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मैनेजमेंट गुरु बनने में बेटों से ज्यादा बेटियां आगे

भारतीय प्रबंधन संस्थान (आइआइएम) रोहतक में पढ़ने के लिए छात्रों से ज्यादा छात्राओं की दिलचस्पी अधिक है। चार साल पहले मात्र नौ फीसद छात्राएं थी लेकिन 2020 में 69 फीसद छात्राओं ने यहां दाखिला लिया है। यह खुशी की बात है कि आइआइएम रोहतक में लगातार छात्राओं का अनुपात बढ़ता जा रहा है। साथ ही एक बात और सामने आई है कि बेटों से ज्यादा बेटियों में मैनेजमेंट गुरु बनने की होड़ है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 03 Jul 2020 08:05 AM (IST)Updated: Fri, 03 Jul 2020 08:05 AM (IST)
मैनेजमेंट गुरु बनने में बेटों से ज्यादा बेटियां आगे
मैनेजमेंट गुरु बनने में बेटों से ज्यादा बेटियां आगे

ओपी वशिष्ठ, रोहतक भारतीय प्रबंधन संस्थान (आइआइएम) रोहतक में पढ़ने के लिए छात्रों से ज्यादा छात्राओं की दिलचस्पी अधिक है। चार साल पहले मात्र नौ फीसद छात्राएं थीं, लेकिन 2020 में 69 फीसद छात्राओं ने यहां दाखिला लिया है। आइआइएम रोहतक में लगातार छात्राओं का अनुपात बढ़ता जा रहा है। साथ ही एक बात और सामने आई है कि बेटों से ज्यादा बेटियों में मैनेजमेंट गुरु बनने की होड़ है।

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आइआइएम रोहतक ने पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम यानी पीजीपी कोर्स के लिए सीएपी दाखिला प्रक्रिया को अपनाया। देश के विभिन्न राज्यों से एक लाख 60 हजार छात्र-छात्राओं ने यहां के संस्थान में अपनी रुचि दिखाई। संस्थान की तरफ से आठ हजार का साक्षात्कार लिया गया, जिनमें से 240 से अधिक विद्यार्थियों का चयन किया गया है। खास बात यह है इनमें 166 छात्राएं हैं, जो बैच का 69 फीसद अनुपात है, जो लगातार वृद्धि का संकेत है। नए बैच में विद्यार्थियों की औसत उम्र 23 से 25 वर्ष के बीच है, जो देश के विभिन्न 24 राज्यों से हैं। पिछले चार साल में छात्राओं का अनुपात आंकड़े

2017 में 9 फीसद

2018 में 50 फीसद

2019 में 51 फीसद

2020 में 69 फीसद बेटियों को इन विशेषताओं ने किया आकर्षित

- आइआइएम रोहतक ने विद्यार्थियों को उनके अभिभावकों के साथ कैंपस में आमंत्रित किया। जिनको संस्थान की तरफ से थ्री-टायर सुविधा की ट्रेन में किराया अदा किया।

- आइआइएम के छात्र-छात्राओं व फैकल्टी ने टेलीफोन पर विद्यार्थियों को प्रेरित किया। उनकी जिज्ञासाओं को शांत किया।

- संस्थान ने पांच बैंक के साथ समझौता किया। बैंकों ने विद्यार्थियों को मात्र 48 घंटे में लोन उपलब्ध कराया

- संस्थान का सौ फीसद प्लेसमेंट किया, तीन साल से दाखिल प्रक्रिया में किसी प्रकार का कोई बदलाव नहीं किया

- सेकेंड जनरेशन आइआइएम में आइआइएम रोहतक की रिसर्च रैंकिग प्रथम

- कोरोनो को लेकर लॉकडाउन लगा, लेकिन संस्थान ने शैक्षणिक शेड्यूल में कोई बदलाव नहीं हुआ। आनलॉइन कक्षाएं लगाई गई। बैच शुरू करने में देश में प्रथम स्थान पर है। वर्जन

पीजीपी के 11वें बैच में 240 से अधिक विद्यार्थियों में छात्राओं की संख्या 166 है। यह संस्थान के लिए गर्व की बात है। संस्थान के खाते में कई उपलब्धियां हैं। रिसर्च रैंकिग बेहतर है। प्लेसमेंट सौ फीसद है। गर्ल चाइल्ड बचाव के तहत संस्थान हर वर्ष मिनी मैराथन भी करवाता है।

प्रो. धीरज शर्मा, डायरेक्टर, आइआइएम, रोहतक


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