सैंपल गांव का इतिहास है 500 साल पुराना
ललित शर्मा कलानौर रोहतक जिला मुख्यालय से 27 किलोमीटर दूर बसा सैंपल गांव प्राचीन काल से ह
ललित शर्मा, कलानौर :
रोहतक जिला मुख्यालय से 27 किलोमीटर दूर बसा सैंपल गांव प्राचीन काल से ही समाज में आपसी भाईचारे की मिसाल कायम कर रहा है। गांव के सतराम दास धींगड़ा व अन्य ग्रामीण बताते है कि सैंपल गांव का इतिहास करीब 500 साल पुराना है। आजादी से पहले यह गांव मुस्लिम बाहुल्य था। जब देश का बंटवारा हुआ तो मुसलमान वहां से पाकिस्तान चले गए और उनकी जगह पंजाबी समुदाय के लोग यहां आकर बस गए। आजादी से पहले कलानौर कस्बे के 12 गांवों की कचहेरी भी इसी गांव में लगती थी। जिसमें मुस्लिम कप्तान नूरदीन फरियादी लोगों को फैसले सुनाते थे। कचहरी वाला प्राचीन भवन आज भी गांव में मौजूद है। जिसे आज लोग सरदार अर्जुन सिंह की हवेली के नाम से जानते है। गांव में राजा वाली प्याऊ भी प्राचीन काल की याद दिलाती है। ग्रामीणों का कहना है कि प्राचीन समय में जींद वाला राजा जब भी दादरी के लिए जाता था तो रास्ते में उसने सैंपल गांव में कुएं का निर्माण करवाया था। जहां पर उसके सैनिक अपनी प्यास बुझाते थे। यह प्याऊ आज भी गांव में राजा वाली प्याऊ के नाम से जानी जाती है। गांव में हैं कई समस्याएं :
प्राचीन समय से अस्तित्व में रहा गांव सैम्पल वर्तमान में कई समस्याओं से जूझ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि खेतों में बरसाती पानी की निकासी न होने के चलते फसल खराब हो जाती है।इसके अलावा गांव से कोई भी सरकारी बस की सुविधा नहीं है जिसके चलते स्कूल व कालेज जाने वाली लड़कियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
गांव में पीने के पानी की समस्या से निजात दिलाने के लिए सारे गांव में पाइप लाइन बिछाई जा रही है। बाकी जो भी समस्याएं ग्रामीणों के सामने आ रही हैं उनसे उनको जल्द निजात दिलाने के प्रयास चल रहे है। ग्रामीणों की समस्याओं के लिए संबंधित अधिकारियों से बात हो चुकी ही।
रविद्र कुमार, सरपंच, सैंपल गांव ।