और उन्हें प्रोत्साहन देना सरकार की •ाम्मिेदारी है। क्योंकि हमारे अर्ध सैनिक बल देश की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हर मुसीबत में ये सुरक्षा बल सबसे आगे रहकर मोर्चा संभालते हैं। अगर सरकार इनके हक में फैसला लेती है तो हमारे सैन्य बलों का हौसला बढ़ेगा। पूरे देश की भावनाएं हमारी सेनाओं के साथ जुड़ी हैं। इसलिए सरकार को इन भावनाओं की कद्र करते हुए बिना देरी के अधिकारियों को लाभ देना चाहिए।