इन 14 मोबाइल नंबरों से रहिए सावधान, लिक पर क्लिक किया तो जमा पूंजी साफ
विनीत तोमर रोहतक यह खबर आप सभी के लिए जानना बेहद जरूरी है। कहीं ऐसा ना हो कि आप भी
विनीत तोमर, रोहतक
यह खबर आप सभी के लिए जानना बेहद जरूरी है। कहीं ऐसा ना हो कि आप भी साइबर ठगों का अगला शिकार बन जाएं। साइबर ठगी के लगातार आ रहे मामलों को देखते हुए दैनिक जागरण रिपोर्टर ने गहनता से पड़ताल की। जिसमें ऐसे 14 नंबर जुटाए गए, जिनसे पिछले एक माह में करीब दस लाख से अधिक की ठगी हो चुकी है। खास बात यह है कि इन 14 नंबरों में से कुछ नंबर पर दैनिक जागरण रिपोर्टर ने खुद ऐसे नंबरों पर बातचीत भी की। एक ही नंबर पर रिपोर्टर ने कुछ देर के अंतर में अलग-अलग नंबरों से बात की। हैरानी की बात यह है कि एक ही नंबर पर जितनी बार कॉल की गई उतनी ही बार सामने वाले व्यक्ति ने खुद को अलग-अलग प्रोफेशन से बताया। यानी कि एक बार कोरियर कंपनी का अधिकारी तो दूसरी बार बैंक मैनेजर बताया। ठग ने खाते से जुड़े नंबर पर लिक भेजने की बात कहकर रिपोर्टर से भी ठगी का प्रयास किया। पड़ताल में कई नंबर ऐसे पाए गए जिनसे केवल ठग ही कॉल कर सकते हैं। अगर उन नंबरों पर आप और हम कॉल करें तो नंबर नहीं लगेगा। आइए जानते हैं कैसे बनाते हैं ठग अपना शिकार। पड़ताल में ठगों के यह नंबर आए सामने
ठगों के जो नंबर मिले हैं उसमें 8228768158, 7086956907, 8003279979, 9549532491, 8509549492, 8108516776, 6289874381, 7896868873, 9330102719, 8228768158, 8910003799, 9634224747, 9223900003, 8108516776 शामिल है। पहले बैंक मैनेजर तो दूसरी कॉल करने पर बताया कोरियर कंपनी का अधिकारी
दैनिक जागरण रिपोर्टर ने 89100003799 पर कॉल की। ट्र-कॉलर पर यह नंबर बैंक मैनेजर दीपक शर्मा के नाम पर आ रहा था। ऐसे में रिपोर्टर ने खुद को बैंक का ग्राहक बताया और कहा कि मुझे खाते में नाम बदलवाना है। क्या प्रक्रिया होगी। तभी ठग ने झांसा दिया कि आपके पास लिक भेजा जाएगा उस पर क्लिक कर आवेदन कर दीजिए। कुछ देर बाद फिर से इसी नंबर पर दैनिक जागरण रिपोर्टर ने कोरियर की डिलीवरी के बारे में जानने के लिए अपने दूसरे नंबर से कॉल की। कोरियर डिलीवरी का नाम आते ही फोन रिसीव करने वाले ने खुद को एक नामी कोरियर कंपनी का अधिकारी बताया और फिर से लिक भेजने की बात कही। कहा कि लिक पर क्लिक करते ही आपको कोरियर का पता चल जाएगा कि वह कब तक डिलीवर होगा। दोनों ही मामलों में लिक भेजने के लिए खाते से जुड़ा मोबाइल नंबर मांगा गया। इसी तरह अन्य नंबरों पर भी जवाब मिला। ठगी करने के तरीके और जमीनी हकीकत में ऐसा अंतर
- ठगी का तरीका : ठग खुद को बैंक मैनेजर या बैंक कर्मचारी बताकर आपसे एटीएम कार्ड का नंबर या अन्य जानकारी पूछेगा। जानकारी देते ही खाते से रकम साफ हो जाएगी।
हकीकत : सरकारी या प्राइवेट बैंक का कोई भी अधिकारी या कर्मचारी आपसे इस तरह की जानकारी नहीं ले सकता। अगर वह बैंक कर्मी है तो भी इस तरह पासवर्ड आदि पूछने पर आप उसकी शिकायत उच्च अधिकारी से कर सकते हैं।
- ठगी का तरीका : आपसे कहा जाएगा कि आपका कोरियर आया है, इसके लिए आपके पास लिक भेजा जा रहा है उस पर क्लिक कर दीजिए। इसके बाद कोरियर घर पहुंचा दिया जाएगा।
हकीकत : कोरियर कंपनी की तरफ से ऐसा कोई नियम नहीं है कि लिक पर क्लिक करने के बाद कोरियर आपके घर भेजा जाएगा।
- ठगी का तरीका : ओएलएक्स पर किसी सामान का विज्ञापन डालकर खुद को फौजी, पुलिसकर्मी या अन्य नौकरी में बताना और फिर सामान आपके घर भिजवाने का झांसा देकर एडवांस मांगना।
हकीकत : इस तरह अगर कोई सामान घर भिजवाने के नाम पर आपसे एडवांस मांगता है तो आप ठगी का शिकार हो रहे हैं। आपको सामान नहीं मिलेगा और रकम भी चली जाएगी।
- ठगी का तरीका : किसी भी मोबाइल कंपनी का टावर लगवाकर नौकरी और हर माह मोटा किराया देने के लिए कहा जाता है। साथ ही फाइल चार्ज या अन्य चार्ज के नाम पर खाते में रकम भेजने के लिए कहा जाता है।
हकीकत : अगर कोई भी कंपनी टावर लगाती है तो वह पहले साइट का निरीक्षण करेगी। इसके बाद आगे की प्रक्रिया शुरू होगी। इस तरह का कोई चार्ज आपसे नहीं मांगा जाता।