एनबीए रोहतक में भी गेस्ट फैकल्टी के तौर पर सेवाएं दे रहा था आरोपित चिकित्सक
पुनीत शर्मा रोहतक पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (पीजीआइएमएस) के पीजी चिकित्सक के फर्जीवाड़ा में नया खुलासा हुआ है। अब पता चला है कि आरोपित चिकित्सक पीजीआइ से पीजी करने के साथ न केवल बॉक्सिग फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीएफआइ) में नौकरी कर रहा था बल्कि साईं नेशनल बॉक्सिग एकेडमी में भी पार्ट टाइम नौकरी कर रहा था। इसके लिए संस्थान द्वारा आरोपित चिकित्सक को करीब 50 हजार रुपये प्रतिमाह का भुगतान किया जा रहा था।
पुनीत शर्मा, रोहतक : पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (पीजीआइएमएस) के पीजी चिकित्सक के फर्जीवाड़ा में नया खुलासा हुआ है। अब पता चला है कि आरोपित चिकित्सक पीजीआइ से पीजी करने के साथ न केवल बॉक्सिग फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीएफआइ) में नौकरी कर रहा था, बल्कि साईं नेशनल बॉक्सिग एकेडमी में भी पार्ट टाइम नौकरी कर रहा था। इसके लिए संस्थान द्वारा आरोपित चिकित्सक को करीब 50 हजार रुपये प्रतिमाह का भुगतान किया जा रहा था।
दैनिक जागरण द्वारा पीजीआइ के ऑर्थो विभाग के पीजी चिकित्सक पर बीएफआइ में नौकरी करने का खुलासा किया गया था। जिसके बाद बीएफआइ के अधिकारियों ने पीजीआइ के अधिकारियों को पत्र लिखते हुए आरोपित चिकित्सक के संबंध में दस्तावेज मांगे थे। मामले में अब नया खुलासा हुआ है कि आरोपित चिकित्सक स्पोर्टस एकेडमी ऑफ इंडिया के नेशनल बॉक्सिग एकेडमी रोहतक में भी बतौर गेस्ट फैकल्टी अपनी सेवाएं दे रहा था। इसके लिए आरोपित चिकित्सक को संस्थान द्वारा भी करीब 50 हजार प्रतिमाह का भुगतान किया जा रहा था। आरोपित चिकित्सक प्रतिदिन करीब तीन घंटे की सेवाएं साईं एनबीए में दे रहा था। इसका खुलासा साईं एनबीए के अधिकारियों द्वारा पीजीआइ को भेजे पत्र में किया है। इससे पहले बीएफआइ ने भी मामले में साईं एनबीए के अधिकारियों को पत्र लिखकर आरोपित के बारे में जानकारी और दस्तावेज मांगे थे। मामले में फिलहाल पीजीआइ के अधिकारियों द्वारा ट्रॉमा सेंटर और इमरजेंसी के इंचार्ज डीएमएस द्वारा जांच कराई जा रही है। जून 2018 से पांच मार्च 2020 तक की नौकरी
साईं एनबीए के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (सीइओ) सतीश सरहदी द्वारा बीएफआइ को भेजे गए पत्र में बताया कि आरोपित चिकित्सक ने अप्रैल 2018 से पांच मार्च 2020 तक गेस्ट फैकल्टी के तौर पर अपनी सेवाएं दी हैं। बताया जा रहा है कि इसी अवधि में आरोपित चिकित्सक ने बीएफआइ में भी नौकरी हासिल की थी। साथ ही आरोपित चिकित्सक ने खुद को कभी भी पीजीआइ में पीजी चिकित्सक के तौर पर पेश नहीं किया। वर्जन ---
पूरे मामले में बीएफआइ व पीजीआइ के अधिकारियों के पत्र मिले थे। इसके लिए आरोपित चिकित्सक डा. गौरव संबंधी जो भी जानकारी थी, वह बीएफआइ व पीजीआइ से साझा की जा चुकी है। अप्रैल 2018 से पांच मार्च 2020 तक चिकित्सक ने गेस्ट फैकल्टी के तौर पर अपनी सेवाएं दीं थी। आरोपित चिकित्सक ने कभी भी खुद को पीजी चिकित्सक के तौर पर पेश नहीं किया था।
सतीश सरहदी, सीइओ, साईं एनबीए