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लॉकडाउन में घर में रहकर बनाई लगभग 400 पौधों की बगिया

अनीता सिंहमार महम हरियाली को देखकर अक्सर लोग उसकी ओर आकर्षित होने लगते हैं। पौधों से

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 May 2021 06:10 AM (IST)Updated: Sat, 22 May 2021 06:10 AM (IST)
लॉकडाउन में घर में रहकर बनाई लगभग 400 पौधों की बगिया
लॉकडाउन में घर में रहकर बनाई लगभग 400 पौधों की बगिया

अनीता सिंहमार, महम

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हरियाली को देखकर अक्सर लोग उसकी ओर आकर्षित होने लगते हैं। पौधों से भरा आंगन देखकर मन बहुत खुश होता है। घर के आंगन में हरियाली के महत्व को समझते हुए महम कस्बे के वार्ड 6 निवासी बिजेंद्र व उनके बेटे ने अपने घर के आंगन में गुणकारी, औषधीय व फूलों के पौधों से सजाया है। यह कार्य बिजेंद्र सिंह व उनके 13 वर्षीय बेटे दिपांशु ने लॉकडाउन में अपने घर पर रहकर किया है। बिजेंद्र सिंह की अपनी टैंट की दुकान है लेकिन जब लॉकडाउन लगा तो घर में पौधे लगाने का कार्य शुरू किया । विशेष बात यह रही की बिजेंद्र सिंह व उनके बेटे ने घर के वेस्ट मैटिरियल जैसे दो लीटर की कोल्ड ड्रिक की बोतलों से, टूटे हुए पाइपों को जोड़कर, टूटी हुई फलों की कैरेट व लोहे का समचा बनाकर सीमेंट के लगभग तीन सौ गमले उन्होंने अपने हाथों से बनाए हैं। बगिया को देखकर घर के बडे़ बुजुर्ग भी पौधों के प्रति स्नेह रखने लगे हैं। बिजेंद्र ने बताया कि जब उन्होंने लॉकडाउन के दौरान पौधे लगाने शुरू किए थे तो स्वजनों ने नाराजगी जताई थी।लेकिन अब वो बुजुर्ग ही पौधों के पास कुर्सी डालकर श़ुद्ध हवा ग्रहण कर रहे हैं।

-बगिया में इन किस्मों के हैं पौधे

मिनी पार्क की तरह दिखने वाली इस बगिया में औषधीय पौधे रामा श्यामा तुलसी, गिलोय, पत्थर चट, पुदीना, कढी पत्ता, मीठा नीम, बड़ व पीपल के पौधे लगाए हैं। इनके अलावा फूलों में गुलाब, गुडहल, मोगरा, नाग चम्पा, रात की रानी, सुंदररूपा, लालटाना, सदाबहार, मधुमालती, बिच्छु बुट्टी, छुईमुई, रजनी गंधा, रेन लिली व गेंदा के फूल के पौधे लगाए हुए हैं। पत्तों की सुंदरता वाले पौधे स्नेक प्लांट, फर्न, फाइकस, साईकस, पाम, कुचिया व सिगोनियम के अलावा सैकडों किस्म के पौधे लगाए गए हैं।

-अब हो गया पर्यावरण प्रेम

उन्होंने कहा कि उनका पूरा परिवार इन पौधों की रखवाली के लिए लगा रहता है। उन्होंने बताया कि पौधों से इतना प्रेम हो चला है कि बच्चों के जन्म दिन पौधे लगाकर ही मनाए जाऐंगे। इससे बच्चों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी मिलता है। प्रदूषण के कारण जलवायु में निरंतर परिवर्तन हो रहा है। हमें स्वच्छ पर्यावरण, स्वच्छ जल के अलावा हरियाली की दिशा में ठोस कदम उठाना होगा। आने वाले समय में पौधों से मिलने वाली ऑक्सीजन ही हमें बचा पाएगी।


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