14 करोड़ के गबन के मामले में हाई कोर्ट का स्टे, निचली कोर्ट नहीं करेगी आरोपित दंपती पर कार्रवाई
जागरण संवाददाता रोहतक 14 करोड़ के गबन के मामले में हाई कोर्ट ने आरोपित दंपती को र
जागरण संवाददाता, रोहतक : 14 करोड़ के गबन के मामले में हाई कोर्ट ने आरोपित दंपती को राहत दी है। हाईकोर्ट ने मामले पर स्टे लगा दिया है। जब तक हाई कोर्ट का स्टे नहीं हटता, तब तक आरोपित दंपती के खिलाफ निचली कोर्ट में कोई कार्रवाई नहीं होगी। साथ ही आरोपित दंपती को तब तक कोर्ट में भी नहीं आना पड़ेगा। हालांकि बाकी आरोपितों पर कार्रवाई चलती रहेगी।
यह था मामला
डीएलएफ कालोनी के रहने वाले राजेश जैन ने पिछले साल अगस्त माह में सांपला थाने में शिकायत दी थी। शिकायत में बताया था कि खरावड़ में उनकी यूनिवर्सल प्रीसीनिओन नाम की फर्म है। फर्म में सेक्टर-2 निवासी तरुण कुमार अकाउंट मैनेजर के पद पर कार्यरत है। जो कंपनी की तरफ से दूसरी फर्मों व वेंडर के अकाउंट की पेमेंट क्लीयर करने का काम करता था। तरुण कुमार ने अपने जीजा व मास्टर कैपिटल पंचकूला से मिलीभगत कर कई फर्जी अकाउंट खोलकर काफी वेंडरों की पेमेंट उन खातों में डालता रहा। जांच के बाद पता चला कि करीब 14 करोड़ रुपये का गबन किया गया है। पता चलने पर तरुण ने कंपनी में आना छोड़ दिया। 27 अगस्त 2018 को आरोपित को कंपनी में बुलाकर सख्ती से पूछताछ की गई। जिसमें आरोपित ने स्वीकार किया कि उसने मास्टर कैपिटल के मालिक और उसके कर्मचारी शमशेर व श्याम, जीजा राहुल, बहन डा. रेखा, पत्नी हीना और माता-पिता की सलाह से यह योजना बनाई थी। शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया था। स्टे हटने तक आरोपित दंपती को नहीं आना होगा कोर्ट
आरोपित पक्ष के अधिवक्ता पीयूष गक्खड़ ने बताया कि इस प्रकरण में डा. रेखा अग्रिम जमानत पर है और राहुल की रेगुलर जमानत अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश रितू वाइके बहल की कोर्ट से हो गई थी। फिलहाल यह मामला जेएमआइसी रवि की कोर्ट में विचाराधीन है। इस मामले में आरोपित राहुल धींगड़ा और डा. रेखा ने हाइकोर्ट में गुहार लगाई थी। उनका कहना था कि इस मामले से कोई लेनादेना नहीं है। बिना वजह उन्हें इस मामले में फंसाया जा रहा है। हाइकोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए उनके ऊपर कार्रवाई पर स्टे लगा दिया है। जब तक स्टे नहीं हटता, तब तक निचली कोर्ट में इन दोनों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी। हाई कोर्ट के स्टे के बाद आरोपित पक्ष की तरफ से यह अपील दायर की गई थी कि जब तक हाई कोर्ट का स्टे नहीं हटता तब तक उन्हें कोर्ट में ना आने की अनुमति दी जाए। जिसे सोमवार को जेएमआइसी रवि की कोर्ट ने मंजूर कर लिया है।