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सरदार पटेल के सबसे ऊंची प्रतिमा को तराशने वाले हाथों ने तैयार की छोटूराम की प्रतिमा

अरुण शर्मा, रोहतक सांपला में लगने वाली दीनबंधु चौधरी छोटूराम की प्रतिमा आकर्षक होने के स

By JagranEdited By: Published: Mon, 08 Oct 2018 07:43 AM (IST)Updated: Mon, 08 Oct 2018 07:43 AM (IST)
सरदार पटेल के सबसे ऊंची प्रतिमा को तराशने वाले हाथों ने तैयार की छोटूराम की प्रतिमा
सरदार पटेल के सबसे ऊंची प्रतिमा को तराशने वाले हाथों ने तैयार की छोटूराम की प्रतिमा

अरुण शर्मा, रोहतक

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सांपला में लगने वाली दीनबंधु चौधरी छोटूराम की प्रतिमा आकर्षक होने के साथ ही बेहद खास भी है। पद्म भूषण व पद्मश्री राम सुतार व उनकी टीम ने छोटूराम की प्रतिमा को तराशने का काम किया है। राम सुतार की टीम ही सरदार वल्लभ भाई पटेल की सबसे ऊंची प्रतिमा को तैयार कर रही है। नर्मदा नदी(गुजरात) के तट पर 522 फीट ऊंची प्रतिमा लगाने का कार्य अंतिम चरण में है।

उत्तरप्रदेश के नोएडा के रहने वाले राम वी सुतार के बेटे अनिल सुतार कहते हैं कि छोटूराम की प्रतिमा में कांसे का उपयोग हुआ है। कांसे की प्रतिमा होने के कारण भूकंप से लेकर बरसात, तपती दोपहरी आदि से सैकड़ों साल तक प्रतिमा को नुकसान नहीं होगा। प्रतिमा की दूसरी खासियत यह है कि इसमें स्टेनलेस स्टील भी लगाया गया है। इस वजह से बरसात का प्रतिमा पर कोई असर नहीं होगा। प्रतिमा को आकर्षक बनाने के लिए छोटूराम की सभी पुरानी तस्वीरें देखी गईं। इसी के बाद बेहतर ग्राफिक्स तैयार किया गया। फिर प्रतिमा को हूबहू रूप दिया गया। महाराष्ट्र से आकर नोएडा बस गए

रोहतक के सांपला में छोटूराम की प्रतिमा का नौ अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अनावरण करेंगे। इस प्रतिमा को तैयार करने वाले राम सुतार को 2016 में पद्म भूषण मिल चुका है। जबकि 1999 में पद्मश्री भी मिल चुका है। राम सुतार के बेटे अनिल सुतार कहते हैं कि महाराष्ट्र के धूलिया जिले के रहने वाले थे। मगर वर्षों पहले नोएडा में आकर बस गए। देश के साथ ही दुनियाभर में इनके हाथों से तैयार तमाम प्रतिमाएं लगा चुके हैं। राम सुतार 1947 से प्रतिमाएं तैयार कर रहे हैं। एक साल में तैयार हुई प्रतिमा

प्रतिमा की खासियत के बारे में पद्मश्री व पद्म भूषण राम सुतार के बेटे अनिल का कहना है कि हमारी टीम में करीब 100 सदस्य शामिल हैं। टीम में शामिल प्रत्येक व्यक्ति की अलग-अलग जिम्मेदारी भी मान सकते हैं। ढांचे से लेकर आकृति तैयार करना और ऊपरी फिनि¨शग तब टीमवर्क का हिस्सा होता है। अनिल कहते हैं कि प्रतिमा की ऊंचाई 36 फीट होगी, जबकि प्रतिमा जिस स्थान पर रखी जाएगी वहां फाउंडेशन 28 फीट ऊंचा होगा। इसलिए प्रतिमा की कुल ऊंचाई 64 फीट है। कुरुक्षेत्र में भगवान कृष्ण-अर्जुन के रथ को भी किया था तैयार

राम सुतार के हाथों से तराशी गई हरियाणा में छोटूराम की दूसरी प्रतिमा होगी। साल 2008 में कुरुक्षेत्र में भगवान श्रीकृष्ण और अर्जुन के रथ की आकर्षक प्रतिमा इन्होंने ही तैयार की थी। अमृतसर(पंजाब) में 150 फीट ऊंची तलवार भी लगा चुके हैं। फिलहाल दूसरी कई बड़ी व ऊंची प्रतिमाएं लगाने की तैयारियों में भी जुटे हैं। शिवाजी महाराज की 400 फीट ऊंची और आंबेडकर की 250 फीट ऊंची प्रतिमा करेंगे तैयार

अनिल ने आगामी योजनाएं बताते हुए कहा कि महाराष्ट्र में शिवाजी महाराज की 400 फीट ऊंची प्रतिमा लगाने का कार्य जल्द ही शुरू होना है। इनके अलावा मुंबई में 250 फीट ऊंची प्रतिमा को भी लगाने की शुरुआत करने वाले हैं। इनके अलावा पटना(बिहार) में 40 फीट ऊंची महात्मा गांधी की प्रतिमा भी लगा चुके हैं।


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