नाबार्ड एवं भारतीय स्टेट बैंक का संयुक्त देयता समूह बनाने के लिए करार
राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण बैंक (नाबार्ड) ने भारतीय स्टेट बैंक के साथ हरियाणा राज्य में एक हजार संयुक्त देयता समूह बनाने के लिए अनुबंध किया है।
जागरण संवाददाता, रोहतक : राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण बैंक (नाबार्ड) ने भारतीय स्टेट बैंक के साथ हरियाणा राज्य में एक हजार संयुक्त देयता समूह बनाने के लिए अनुबंध किया है, जिसके तहत नए सयुंक्त देयता समूह बनाने एवं उन्हे ऋण देने के लिए भारतीय स्टेट बैंक को नाबार्ड वित्तीय सहायता उपलब्ध कराएगा। बैंक अधिकारियों को इस बारे में जागरूक करने के लिए नाबार्ड के सहायक महाप्रबंधक विजय राणा एवं स्टेट बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक भाग सिंह ने स्टेट बैंक में एक कार्यशाला का आयोजन किया। इसमें भारतीय स्टेट बैंक के रोहतक, झज्जर, भिवानी, महेंद्रगढ़ के शाखा प्रबंधकों ने भाग लिए।
विजय राणा ने बताया कि संयुक्त देयता समूह (जेएलजी) चार से 10 लोगों का अनौपचारिक समूह होता है, ये आपसी गारंटी के समक्ष अकेले या समूह व्यवस्था के माध्यम से बैंक ऋण लेने के प्रयोजन से समूह गठित करते हैं। संयुक्त देयता समूह के सदस्य कृषि संबंधित एवं सहयोगी कार्यकलापों में से एक ही प्रकार का आर्थिक क्रिया कलाप करते हैं। ये बैंक को सयुंक्त वचन देते हैं जिससे वे ऋण प्राप्त करते हैं। संयुक्त देयता समूहों में कोई भी सदस्य किसी अन्य बैंक से डिफाल्टर नहीं होना चाहिए। क्षेत्रीय प्रबंधक स्टेट बैंक भाग सिंह ने सभी शाखा प्रबंधकों को स्वयं सहायता समूह एवं संयुक्त देयता समूहों को त्वरित ऋण देने को कहा। उन्होंने कहा कि गांव में गरीब महिलाओं एवं भूमिहीन किसानों को सस्ती दरों पर ऋण देने की जरूरत है। भारतीय स्टेट बैंक महिलाओं को स्वयं सहायता समूह के माध्यम से एवं भूमिहीन किसानों को संयुक्त देयता समूह के माध्यम से स्टेट बैंक ऋण दे रहा है। बैंक इस महीने 300 संयुक्त देयता समूहों को ऋण देगा। कार्यशाला में संजीव मलिक, मुख्य प्रबंधक एवं चार जिलों के सभी शाखा प्रबंधकों ने भाग लिया।