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ड्रोन मामले में शिकायत करने पर छात्राओं पर केस दर्ज

जागरण संवाददाता रोहतक महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) के ग‌र्ल्स हॉस्टल के ऊपर ड्रोन ि

By JagranEdited By: Published: Fri, 30 Aug 2019 11:59 PM (IST)Updated: Mon, 02 Sep 2019 06:45 AM (IST)
ड्रोन मामले में शिकायत करने पर छात्राओं पर केस दर्ज
ड्रोन मामले में शिकायत करने पर छात्राओं पर केस दर्ज

जागरण संवाददाता, रोहतक : महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) के ग‌र्ल्स हॉस्टल के ऊपर ड्रोन दिखाई देने का मामले फिलहाल शांत होता नजर नहीं आ रहा है। ड्रोन दिखाई देने की शिकायत कर रही छात्राओं पर धारा 144 के उल्लंघन करने पर केस दर्ज किया गया है। विवि की ओर से प्रदर्शनकारी छात्राओं पर परिसर में अव्यवस्था फैलाने पर केस दर्ज कराया गया था। छात्राओं ने केस दर्ज होने की कार्रवाई की निदा की है।

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छात्रा किरण ने बताया कि विवि परिसर में इस तरह की धारा लागू करने का सवाल ही पैदा नहीं होता। किसी को भी इसकी जानकारी नहीं है। यह छात्राओं के प्रदर्शन को कमजोर करने की साजिश है। विवि व हॉस्टल अधिकारी छात्राओं के प्रदर्शन से अवगत थे। शांतिपूर्वक धरना दिया गया था। अभी तक किसी छात्रा को पुलिस की ओर से संपर्क नहीं किया गया है। पुलिस इस मामले में आगे कार्रवाई करती है विवि के छात्र-छात्राएं चुप नहीं बैठेंगे। विवि प्रशासन के साथ ही जिला प्रशासन के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा। अभिलाषा ग‌र्ल्स हॉस्टल के मुख्य प्रवेश द्वार पर 28 अगस्त की शाम को करीब 50 छात्राओं ने ड्रोन मामले में तीन घंटे तक धरना दिया था। इसी मामले में छात्राओं पर केस दर्ज किया गया है। बता दें कि ड्रोन मामले में जिला मजिस्ट्रेट की ओर से 24 अगस्त को अपराध संहिता 1973 की धारा 144 के तहत आदेश जारी कर बिना अनुमति ड्रोन उड़ाने, एरियल कवरेज आदि पर बैन लगा दिया था। इसके बाद भी छात्राओं ने ड्रोन दिखाई देने का दावा कर चुकी हैं। यह उठ रहे सवाल

- पुलिस में शिकायत देने के बावजूद विवि अधिकारी केस दर्ज कराने की बात से क्यों मुकर रहे

- परिसर में शांतिपूर्वक धरना दे रही छात्राओं के खिलाफ केस दर्ज करना कितना सही

- प्रदर्शन के दौरान एक दर्जन के करीब विवि अधिकारी मौजूद थे, धारा 144 के तहत उनपर क्या कार्रवाई की गई

- फैक्ट फाइंडिग कमेटी के सदस्य छात्राओं से मिलने पहुंचे थे, उनपर केस दर्ज क्यों नहीं हुआ

- विवि परिसर में धारा 144 लगाई ही नहीं जा सकती तो केस किस आधार पर दर्ज किए गए शिक्षण संस्थाओं में धारा 144 नहीं लगाई जा सकती। कोर्ट और जिला प्रशासन के आदेश पर यह धारा लगाई जा सकती है। संस्था के बाहर धारा 144 लगाई जा सकती है। इसके बावजूद विद्यार्थी परिसर में प्रदर्शन कर सकते हैं।

- दीपक भारद्वाज, वकील विवि की सुरक्षा व्यवस्था ठीक है। छात्राओं को किसी प्रकार की परेशानी है तो विवि प्रशासन को निष्पक्ष जांच करानी चाहिए। केस दर्ज कराना निदनीय है।

- विक्रम सिंह डुमोलिया, छात्र नेता व अध्यक्ष एएमवीए छात्राओं की सुरक्षा में कोताही कतई बर्दाशत नहीं की जाएगी। विवि प्रशासन अपनी नाकामयाबी छिपाने के लिए इस तरह के हथकंडे अपना रही है।

- राहुल गोयत, छात्र नेता व शोध कार्य प्रांत संयोजक एबीवीपी विवि खुद में एक स्टेट होता है। इसमें प्रशासन या पुलिस का दखल गलत है। छात्राओं पर केस दर्ज कराने के मंशा चीफ वार्डन की कुर्सी बचाने व छात्राओं की आवाज दबाने की है। विवि की ओर से किसी भी छात्रा पर केस दर्ज कराया जाता है तो इनसो की तरफ से मुकदमा लड़ा जाएगा।

- प्रदीप देशवाल, छात्र नेता व प्रदेश अध्यक्ष, इनसो नियम तोड़ने पर पुलिस अपनी कार्रवाई करती है तो इसमें विवि प्रशासन कुछ नहीं कर सकता। हॉस्टल में किसी भी छात्रा को व्यक्तिगत तौर पर टारगेट करने की बात गलत है। फैक्ट फाइंडिग कमेटी की जांच रिपोर्ट अभी आना बाकी है। रिपोर्ट के बाद ही ड्रोन की सच्चाई के बारे में बता पाएंगे।

प्रो. गुलशन लाल तनेजा, रजिस्ट्रार, एमडीयू


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