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रोहतक पीजीआइ में बढ़ी ऑक्सीजन की मांग, अधिकारी परेशान

पंडित भगवत दयाल शर्मा पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (पीजीआइएमएस) में ऑक्सीजन की अचानक मांग बढ़ने से अधिकारी परेशान हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Sep 2020 07:01 AM (IST)Updated: Wed, 16 Sep 2020 07:01 AM (IST)
रोहतक पीजीआइ में बढ़ी ऑक्सीजन की मांग, अधिकारी परेशान
रोहतक पीजीआइ में बढ़ी ऑक्सीजन की मांग, अधिकारी परेशान

जागरण संवाददाता, रोहतक : पंडित भगवत दयाल शर्मा पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (पीजीआइएमएस) में ऑक्सीजन की अचानक मांग बढ़ने से अधिकारी परेशान हैं। इसके लिए उन्होंने लीकेज समेत अन्य प्रकार से गैस की बचत करने के लिए पत्र लिखा है। साथ ही लीकेज आदि को ठीक कराने और जीवनदायिनी ऑक्सीजन को बचाने की मांग की है।

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देश के कई राज्यों में ऑक्सीजन गैस की कालाबाजारी का मामला सामने आया है। इसके साथ ही पीजीआइएमएस के मेडिकल सुपरीटेंडेंट भी अलर्ट मोड पर आए। जांच में पता चला कि पिछले कई दिनों से ऑक्सीजन की मांग बढ़ गई है। जिस पर उन्होंने चिता जाहिर करते हुए पत्र लिखा। डा. एमजी वशिष्ठ ने जारी किए गए पत्र में चिता जताई है कि ऑक्सीजन की खपत बढ़ने का कारण लीकेज भी हो सकता है। ऐसे में आवश्यक है कि मरीजों के हित में लीकेज को खत्म किया जाए। बताया जा रहा है कि पिछले माह में 1200 किलो लीटर प्रतिदिन ऑक्सीजन की खपत हो रही थी, जो कि बढ़कर 1500 किलो लीटर प्रतिदिन पहुंच गई। जबकि अभी सलेक्टिव सर्जरी भी नहीं की जा रहीं हैं। वहीं मामले में हेल्थ यूनिवर्सिटी के जनसंपर्क अधिकारी डा. गजेंद्र सिंह ने बताया कि सामान्य दिनों में पीजीआइ में करीब 10 से 15 किलो लीटर ऑक्सीजन की खपत होती थी। चू्कि अब चुनिदा सर्जरी बंद हैं, ऐसे में संभव ही नहीं की ऑक्सीजन की खपत अधिक बढ़ सके। फिलहाल पाइप लाइन से ऑक्सीजन गैस की सप्लाई आ रही है। साथ ही बैकअप के लिए सिलेंडर की भी व्यवस्था है।


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