कालोनियों से हाईटेंशन तार हटाए नहीं, पूर्व सैनिक के इकलौते बेटे के मौत, अधिकारियों का दावा हमने नोटिस दिए
जिला लोक संपर्क एवं परिवेदना समिति की बैठक में अधिकारियों की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठे। कुछ विभागों पर सीधे तौर से रिश्वत लेने के आरोप लगे।
जागरण संवाददाता, रोहतक :
जिला लोक संपर्क एवं परिवेदना समिति की बैठक में अधिकारियों की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठे। कुछ विभागों पर सीधे तौर से रिश्वत लेने के आरोप लगे। लेकिन अधिकारी सख्त कार्रवाई करने के बजाय आरोपित अधिकारियों को बचाने की कवायद में जुटे रहे। अलग-अलग मामलों में दो पूर्व सैनिकों ने शिकायत की। उनके आंसू तक छलक आए। रिश्वत मांगने तक के आरोप लगाए। अधिकारियों ने अगली बैठक में मामला रखते हुए सिर्फ न्याय दिलाने का आश्वासन दिया।
बैठक के दौरान हिसार रोड स्थित शिव कालोनी निवासी रिटायर सैनिक हरिओम, नितेश, गुलाब आदि ने मामला रखा कि कालोनी में हाईटेंशन तार छत के ऊपर से गुजर रहे हैं। रिटायर सैनिक हरिओम ने बताया उनके अकेले 26 वर्षीय पुत्र विकास का हाईटेंशन तार की चपेट में आकर निधन हो गया। उन्होंने कहा कि भविष्य में अन्य किसी के घर का चिराग न बुझे, इसलिए तार को बदला जाए। मौके पर तैनात बिजली निगम के अधिकारियों ने जवाब दिया कि 1969 से हाईटेंशन तार संबंधित कालोनियों से गुजर रहे हैं। लोगों से संबंधित कालोनियों में जब घरों का निर्माण शुरू किया था तो उन्हें नोटिस दिया गया था। अधिकारियों ने कहा कि मकान से कम से कम 20 फीट ऊंचाई पर तार होने चाहिए। जांच में हमने पाया है कि आठ फीट तक ऊंचाई पर ही तार हैं। इसलिए हादसे होते हैं। लोगों ने तर्क दिया है कि 25-30 साल से अधिक समय से घर बने हुए हैं। बिजली निगम ने कभी नोटिस नहीं दिया, करीब तीन-चार माह पहले जरूर नोटिस दिए थे। लोगों ने यह भी सवाल उठाए कि यदि तार के नीचे प्लाट-मकान या फिर दूसरी संपत्तियां हैं तो रजिस्ट्रियां कैसे हुई। यदि नोटिस दिए जाते तो रजिस्ट्री रूक सकती थीं। इस प्रकरण में विकास गुप्ता ने अगली बार मामले को रखने के साथ ही अधिकारियों से ब्योरा मांगा है।
मेजर का छलका दर्द .. मेरी शिकायत पर समाधान नहीं
सेना में तैनात मेजर चेतन शर्मा ने आरोप लगाए कि मॉडल टाउन में उनके माता-पिता रहते हैं। मॉडल टाउन में आधे घर को एक व्यक्ति को कोचिग सेंटर संचालित करने के लिए किराए पर दे दिया। अब संबंधित व्यक्ति किराया भी नहीं देता, ऊपर से जान से मारने की धमकी दी। फिर भी आरोपित दीपक के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। मेजर ने कहा कि विकास दुबे मारा जा सकता है, छह हत्याएं करने वाले को पुलिस फटा-फट पकड़ सकती है, लेकिन मेरी शिकायत पर आरोपित नहीं पकड़ा।
इन मामलों में रिश्वत मांगने के गंभीर आरोप :
आरोप : पूर्व सैन्य अधिकारी रो पड़े कहा, जमीन पर एचएसवीपी ने ही कर लिया कब्जा
विकास भवन में आयोजित बैठक में तिलक नगर निवासी नेवी से रिटायर दलबीर ने कहा कि सेक्टर-1 में चार कनाल तीन मरले जमीन खरीदी। नेवी से रिटायर होने के बाद मर्चेंट नेवी में चीफ इंजीनियर पद की तैनाती मिल गई। इसलिए संबंधित जमीन का ब्योरा लेने की फुर्सत नहीं मिली। बाद में रिटायर होने के बाद अपनी जमीन देखी तो एचएसवीपी ने रकबा नंबर बदल दिया। जमीन पर खुद का कब्जा कर लिया। जब पैरवी की गई तो एक जेई ने रिश्वत मांग ली। कार्रवाई की मांग की।
जवाब : जेई बोले बताओ मैंने कब और कितनी रिश्वत मांगी सबूत दें
पहले तो अधिकारियों ने पूर्व सैन्य अधिकारी को बोलने से रोका। हालांकि विधायक भारत भूषण बतरा ने हस्तक्षेप किया और कहा कि संबंधित व्यक्ति को बोलने का मौका दें तो पूर्व सैनिक ने मामला रखा। अपनी बात कहते-कहते पूर्व सैन्य अधिकारी रो पड़े। रिश्वत मांगने के आरोप पर एक जेई मौके पर खड़े हो गए। जेई ने कहा कि मुझे बताएं कि कब और कितनी रिश्वत मांगी। सबूत दें। पूर्व सैन्य अधिकारी ने आरोप लगाए हैं कि रिश्वत न देने के कारण मेरा अधिकारी काम नहीं होने दे रहे।
आरोप-2 : तीसरी भैंस का लोन देने के एवज में मांगे 10 हजार
महम क्षेत्र के सैमाण गांव निवासी पवन कुमार ने आरोप लगाए है कि भैंस खरीदने के लिए लोन देने के एवज में एक अधिकारी ने 10 हजार रुपये की मांग की। बैंक अधिकारियों ने तर्क दिया कि पहले भी दो भैंस लोन पर लेकर संबंधित व्यक्ति भैंस बेच चुका है। इसके जवाब में पवन ने कहा कि मेरे कई परिचितों ने भी ऐसा ही किया है, यदि वह भी रिश्वत दे देता तो अधिकारी भैंस के लिए लोन दे देते। पूरे मामले को बाद में स्थगित कर दिया।
आरोप-3 : एचएसवीपी के ठेकेदार को लाभ पहुंचाया, बैठी जांच
लाढ़ौत रेड निवासी शशि कुमार ने आरोप लगाए है कि सेक्टर-21, सेक्टर-18, सेक्टर-18ए व सेक्टर-5, सेक्टर-6 में पानी की लाइन बिछाने के कार्य में धांधली बरती गईं। फिर भी ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई। एचएसवीपी के अधिकारियों ने जवाब दिया कि हमने ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट कर दिया, पेमेंट रोक दी। हालांकि शशि कुमार ने आरोप लगाए है कि ठेकेदार को दूसरे काम सौंपे हैं। पेमेंट भी कर दिया, धांधली में शामिल अधिकारियों को जांच सौंपी थी। पूरे मामले में विकास गुप्ता ने जिला परिषद के सीईओ सतीश यादव, जनस्वास्थ्य विभाग के एक्सईएन भानु प्रकाश आदि की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी गठित करते हुए अगली बैठक में रिपोर्ट तलब की है।
आरोप-4 : रिटायर सैनिक ने कहा, एचएसवीपी के अधिकारी तंग करते हैं, देश सेवा का क्या फायदा
सुनारिया कलां निवासी पूर्व सैनिक सत नारायण सिंह ने आरोप लगाए हैं कि 2010 में सेक्टर-21 के लिए जमीन अधिग्रहित की गई। चार भाइयों को हिस्सा मिल गया, लेकिन मुझे पांचवां हिस्सा आज तक नहीं मिला। 2018 से चक्कर काट रहा हूं। अधिकारियों ने अब 31 मार्च तक इस प्रकरण में न्याय दिलाने की बात कही है।
आरोप-5 : एचएसवीपी से खरीदी जमीन पर कब्जा नहीं हुई सुनवाई
विद्या गोयल एवं बिमला गोयल के आरोप हैं कि एचएसवीपी से तीन कनाल सात मरले जमीन खरीदी थी। सेक्टर-6 में यह जमीन 2006 में अधिकृत कर दी। 2015-2016 की जमाबंदी में जमीन अज्ञात व्यक्ति के नाम है। इस मामले मं अब तहसीलदार जांच करेंगे, कोर्ट में मामला चल रहा है। कोर्ट का आर्डर भी देखा जाएगा। बैठक में यह मामले भी रखे गए
1. कलानौर के गढ़ी बलभ निवासी लखमी ने आरोप लगाए कि 1976 में 100-100 गज के प्लाट अलाट किए गए थे। लेकिन कब्जे नहीं मिले। अब रजिस्ट्री कराने के आदेश दिए गए हैं।
2. महम क्षेत्र के सैमाण गांव निवासी रामफल ने आरोप लगाए हैं कि सिचाई के लिए समय पर पानी नहीं मिलने पर फसल सूख गई। इस कारण नुकसान हुआ। अब अगली बैठक में मामले पर सुनवाई होगी।
3. गिझी गांव के किसानों सुखलाल, सोमदेव, ओम प्रकाश आदि ने कहा कि बाजरे का ब्योरा मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर नहीं आया, इस कारण उन्हें नुकसान हुआ। इस मामले में अगली बार रखा जाएगा। एक कमेटी जांच करेगी।
4. सेक्टर-36 निवासी देवेंद्र राणा ने कहा कि सुनील नाम के व्यक्ति ने 7.30 लाख रुपये गाड़ी खरीदने के लिए दिए, मगर गाड़ी नई नहीं आई। पुलिस ने कहा केस दर्ज हो चुका है। आरोपित को रिमांड पर ले लिया है।