महिला का मान-सम्मान जीवन का सबसे कीमती गहना : कोर्ट
जागरण संवाददाता रोहतक यह कोर्ट की ड्यूटी है कि महिला और बच्चों को प्रोटेक्ट करें।
जागरण संवाददाता, रोहतक : यह कोर्ट की ड्यूटी है कि महिला और बच्चों को प्रोटेक्ट करें। शिकायतकर्ता कोई भी हो सकता है, लेकिन जहां महिला की बात होती है वह ज्यादा महत्वपूर्ण है। महिला का आत्म सम्मान उसके जीवन का सबसे कीमती गहना है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरपी गोयल की कोर्ट ने यह तल्ख टिप्पणी करते हुए एक आरोपित को दोषी करार दिया है। जिसकी शिकायत उसकी पत्नी ने ही दर्ज करा रखी है।
मामले के अनुसार, शिवाजी कालोनी थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली महिला ने शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें बताया कि अप्रैल 2019 में उसका पति शराब पीकर आया और जबरदस्ती करने लगा। मना करने पर उसने मारपीट की और जलती हुई बीडी छाती पर रगड़ दी। आरोपित ने प्राइवेट पाटर्स में भी डंडा डाल दिया। शोर मचाने पर आरोपित वहां से भाग गया। शिकायत के बाद पुलिस ने दुष्कर्म समेत कई धाराओं में मामला दर्ज कर आरोपित को गिरफ्तार किया। यह मामला तभी से कोर्ट में विचाराधीन है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरपी गोयल की कोर्ट में मामले को लेकर मंगलवार को सुनवाई हुई। जिसके बाद सभी तथ्यों को देखते हुए कोर्ट ने आरोपित को दोषी करार दिया है। जिसे बुधवार को सजा सुनाई जाएगी। इन धाराओं में हुआ दोषी
कोर्ट ने आरोपित को धारा 377 (अप्राकृतिक यौन संबंध) और 323 (मारपीट) का दोषी माना है। इसके अलावा दुष्कर्म और जान से मारने की धमकी के मामले में कोर्ट ने उसे छोड़ दिया। दुष्कर्म के मामले पर कोर्ट ने कहा कि यह तब माना जा सकता था जब पति-पत्नी अलग रहते हो। एक साथ एक बैडरूम में रहने पर दुष्कर्म नहीं कहा जा सकता।