खेलों का छूट रहा साथ, खून से लाल हो रहे हाथ
खेल कोई भी हो उसे सिखाने के लिए उस्ताद की जरूरत होती है। कुश्ती में दांव पेंच सिखाए जाते हैं तो अन्य खेलों में दूसरे गुर उस्ताद ही सिखाते हैं। विडंबना तो तब है जब ये उत्साद अपराध की ओर अग्रसर दिखाई देते हैं। यहां कुछ उदाहरण ऐसे भी हैं कि खेलों के गुर सिखने वाले खिलाड़ी भी अपराध की दुनिया में कदम रख रहे हैं।
विनीत तोमर, रोहतक
खेल कोई भी हो, उसे सिखाने के लिए उस्ताद की जरूरत होती है। कुश्ती में दांव-पेंच सिखाता है तो क्रिकेट में बल्लेबाजी से लेकर गेंदबाजी के हुनर बताता है। लेकिन जब उस्ताद और चेले ही अपराध की डगर पर निकल पड़ें तो खेल की साख पर भी सवाल खड़े हो जाते हैं। पिछले कुछ समय में ऐसे कई मामले आए हैं, जहां उस्ताद के हाथ खून से रंगे तो वहीं अपराध की दुनिया में चेलों का नाम भी कुछ कम नहीं रहा। आइए बताते हैं आपको कुछ ऐसे ही मामलों के बारे में। केस : 1
जाट कालेज के अखाड़े में 12 फरवरी को कोच सुखवेंद्र ने नृशंस हत्याकांड को अंजाम दिया था। जिसमें कुश्ती के तीन कोच समेत छह लोगों की मौत हो गई थी। इसमें तीन साल का मासूम बच्चा सरताज भी शामिल था। जिस सुखवेंद्र ने खूनी खेल को अंजाम दिया, वह पिछले कई साल से खिलाड़ियों को कुश्ती के दांव-पेंच सिखाता था, लेकिन जब थोड़ा विवाद हुआ तो एक या दो नहीं, बल्कि छह लोगों का हत्यारा बन गया। केस : 2
21 अक्टूबर 2020 में रिटौली गांव के पहलवान शिवकुमार का शव उसके कमरे में पड़ा मिला था, जो न्यू अग्रसेन कालोनी में किराये पर रहता था। इस मामले में अखाड़ा संचालक हिद केसरी पहलवान सुरेश, उसके बेटे संजीव और सोमबीर समेत कई पर हत्या का मामला दर्ज हुआ था, जिसके बाद पुलिस ने आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया था। आरोप था कि साजिश के तहत इन आरोपितों ने शिवकुमार की हत्या की है। केस : 3
भोपाल की रहने वाली महिला वेट लिफ्टर का 18 फरवरी को धामड़-किलोई गांव के पास नहर की पटरी पर शव मिला था, जिसकी गला रेतकर हत्या की गई थी। इस मामले में पुलिस ने रविवार को राजीव गांधी स्टेडियम के वेट लिफ्टर कोच भगत सिंह को गिरफ्तार किया है। वेट लिफ्टर पिछले दो साल से बर्खास्त चल रहा है। जिस पर महिला खिलाड़ी ने दुष्कर्म और धमकी का भी केस दर्ज करा रखा था। केस : 4
वर्ष 2017 में शीला बाईपास के नजदीक अधिवक्ता सत्यवान मलिक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। गैंगवार के चलते हुए इस हत्याकांड में काफी लोगों के नाम सामने आए थे, जिसमें अखाड़ा संचालक रामकरण पर भी साजिश में शामिल होने का आरोप है। केस : 5
उस्ताद के अलावा अपराध की दुनिया में चेले भी काफी आगे हैं। रोहतक का रहने वाला विक्की बॉक्सर नेशनल और स्टेट लेवल पर काफी मेडल जीत चुका है। जुलाना गांव के मोनू हत्याकांड में विक्की बॉक्सर का नाम आया, जिसके बाद वह राजेश सरकारी गैंग के साथ मिल गया था। 2017 में कुख्यात मनीष भंडारी पर हुए हमले में भी विक्की का नाम सामने आया था। केस : 6
बहुअकबरपुर गांव का रहने वाला संजीत बिद्रो भी कुश्ती का अच्छा खिलाड़ी था, लेकिन बाद में अपराध जगत में वह पुलिस के लिए काफी सिरदर्द बन गया था। पहलवानी छोड़कर उसने खुद का गैंग बना लिया था। जिस पर हत्या समेत कई संगीन मामले दर्ज थे। हालांकि कुछ साल पहले मुठभेड़ के दौरान उसकी मौत हो गई थी। 7. रिठाल के नेशनल कबड्डी खिलाड़ी सुखविद्र की मार्च 2016 में गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस गैंगवार में कई लोगों की हत्या हो चुकी है। इस मामले में भी खेल से जुड़े लोगों का नाम सामने आया था।