एक्टिव केस फाइंडिग कार्यक्रम से टीबी के मरीजों का किया जाएगा उपचार
टीबी को जड़ से खत्म करने और वर्ष 2025 में टीबी मुक्त देश बनाने के लिए टीबी के मरीजों की खोजबीन का अभियान शुरू किया गया है।
जागरण संवाददाता, रोहतक : टीबी को जड़ से खत्म करने और वर्ष 2025 में टीबी मुक्त देश बनाने के लिए टीबी के मरीजों की खोजबीन का अभियान शुरू किया गया है। सोमवार को सिविल सर्जन डा. अनिल बिरला और जिला क्षय रोग अधिकारी डा. इंदु ने एक्टिव केस फाइंडिग वैन का हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। अब वैन के माध्यम से लोगों को जागरूक करते हुए हाई रिस्क एरिया और स्लम बस्तियों में संदिग्ध लोगों की जांच की जाएगी।
टीबी को खत्म करने के लिए एक्टिव केस फाइंडिग पखवाड़े का आयोजन किया जा रहा है। पखवाड़े के तहत एक जागरूकता वैन शहर व गांवों के विभिन्न इलाकों में जाकर लोगों को टीबी के बारे में जागरुक करेगी।
सिविल सर्जन डा. अनिल बिरला ने वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2025 तक टीबी को जड़ से खत्म करने का लक्ष्य रखा है। ऐसे में वैन के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाएगा, और संदिग्ध मरीजों की जांच कराई जाएगी, ताकि कोई भी मरीज बिना उपचार के बच न सके।
जिला क्षय रोग अधिकारी डा. इंदु ने बताया कि जिले को वर्ष 2022 तक टीबी से मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए जिले के गांवों में ग्राम सभा का आयोजन किया जा रहा जिसमें ग्रामवासियों को टीबी के बारे में जागरूक किया जाएगा। कोई भी व्यक्ति प्रदेश स्तर पर 1800-11-6666 टोल फ्री नंबर पर कॉल करके टीबी के बारे में जानकारी हासिल कर सकता है।