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सॉलिडवेस्ट मैनेजमेंट प्लांट के लिए अधिग्रहित की गई थी किसानों की जमीन, चार साल से नहीं मिली रॉयल्टी

भूमि अधिग्रहण के बाद किसानों की लगातार अनदेखी हो रही है। साल 2007 सुनारिया स्थित सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट के लिए जमीन अधिग्रहित की गई थी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 04 Aug 2020 08:23 AM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2020 08:23 AM (IST)
सॉलिडवेस्ट मैनेजमेंट प्लांट के लिए अधिग्रहित की गई थी किसानों की जमीन, चार साल से नहीं मिली रॉयल्टी
सॉलिडवेस्ट मैनेजमेंट प्लांट के लिए अधिग्रहित की गई थी किसानों की जमीन, चार साल से नहीं मिली रॉयल्टी

जागरण संवाददाता, रोहतक : भूमि अधिग्रहण के बाद किसानों की लगातार अनदेखी हो रही है। साल 2007 सुनारिया स्थित सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट के लिए जमीन अधिग्रहित की गई थी। किसानों का दावा है कि नियमों के हिसाब से प्रति वर्ष किसानों को रॉयल्टी मिलनी चाहिए थी। लेकिन पिछले चार साल से रॉयल्टी नहीं मिली है। किसानों का कहना है कि कृषि योग्य भूमि अधिग्रहित कर ली। ऊपर से अब रॉयल्टी भी नहीं मिल रही। किसानों ने चेतावनी दी है कि एक सप्ताह में समस्या का समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन के लिए विवश होंगे।

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सुनारिया में करीब 36 एकड़ में सॉलिडवेस्ट मैनेजमेंट प्लांट संचालित है। यहां शहर से निकलने वाले कचरे को पहुंचाया जाता है। किसानों के मुताबिक, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण यानी एचएसवीपी ने जमीन अधिग्रहित की थी। करीब 30-35 किसानों को जमीन अधिग्रहण के कुछ साल तक प्रति वर्ष रॉयल्टी मिली। जबकि बाद में तीन-तीन साल बाद रॉयल्टी आने लगी। अब करीब चार साल से रॉयल्टी न आने से किसान परेशान हैं। किसान जयभगवान सैनी ऊर्फ भूप सिंह ने बताया है कि देवीलाल पार्क के निकट भूमि अधिग्रहण से जुड़े अधिकारियों से शिकायत कर चुके हैं, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ। इन्होंने बताया है कि किसान रामेश्वर, रूपचंद, जयभगवान सैनी, दरियाब सिंह, सुबोध आदि भी इस प्रकरण में नाराजगी जता चुके हैं। किसानों को अपने कार्यों से फुर्सत नहीं, अब कितने काटें चक्कर

किसान जयभगवान सैनी ने बताया है कि किसानों को अपने खेती-बाड़ी के कार्यों से फुर्सत नहीं है। कई बार अधिकारियों के पास चक्कर काट चुके हैं। फिर भी कोई सुनवाई नहीं हुई। इन्होंने बताया है कि इस प्रकरण में जिला उपायुक्त आरएस वर्मा के साथ ही एचएसवीपी के प्रशासक व दूसरे संबंधित अधिकारियों से भी शिकायत करेंगे। फिर भी सुनवाई नहीं होगी तो आगामी कार्रवाई को लेकर किसान रणनीति बनाएंगे। किसानों से भी यह भी आह्वान किया है कि अपने दस्तावेज अधिकारियों को दें।


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