52 सालों में जिले के 548 प्रत्याशी नहीं बचाए पाए अपनी जमानत
पुनीत शर्मा रोहतक हरियाणा के गठन के बाद प्रदेश में 12 बार विधानसभा चुनाव हो चुके हैं
पुनीत शर्मा, रोहतक
हरियाणा के गठन के बाद प्रदेश में 12 बार विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। 13वीं बार विधानसभा चुनावों की तैयारियों में प्रत्याशी दिन रात मेहनत करने में लगे हुए हैं। जिले की सभी विधानसभा सीटों पर 52 वर्षो में 674 प्रत्याशियों ने अपनी किस्मत आजमाई। इनमें से 81.30 फीसद प्रत्याशियों को न सिर्फ हार मिली है, बल्कि उनके द्वारा चुनाव आयोग को दी गई जमानत राशि भी वापस नहीं मिल सकी है।
वर्ष 1967 में हरियाणा में पहली बार विधानसभा चुनावों का आयोजन किया गया था। पहले विधानसभा चुनावों के दौरान जिले की पांच विधानसभा सीटों पर 28 प्रत्याशियों ने अपनी किस्मत आजमाई थी, जिनमें से 16 प्रत्याशी अपनी जमानत राशि बचाने में भी सफल नहीं हो सके थे। इसके बाद वर्ष 1968 और 1972 में हुए विधानसभा चुनावों में प्रत्याशियों की कुल संख्या में आई थी, लेकिन 1977 के बाद से प्रत्येक चुनाव में प्रत्याशियों की संख्या 50 से अधिक ही रही है। वर्ष 1996 के चुनाव में सबसे अधिक 118 प्रत्याशियों ने अपनी किस्मत आजमाई थी, जिनमें से 105 की जमानत राशि जब्त हो चुकी थी। साथ ही जिले की सभी विधानसभा सीटों पर अभी तक हुए चुनावों में एक केवल 1972 के चुनाव के दौरान किलोई विधानसभा इकलौती ऐसी विधानसभा है जहां पर किसी प्रत्याशी की जमानत राशि जब्त नहीं हुई थी। दरअसल उक्त समय में विधानसभा से केवल दो प्रत्याशियों ने ही अपनी किस्मत आजमाई थी।
कब होती है जमानत राशि जब्त
विधानसभा चुनावों में चुनाव आयोग द्वारा प्रत्याशियों से जमानत राशि ली जाती है। वर्तमान में सामान्य वर्ग के प्रत्याशियों द्वारा 10 हजार रुपये और एससी-एसटी वर्ग के प्रत्याशियों के लिए पांच हजार रुपये बतौर जमानत राशि जमा कराई जाती है। यदि कोई भी प्रत्याशी कुल पड़े मतों का छठा भाग (16.66 फीसद) से कम वोट प्राप्त करता है तो उसकी जमानत राशि चुनाव आयोग द्वारा जब्त कर लेता है। चुनावी वर्ष कुल प्रत्याशी जमानत जब्त
1967 28 16
1968 26 17
1972 20 09
1977 30 21
1982 58 46
1987 80 70
1991 97 86
1996 118 105
2000 52 41
2005 54 43
2009 50 43
2014 51 51 कुल 674 548 नोट : संबंधित आंकड़े चुनाव आयोग की वेबसाइट से लिए गए हैं।