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पीजीआइएमएस में डेढ माह में 58 फीसद मौत, चिताजनक स्थिति में संक्रमितों की मौत के आंकड़े

कोरोना की दूसरी लहर ने मौत के पिछले सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों की मानें तो पूरे कोरोना काल के मुकाबले पिछले डेढ़ माह के दौरान ही 58 फीसद मौत हुई हैं। पीजीआइएमएस में मार्च 2020 से मार्च 2021 तक 357 मौत हुई हैं वहीं अकेले डेढ माह में 502 लोगों की कोरोना से मौत हुई हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 May 2021 08:40 AM (IST)Updated: Sat, 15 May 2021 08:40 AM (IST)
पीजीआइएमएस में डेढ माह में 58 फीसद मौत, चिताजनक स्थिति में संक्रमितों की मौत के आंकड़े
पीजीआइएमएस में डेढ माह में 58 फीसद मौत, चिताजनक स्थिति में संक्रमितों की मौत के आंकड़े

विक्रम बनेटा, रोहतक: कोरोना की दूसरी लहर ने मौत के पिछले सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों की मानें तो पूरे कोरोना काल के मुकाबले पिछले डेढ़ माह के दौरान ही 58 फीसद मौत हुई हैं। पीजीआइएमएस में मार्च 2020 से मार्च 2021 तक 357 मौत हुई हैं, वहीं अकेले डेढ माह में 502 लोगों की कोरोना से मौत हुई हैं।

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कोरोना संक्रमण से मौत की भयावहता के चलते स्वास्थ्य विभाग में काफी हलचल है। कोरोना की वजह से हो रही मौतों की दस्तक अब गांवों तक पहुंच चुकी है। ऐसे में विभाग के लिए इससे निपटना चुनौतीपूर्ण हो गया है। पीजीआइएमएस के अलावा जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार मार्च 2020 से मार्च 2021 तक जिला स्वास्थ्य विभाग के अनुसार 161 मौत हुई, वहीं अकेले डेढ माह में 243 मौत हुई हैं। ऐसे में हम समझ सकते हैं पिछले कुछ दिन से हो रही मौतों के सिलसिले ने विभाग ही नहीं आमजन को भी झकझोर कर रख दिया है। पीजीआइएमएस में मई माह के 14 दिन की बात की जाए तो 234 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं जिला स्वास्थ्य विभाग के अनुसार मई माह में 200 लोगों की मौत हो चुकी है।

-पूरे कोरोना काल पर भारी पड़े मई के 14 दिन

तारीख पीजीआइएमएस के आंकड़े स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े

01 मई 16 मौत 16 मौत

02 मई 12 मौत नौ मौत

03 मई 20 मौत नौ मौत

04 मई 34 मौत 12 मौत

05 मई 19 मौत नौ मौत

06 मई 21 मौत 15 मौत

07 मई 14 मौत 21 मौत

08 मई 15 मौत 14 मौत

09 मई 15 मौत आठ मौत

10 मई 18 मौत 18 मौत

11 मई 16 मौत 19 मौत

12 मई सात मौत 14 मौत

13 मई 11 मौत 15 मौत

14 मई 16 मौत 20 मौत

कुल 234 मौत 200 मौत

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वर्जन

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का पीक समय अप्रैल माह व मई का प्रथम सप्ताह रहा है। इसलिए इस दौरान संक्रमण से हुई मौतों का आंकड़ा इस समय बढ़ा है। कुछ निजी अस्पताल भी मरीज की हालत ज्यादा बिगड़ने पर पीजीआइएमएस रेफर कर देते हैं, इसकी वजह से भी पीजीआई के आंकड़ों में इजाफा हुआ है।

डा. पुष्पा दहिया, एमएस, पीजीआइएमएस रोहतक।


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