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एकता कॉलोनी के जलघर में मरी मछलियां, आठ कॉलोनियों में आया बदबूदार पानी

जागरण संवाददाता, रोहतक : शहरवासियों को दूषित पानी की आपूर्ति से निजात नहीं मिल रहा है

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 Aug 2018 05:06 PM (IST)Updated: Mon, 20 Aug 2018 05:06 PM (IST)
एकता कॉलोनी के जलघर में मरी मछलियां, आठ कॉलोनियों में आया बदबूदार पानी

जागरण संवाददाता, रोहतक : शहरवासियों को दूषित पानी की आपूर्ति से निजात नहीं मिल रहा है। झज्जर रोड स्थित एकता कॉलोनी के जलघर के पानी में मृत मछलियां तैर रही हैं। जलघर के टैंक गंदगी से अटे हुए हैं। इसी जलघर से जुड़ी आठ से 10 कॉलोनियों में गंदे पानी की आपूर्ति हो रही है। कुछ स्थानों पर बदबूदार पानी की आपूर्ति हो रही है। स्थानीय लोगों में रोष है कि जिस पानी में मृत मछलियां पड़ी हैं, वही पानी हम पीने को मजबूर हैं।

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जलघर में मछलियां मरी पड़े होने की कुछ स्थानीय लोगों को जानकारी मिली थी। इस प्रकरण में वार्ड-18 की पूर्व पार्षद पूनम किलोई को स्थानीय लोगों ने जानकारी दी। पूर्व पार्षद का दावा है कि हमें जानकारी मिल चुकी है। अधिकारियों को पहले भी बताया जा चुका है कि संबंधित जलघर की सफाई कराई जाए। जलघर के टैंक की सफाई न होने से भी गंदे पानी की आपूर्ति होने के दावे किए जा रहे हैं। लेकिन अभी तक कोई इंतजाम नहीं हो सका है। इनका यह भी कहना है कि जलघर के टैंक में सात-आठ फीट तक मिट्टी भरी हुई है। टैंक की सफाई होनी चाहिए। फिलहाल एकता कॉलोनी, जनता कॉलोनी, शिवाजी कॉलोनी, हाउ¨सग बोर्ड, छोटूराम कॉलोनी, आंबेडकर नगर आदि स्थानों पर गंदे पानी की आपूर्ति से लोग परेशान हैं। स्थानीय निवासी शैलेंद्र, अंकिता, बतासो आदि कहती हैं कि कुछ दिनों से एकता कॉलोनी में बदबूदार पानी आ रहा है।

शहर का सबसे बड़ा जलघर, सबसे ज्यादा गंदगी

शहरी क्षेत्र में अभी पेयजल आपूर्ति के लिए जनस्वास्थ्य विभाग के चार जलघर हैं। झज्जर रोड स्थित जलघर में पानी इकट्ठा करने की सबसे ज्यादा क्षमता है। इस जलघर में 47.24 एमएलडी पानी इकट्ठा होता है। गंदगी यहां भरमार है। सोनीपत रोड(मानसरोवर पार्क के सामने) वाले जलघर की क्षमता 27.24 एमएलडी है। जबकि जेएलएन नहर के निकट सोनीपत रोड पर जलघर की क्षमता 18.16 एमएलडी व जाट संस्थान के जलघर की क्षमता 3.50 एमएलडी है।

ऑक्सीजन कम होने से अमोनिया की मात्रा बढ़ी होगी

मत्स्य विभाग के अधिकारी मानते हैं कि ऑक्सीजन की कमी के कारण भी मछलियां मर सकती हैं। टैंक के अंदर ज्यादा मछलियां होने के कारण या फिर पानी कम या टैंक के तल में ज्यादा कीचड़ होने के कारण ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। इससे अमोनिया की मात्रा बढ़ने से मछलियां सांस नहीं ले पाती हैं। ऐसे ही फीड यानि मछलियों के भोजन में कमी भी होने पर भी मछलियों के मरने का कारण हो सकता है। संक्रमण फैलने से रोकने मृत मछलियों को सिर्फ दफनाना ही चाहिए।


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