भाषण के दौरान गला न बैठे, इसलिए काली मिर्च-मिश्री खाते थे अटल
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई भाषण के दौरान गला खराब न हो इसका खास ख्याल रखते थे। वह भाषण से पहले व बाद में काली मिर्च व मिश्री खाना नहीं भूलते थे।
रोहतक [अरुण शर्मा]। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई का हरियाणा के साथ ही रोहतक से भी खासा लगाव रहा है। वह जब भी हरियाणा में चुनाव-सभाएं करते थे तो उनका गला न बैठे इसके लिए खास इंतजाम किए जाते थे। उस दौरान मथुरा से विशेष मिश्री मंगाई जाती थी, जबकि साथ में काली मिर्च भी दी जाती थीं। जनसभाओं को संबोधित करने से पहले और बाद में अटल जी उसका सेवन करते थे।
भाजपा प्रदेश कार्यालय के प्रभारी गुलशन भाटिया कहते हैं कि अटल जी जब भी रोहतक या फिर हरियाणा में आए तो अक्सर किसी कार्यकर्ता के यहां ही भोजन करते थे। उन्हें दीपावली के त्योहार पर घरों में तैयार होने वाली मावे की गुझिया बेहद पसंद रही है।
सिर्फ घर से तैयार भोजन को ही मानते थे सबसे बड़ा गिफ्ट
जागरण ने अटल जी के जन्मदिन की पूर्व संध्या पर उनकी बड़ी बहन विमला की पौत्री अंजली मिश्रा से टेलीफोन पर बात की। भाजपा प्रदेश कार्य समिति की सदस्य व फरीदाबाद महिला मोर्चा की प्रभारी अंजली ने बताया कि गिफ्ट परंपरा के मेरे दादा जी विरोधी रहे हैं। सबसे बड़ा गिफ्ट घर में तैयार भोजन को ही मानते थे। खाने के विशेष शौकीन रहे हैं। परिवार के साथ आखिरी जन्म दिवस ग्वालियर में ही मनाया था। उस दौरान बाहर के बजाय घर से ही तैयार भोजन को तवज्जो दी थी, गिफ्ट किसी से लेते नहीं थे।
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