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शहर में दो दर्जन स्थानों पर होगा रावण, कुंभकर्ण व मेघनाद के पुतलों का दहन

जागरण संवाददाता, रोहतक : जैसे जैसे दशहरा पर्व नजदीक आता जा रहा है, शहर में रावण, क

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 Sep 2017 03:00 AM (IST)Updated: Thu, 28 Sep 2017 03:00 AM (IST)
शहर में दो दर्जन स्थानों पर होगा रावण, कुंभकर्ण व मेघनाद के पुतलों का दहन
शहर में दो दर्जन स्थानों पर होगा रावण, कुंभकर्ण व मेघनाद के पुतलों का दहन

जागरण संवाददाता, रोहतक :

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जैसे जैसे दशहरा पर्व नजदीक आता जा रहा है, शहर में रावण, कुंभकर्ण व मेधनाद के पुतलों को लेकर भी तैयारियों तेज हो चली है। शहर में दो दर्जन से अधिक स्थानों पर रावण, कुंभकर्ण व मेघनाद के पुतलों का दहन किया जाएगा। पंजाबी रामलीला क्लब की ओर से गोकर्ण तालाब परिसर में दशहरा उत्सव मनाया जाएगा और यहां रावण, कुंभकर्ण व मेघनाद के सबसे बड़े पुतले जलाए जाएंगे। दशहरे पर दहन से पहले पुतलों को अंतिम रूप देने में कारीगर इन दिनों जुटे हुए हैं। पुतलों को बनाने में कारीगरों के परिजन भी लगे हुए देखे जा सकते हैं। सुबह से लेकर शाम तक कारीगर काम कर इनको समय पर तैयार करने में लगे हुए हैं। बाबरा बाजार निवासी राजू रावणवाला ने बताया कि उनके पास छोटे बड़े करीब 50 आर्डर हैं। हालांकि पुतलों के ऑर्डर एक माह पहले से ही मिलने लगे थे। ऑर्डर मिलने के साथ ही उन्होंने पुतले बनाने का काम भी शुरू कर दिया। इन दिनों पूरा परिवार पुतलों को बनाकर अंतिम रूप देने में लगा हुआ है। उन्होंने बताया कि गोकर्ण तालाब परिसर में इस बार सबसे बड़े करीब 100 फुट के रावण के पुतले का दहन किया जाएगा। इसके अलावा कुंभकर्ण व मेघनाद के भी पुतले काफी बड़े होंगे। रोहतक के विभिन्न क्षेत्रों के अलावा झज्जर, भिवानी व रेवाड़ी से भी पुतले बनाने के आर्डर मिल हैं। उनका पूरा परिवार इन दिनों पुतले बनाने में लगा हुआ है।सुबह से शाम तक पूरा परिवार इसी काम में जुटा रहता है ताकि समय पर पुतले तैयार करने का काम पूरा हो जाए। वहीं पुराना बस स्टैंड के पास पुतले बनाने में जुटे तोता राम ने बताया कि उनका परिवार भी पुतले बनाने में जुटा हुआ है। पुराना बस अड्डा स्थित प्राचीन लोकल रामलीला के लिए वे पुतले बनाने में लगे हैं। इसके अलावा और भी छोटे मोटे आर्डर है।

चार पीढि़यों से बना रहे हैं पुतले बाबरा मुहल्ला निवासी राजू रावण वाला ने बताया कि उनका परिवार चार पीढि़यों से रावण, कुंभकर्ण व मेघनाद आदि के पुतले बनाने का काम कर रहा है। पहले उनके दादा पुतले बनाने थे फिर उनके पिता और अब वे पिछले 40 साले से पुतले बनाने का काम कर रहे हैं। पुतले बनाने के इस काम में अब उनके बच्चे भी लगे हुए हैं। सुबह से शाम तक काम कर पुतले तैयार किए जा रहे हैं ताकि समय पर पुतले दिए जा सके। इन दिनों काम में और भी तेजी की जा रही है।

इन स्थानों पर होंगे पुतले दहन

शहर में पुरानी आइटीआइ मैदान, प्राचीन लोकल रामलीला मैदान, गौकर्ण तालाब मैदान, गांधी कैंप, पटेल नगर, गोहाना अड्डा, सुखपुरा चौक, सेक्टर एक, ओमेक्स सिटी, नेहरु कॉलोनी व हुडा कांप्लेक्स सहित करीब दो दर्जन स्थानों पर रावण व उसके परिवार के सदस्यों के पुतलों का दहन किया जाएगा। राजू ने बताया कि अब तो गांवों में भी दशहरे के अवसर पर पुतले दहन होने लगे है। लाखन माजरा, बैंसी, लाहली, समरगोपालपुर, चांदी, खरक जाटान, सांपला खेड़ी आदि गांवों में पुतलों का दहन किया जाता है। गांवों में अधिक ऊंचाई वाले पुतलों का दहन नहीं किया जाता। कई गांवों में रामलीला की बजाए केवल दशहरे पर ही पुतलों का दहन ही किया जाता है। इन गांव से भी पुतलों के आर्डर मिल चुके हैं।


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