बड़ी शातिर निकली ये उद्घोषित अपराधी युवती, एलएलबी भी कर ली और पता भी नहीं चला
दिल्ली की एक युवती जींद और बड़ोदरा की अदालतों में उद्घोषित अपराधी (भगोड़ा) है। इस बावजूद उसने एलएलबी की डिग्री ले ली और रोहतक व जींद पुलिस भी उसे नहीं पकड़ सकी।
रोहतक [ओपी वशिष्ठ]। ससुराल वालों पर झूठा आरोप लगाने वाली दिल्ली की एक युवती जींद और बड़ोदरा की अदालतों में उद्घोषित अपराधी (भगोड़ा) है। इसके बावजूद उसने रोहतक के वैश्य लॉ कॉलेज से विधि स्नातक की डिग्री हासिल कर ली। रोहतक और जींद पुलिस भी उसे नहीं पकड़ सकी। उसके ससुर की शिकायत पर महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसकी जांच अपने विधि प्रकोष्ठ (लीगल सेल) को सौंपी है।
युवती के ससुर राजेंद्र सिंह जैन सेना के सेवानिवृत्त कैप्टन हैं। उनका परिवार बड़ोदरा में रहता है। उन्होंने बताया कि दिल्ली के आजादपुर की शानू गुप्ता से उनके बेटे मनीष की शादी हुई है। शानू ने उनके खिलाफ दहेज उत्पीड़न का जींद में झूठा केस दर्ज करा दिया। इसके खिलाफ वह पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट गए तब जाकर उन्हें राहत मिली। जींद पुलिस ने शानू के खिलाफ झूठा केस दर्ज करने पर कार्रवाई की और अदालत में मुकदमा दायर हुआ।
बड़ोदरा में भी उसके खिलाफ झूठे आरोप लगाकर ससुराल वालों को परेशान करने का मुकदमा अदालत में विचाराधीन है। जींद के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने 11 जुलाई 2009 को और इसके बाद मार्च 2015 में बड़ोदरा के मुख्य न्यायिक अधिकारी ने उसे भगोड़ा घोषित किया। इसके बावजूद शानू ने मई 2015 में वैश्य लॉ कॉलेज में झूठा शपथपत्र देकर प्रवेश ले लिया। तीन साल बाद कोर्स पूरा होने पर 25 जून 2018 को कॉलेज ने उसकी अंकतालिका जारी कर दी। वह पढाई पूरी कर चली गई।
वैश्य लॉ कॉलेज के प्रचार्य डॉ. मनीष भारद्वाज का कहना है कि प्रवेश के दौरान विद्यार्थी से शपथपत्र लिया जाता है। छात्रा ने शपथपत्र गलत दिया है तो इसकी जांच कराई जाएगी। जांच में शपथपत्र झूठा पाया गया तो विवि से डिग्री रोकने के लिए कहा जाएगा।
एमडीयू के परीक्षा नियंत्रक डॉ. बीएस सिंधु का कहना है कि किसी भी विद्यार्थी की पात्रता जांचने की जिम्मेदारी संबंधित कॉलेज की होती है। विवि में तो केवल विद्यार्थी का रजिस्ट्रेशन किया जाता है।