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राजनीतिक विचारधारा को थोपने की साजिश, हटाए जाएं प्रशासक

वैश्य शिक्षण संस्था पर प्रशासक लगाए जाने के विरोध में अग्रवाल समाज के प्रबुद्ध लोगों ने उपायुक्त निवास पर रोष जताया। सीटीएम मोहित कुमार को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपते हुए संस्था के पूर्व पदाधिकारियों ने कहा कि महात्मा गांधी के नाम से जुड़ी संस्था के राजनीतिकरण की कोशिश है जिस व्यक्ति के चरित्र पर भी लांछन है उसे संस्था की बागडोर थमा दी गई है। एक असिस्टेंट प्रोफेसर को प्रशासक लगा दिया गया और जिस तरह से वह एक पार्टी विशेष के कार्यकर्ताओं के साथ पदभार ग्रहण करने पहुंचता है यही दर्शाता है कि एक खास राजनीतिक विचारधारा को थोपने की साजिश की जा रही है

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Jan 2022 01:39 AM (IST)Updated: Sat, 22 Jan 2022 01:39 AM (IST)
राजनीतिक विचारधारा को थोपने की साजिश, हटाए जाएं प्रशासक

जागरण संवाददाता, रोहतक : वैश्य शिक्षण संस्था पर प्रशासक लगाए जाने के विरोध में अग्रवाल समाज के प्रबुद्ध लोगों ने उपायुक्त निवास पर रोष जताया। सीटीएम मोहित कुमार को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपते हुए संस्था के पूर्व पदाधिकारियों ने कहा कि महात्मा गांधी के नाम से जुड़ी संस्था के राजनीतिकरण की कोशिश है, जिस व्यक्ति के चरित्र पर भी लांछन है उसे संस्था की बागडोर थमा दी गई है। एक असिस्टेंट प्रोफेसर को प्रशासक लगा दिया गया, और जिस तरह से वह एक पार्टी विशेष के कार्यकर्ताओं के साथ पदभार ग्रहण करने पहुंचता है यही दर्शाता है कि एक खास राजनीतिक विचारधारा को थोपने की साजिश की जा रही है पूर्व पदाधिकारियों ने इसके बाद पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर और मेयर मनमोहन गोयल को भी प्रशासक हटाए जाने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा। पदाधिकारियों ने कहा कि एक सीनियर आइएएस आफिसर की देखरेख में संस्था के चुनाव कराए जाएं व प्रशासक को जल्द से जल्द हटाया जाए। बेशक, कार्यकारिणी में आपसी मतभेद रहे लेकिन समाज को एक बाहरी व्यक्ति का प्रशासक बनाया जाना मंजूर नहीं है। समाज में सरकार के इस फैसले से काफी रोष है। हमारी मांगों को जल्द से जल्द पूरा किया जाए। दोपहर करीब ढाई बजे उपायुक्त निवास पर अग्रवाल समाज के लोग पहुंचे। उपायुक्त के स्थान पर यहां सीटीएम ने लोगों से मुलाकात की व समस्या को जाना। सीटीएम ने कहा कि उनकी मांगों को सरकार तक पहुंचाया जाएगा। इंडस्ट्रीज एंड कामर्स विभाग के आदेश पर लगाया गया है प्रशासक

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बता दें कि वैश्य शिक्षण संस्था की कार्यकारिणी का कार्यकाल करीब डेढ़ वर्ष पहले पूरा होने के बावजूद नए सिरे से चुनाव नहीं हो पाए हैं। मामला कोर्ट तक पहुंचा है वहीं इस दौरान दूसरी बार संस्था पर प्रशासक बैठा दिया गया है। प्रदेश सरकार के इंडस्ट्रीज एंड कामर्स विभाग की ओर से जारी आदेश पर महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) के सेंटर फार प्रोफेशनल एंड एलीड स्टडीज के असिस्टेंट प्रोफेसर वीरेंद्र सिधू को हाल ही में संस्था का प्रशासक बनाया गया है।

--- राजनीतिक पार्टी के प्रवक्ता को लगा दिया गया प्रशासक : डा. चंद्र गर्ग

वैश्य संस्था की एडहाक कमेटी के महासचिव ने कहा कि प्रशासक की नियुक्ति राजनीतिक दबाव में की गई है। पहले भी प्रशासक लगाए गए लेकिन वह सभी आइएएस रैंक के रहे। इस बार असैंविधानिक तरीके से एक राजनीतिक पार्टी के प्रवक्ता को प्रशासक बनाया गया है। हमने मुख्यमंत्री के नाम प्रशासक के विरोध में ज्ञापन दिया है। हमारी मांग है कि जल्द से जल्द एक सीनियर आइएएस की देखरेख में संस्था का चुनाव कराया जाए।

--- बाहरी व्यक्ति का दखल मंजूर नहीं : पवन तायल

संस्था के पूर्व महासचिव पवन तायल ने कहा कि कार्यकारिणी में बेशक आपसी मतभेद रहे लेकिन एक बाहरी व्यक्ति का दखल कतई मंजूर नहीं है। जिस व्यक्ति को प्रशासक लगाया गया है उसपर अनेक लांछन लगे हैं। संस्था में सीनियर प्रोफेसर, प्रिसिपल हैं उनपर असिस्टेंट प्रोफेसर को प्रशासक नियुक्त कर देना अनैतिक है। यह व्यक्ति सरकारी कर्मचारी भी नहीं है। प्रशासक के विरोध में समाज एकजुट है।

--- सीनियर आइएएस की देखरेख में जल्द हों चुनाव : नवीन जैन

जैन सभा के पूर्व अध्यक्ष और वैश्य संस्था पूर्व प्रधान नवीन जैन ने प्रशासक की नियुक्ति पर रोष जताते हुए कहा कि महात्मा गांधी से जुड़ी संस्था को असिस्टेंट प्रोफेसर के हवाले करना निदनीय है। एक सीनियर आइएएस की देखरेख में जल्द से जल्द चुनाव कराए जाएं। कई राज्यों में चुनाव कराए जा रहे हैं, लंबे समय से पेंडिग संस्था के चुनाव भी जल्द कराए जाएं।

--- पुरानी परंपराओं को न छेड़ा जाए : विजय लक्ष्मी चंद गुप्ता

विजय लक्ष्मी चंद गुप्ता जोकि वैश्य शिक्षण संस्था के पूर्व महासचिव रह चुके हैं ने कहा कि पूरे उत्तर भारत में यह अग्रणी संस्था है। राजनीतिक दल के कार्यकर्ता को संस्था का प्रशासक लगाए जाने से अग्रवाल समाज की धरोहर पर खतरा मंडरा रहा है। राजनीतिक विचारधारा को जबरदस्ती थोपा जा रहा है। हमारी मांग है कि जो परंपराएं वर्षों से चली आ रहीं उनसे छोड़छाड़ न की जाए। प्रशासक को तुरंत बर्खास्त किया जाए।


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