पीजीआइ प्रशासन की चूक का खामियाजा भुगत रहे 23 परिवार
कोरोना की दूसरी लहर जब पूरी तरह पीक पर थी तो पीजीआइ प्रशासन से बड़ी चूक हुई। 23 लोगों की मौत का रिकार्ड अपडेट नहीं किया गया है।
जागरण संवाददाता, रोहतक : कोरोना की दूसरी लहर जब पूरी तरह पीक पर थी तो पीजीआइ प्रशासन से बड़ी चूक हुई। चूक यह हुई कि 23 लोगों की मौत का रिकार्ड पीजीआइ प्रशान अपडेट करना भूल गया। पीजीआइ प्रशासन के लिए ये लोग महज एक आंकड़ा थे लेकिन उनके परिवारों के लिए पीजीआइ की यह चूक आफत का कारण बनी हुई है। रिकार्ड में अपडेट नहीं होने की वजह से मृतकों के आश्रितों को डेथ सर्टिफिकेट नहीं मिल पा रहा। पांच माह से अधिक समय बीत जाने के बावजूद ये परिवार डेथ सर्टिफिकेट के लिए पीजीआइ के चक्कर लगा रहे हैं।
-रुके हुए हैं सभी तरह के कार्य
मृत्यु प्रमाण पत्र न मिलने के कारण मुआवजा राशि क्लेम, जमीन हस्तांतरण, सरकारी नौकरी के लाभ, निजी कंपनियों से पीएफ क्लेम सहित काफी महत्वपूर्ण कार्यों के लिए लोगों को परेशान होना पड़ रहा है। हर कार्य के लिए मृत्यु प्रमाण पत्र की मांग विभागों की ओर से की जाती है, जो कि परिवार के पास नहीं है। पीजीआइ में इसलिए नहीं बन पा रहा है क्योंकि उनके रिकार्ड में मौत दर्ज नहीं है।
-फाइल गुम होने की कोई जांच नहीं
कोरोना काल में इतनी बड़ी संख्या में फाइलें गुम हुई। हैरत की बात तो यह है कि इसके लिए पीजीआइ प्रशासन की ओर से जांच तक नहीं करवाई गई। आम आदमी को होने वाली परेशानी पीजीआइ प्रबंधन के लिए कोई मायने नहीं रखती। अधिकारी नहीं जानने चाहते कि इतने लोगों की परेशानी के लिए किस कर्मचारी या अधिकारी ने लापरवाही बरती है।
-अब ये निकाला रिकार्ड का तरीका
पीजीआइ में मृतकों की फाइल गुम होने के बाद रिकार्ड अपडेट करने के लिए उनकी जानकारी जरुरी है। कोविड के दौरान डेथ डिक्लेयर करने के लिए हर मरीज की इसीजी की गई थी, जिसका रिकार्ड कम्प्यूटर में दर्ज है। इसीजी वाले रिकार्ड के आधार पर मिलान करके डेथ रिपोर्ट को अपडेट करवाने का कार्य किया जा रहा है।
एक माह से अधिक समय लगेगा
पीजीआइ प्रशासन की ओर से गुम हई फाइलों का रिकार्ड अपडेट करवाने के लिए सीएमओ को लिखा जा रहा है। सीएमओ कार्यालय जब अपडेट करवा देगा तो उसके बाद मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने का राह खुलेगा। मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए भी पहले पीजीआइ के पास आवेदन करना होगा। उसके बाद पीजीआइ प्रशासन उसका मृत्यु प्रमाण पत्र सीएमओ कार्यालय से जारी करवाएगा। इस पूरी प्रक्रिया में अभी करीब एक माह का समय लग जाएगा।
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कोविड के दौरान हालात ऐसे थे कि फाइलों से ज्यादा लोगों की जान को तवज्जो दी गई थी। उसके बाद अब फाइलें गुम होने की जानकारी मिली तो रिकार्ड का मिलान कर अपडेट करवाया जा रहा है। जल्द ही रिकार्ड अपडेट हो जाएगा।
पुष्पा दहिया, चिकित्सा अधीक्षक, पीजीआइ रोहतक।