गिरावड़ गांव में पांच लाख में बिकी मुर्रा नस्ल की भैंस
संवाद सहयोगी, लाखनमाजरा : महम चौबीसी का क्षेत्र दुधारू पशुओं के लिए चर्चा का विषय बना गया है।
संवाद सहयोगी, लाखनमाजरा :
महम चौबीसी का क्षेत्र दुधारू पशुओं के लिए चर्चा का विषय बना गया है। गिरावड़ गांव में सुरेश कुमार की मुर्रा नस्ल की भैंस की कीमत पांच लाख रूपये लगाई गई। गांव में पहली बार किसी भैंस की इतनी कीमत लगने पर पशुपालक ने खुशी जताई।
गिरावड़ निवासी सुरेश कुमार ने बताया कि उसकी भैंस को पांच लाख रूपये में जिला जींद के माली गांव के विक्की दलाल ने खरीदा है। पिछली बार उसकी भैंस ने 26 लीटर तक दूध दिया था। इस बार 30 लीटर दूध देने की उम्मीद जताई जा रही है। पांच लाख की भैंस बिकने पर गांव में प्रसाद बांटा गया। शनिवार को खरीददार को भैंस सौंपते हुए सुरेश ने बताया कि वह भैंसों का कारोबार करते हैं और अच्छी नस्ल की भैंस रखते हैं। गांव में अभी तक किसी भी भैंस की इतनी कीमत नहीं लगी है। उसकी भैंस की इतनी कीमत लगने पर उसे खुशी है। बताया कि वह भैंसों को अच्छा चारा देते हैं और परिवार के सदस्यों की तरह उन्हें रखते हैं। उनके नीचे गद्दे बिछाते हैं, वहीं पशुओं के लिए साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखते हैं।
बचपन से भैंस पालने का शौक
भैंस के खरीददार विक्की दलाल ने बताया कि उसे बचपन से मुर्रा व अच्छी नस्ल की भैंस रखने का शौक है। उसकी भैंसें गांव में लगने वाली निवास में पहले स्थान पर रहती हैं। पंजाब के मुक्तसर में उसकी भैंस अच्छा प्रदर्शन करती हैं। बताया कि उसने गिरावड़ गांव में इस भैंस को पिछली बार भी देखा था और खरीदने का मन बनाया था। लेकिन सुरेश भैंस को बेचना नहीं चाहते थे।
महम चौबीसी है दुधारू पशुओं का क्षेत्र
ग्रामवासी बालकिशन ने कहा कि महम चौबीसी का क्षेत्र दुधारू पशुओं के रूप में जाना जाता है। गांव में पहले भी एक लाख से दो-ढाई व तीन लाख तक भैंसे बिकी हैं। गिरावड़ गांव के अलावा महम चौबीसी में भैणी सुरजन की सात भैंसें निवास में जगह बनाने में कामयाब रही थी, वहीं सैमाण गांव में चार गायों ने जगह बनाई थी। गिरावड़ गांव में पशु पालक अच्छी नस्ल की भैंस रखने के शौकीन हैं।