ताबड़तोड़ हो रहे अपराध, चैन की नींद सो रही पुलिस
जिले में अपराध चरम पर है। एक माह के अंदर नौ लोगों को मौत के घाट उतारा जा चुका है। यहां तक कि हाईवे पर चलने वाले राहगीर भी अब सुरक्षित नजर नहीं आ रहे।
जागरण संवाददाता, रोहतक : जिले में अपराध चरम पर है। एक माह के अंदर नौ लोगों को मौत के घाट उतारा जा चुका है। यहां तक कि हाईवे पर चलने वाले राहगीर भी अब सुरक्षित नजर नहीं आ रहे। दिल्ली-रोहतक हाईवे पर महिला को गोली मारी गई थी तो रोहतक-जींद हाईवे पर युवक को दो गोली मारकर मौत की नींद सुला दिया गया। ताबड़तोड़ हो रहे इन अपराधों के बीच दैनिक जागरण टीम ने रात के रिपोर्टर अभियान के तहत मंगलवार रात शहर की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा ली। इस दौरान जो नजारा देखने को मिला वह सुरक्षा के लिहाज से नाकाफी था। शीला बाईपास चौक
दैनिक जागरण टीम रात 11 बजे सबसे पहले शीला बाईपास चौक पर पहुंची। यहां पर एक भी पुलिसकर्मी नहीं दिखाई दिया। यह स्थिति तो तब है जब यह चौराहा शहर का प्रमुख चौराहा है। अक्सर रात के समय यहां पर मारपीट की छिटपुट घटनाएं भी होती रहती है। दिन के हालात पर नजर डाले तो यहां हर समय पुलिसकर्मी रहते हैं, जो वहां से निकलने वाले वाहनों के चालान काटते नजर आते हैं, लेकिन रात के समय कोई नहीं। जाट भवन :
शीला बाईपास से जागरण टीम ने सीधी सोनीपत रोड का रूख किया, जो महिद्रा मॉडल स्कूल के पास टी-प्वाइंट से होते हुए जाट भवन पर पहुंची। यहां पर कहने के लिए पुलिस के बैरिकेड तो रखे थे, लेकिन स्थिति जस की तस थी। टीम यहां पर करीब 10 मिनट तक रूकी, लेकिन पुलिसकर्मी दिखाई नहीं दिए। इस तिराहे की बात करें तो यहां पर अक्सर स्नेचिग की घटनाएं होती है। फिर भी रात के समय यहां पर सुरक्षा के ठोस बंदोबस्त नहीं दिखे। दिल्ली बाईपास चौक :
इन दोनों स्थानों पर सुरक्षा का जायजा लेने के बाद टीम सीधे दिल्ली बाईपास पर पहुंची। यह शहर का एक ऐसा चौराहा है जिस पर हर समय चहल-पहल रहती है। सुरक्षा बंदोबस्त पर नजर डालें तो पुलिस के बैरिकेड भी लगे हैं और पुलिस का बूथ भी बना हुआ है, लेकिन यहां भी पुलिसकर्मी कोई नहीं दिखा। यह तीनों स्थान ऐसे हैं जो शहर के आउटर एरिया में आते हैं। जिस पर पुलिस हर समय होनी चाहिए, लेकिन ऐसा कुछ नहीं मिला।