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फिजी में महेंद्र चौधरी का तख्तापलट हुआ तो अटल ने कही ऐसी बात

अटल बिहारी वाजपेयी देश के दूसरे नेताओं से हटकर इसलिए थे कि वह हर बड़ी समस्या का समाधान करने के लिए खुद ही पैरवी करते थे।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 17 Aug 2018 08:51 PM (IST)Updated: Sat, 18 Aug 2018 08:45 PM (IST)
फिजी में महेंद्र चौधरी का तख्तापलट हुआ तो अटल ने कही ऐसी बात
फिजी में महेंद्र चौधरी का तख्तापलट हुआ तो अटल ने कही ऐसी बात

जेएनएन, रोहतक। अटल बिहारी वाजपेयी देश के दूसरे नेताओं से हटकर इसलिए थे कि वह हर बड़ी समस्या का समाधान करने के लिए खुद ही पैरवी करते थे। एक दफा ऐसा भी मौका आया जब रोहतक में फिजी के प्रधानमंत्री महेंद्र चौधरी के समर्थन में धरना दिया गया। फिजी के प्रधानमंत्री रहे महेंद्र चौधरी का बहू जमालपुर (रोहतक) से नाता है। जब तख्ता पलट हुआ तो हरियाणा युवा शक्ति और महेंद्र चौधरी के रिश्तेदारों ने प्रदर्शन किया।

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तत्कालीन जिला उपायुक्त के माध्यम से महेंद्र चौधरी की सुरक्षा को लेकर ज्ञापन दिया तो सातवें दिन ही रिश्तेदारों व प्रतिनिधिमंडल को अटल जी ने बुला लिया था। मुलाकात के दौरान अटल बिहारी ने आश्वासन दिया कि मैं उन्हें प्रधानमंत्री तो नहीं बनवा सकता, लेकिन जान की सुरक्षा का वादा किया। यह भी कहा महेंद्र चौधरी रोहतक के नहीं बल्कि देश के गौरव हैं, इसलिए मैं उन पर आंच नहीं आने दूंगा।

हरियाणा युवा शक्ति के प्रधान व ङ्क्षनदाना पंचायत के पूर्व सरपंच सुरेश राठी ने कहा कि मई 2000 में महेंद्र चौधरी को प्रधानमंत्री पद से हटा दिया गया। उस दौरान उनकी जान तक जाने का अंदेशा था। इसलिए रोहतक में महेंद्र चौधरी के रिश्तेदारों के साथ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया था।

इसी धरने के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी के नाम ज्ञापन दिया गया। ज्ञापन मिलने के बाद सातवें दिन बाद ही रिश्तेदारों के साथ प्रतिनिधि मंडल को अपने आवास पर बुलाया। रिश्तेदारों की फिजी के प्रधानमंत्री से बातचीत भी कराई। इसी के बाद महेंद्र चौधरी की सुरक्षा को लेकर फिजी तक में हस्तक्षेप किया।

किसानों ने फसलों के उचित दामों के लिए ज्ञापन दिया तो आया बुलावा

अटल बिहारी किसानों के लिए फिक्रमंद रहते थे। सुरेश राठी ने बताया कि जब अटल बिहारी दूसरी बार प्रधानमंत्री बने तो बड़े पैमाने पर किसानों ने आंदोलन किया था। फसलों के उचित दामों को लेकर किए आंदोलन को लेकर जब ज्ञापन प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंचा तो वहां से बुलावा आया। पहले दो बसों में किसान जा रहे थे, बाद में नौ बसों का प्रशासन ने इंतजाम किया। बाद में प्रतिनिधिमंडल में से 40 किसानों को सीधे वार्ता के लिए अपने कार्यालय में बुलाया। वहां करीब एक घंटे तक मुलाकात हुई। सीधे तौर से अटल ने कहा कि किसानों की हमें फिक्र है। तत्कालीन कृषि मंत्री को भी मौके पर बुलाया था।

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