उमस भरी गर्मी ने छुड़ाए धान उत्पादक किसानों के पसीने
रोहतक जागरण संवाददाता रोहतक उमस भरी गर्मी लोगों को बेहाल कर रही है। करीब एक पखवाड़े से हो रही गर्मी ने धान उत्पादक किसानों के पसीने छुड़ा दिए हैं। अधिकतम तापमान इन दिनों 37 डिग्री सेल्सियस के आसपास चल रहा है और यह कम होने का नाम नहीं ले रहा। उधर मौसम विभाग का अनुमान मानें तो बारिश के अभी आसार नहीं हैं।
जागरण संवाददाता, रोहतक : उमस भरी गर्मी लोगों को बेहाल कर रही है। करीब एक पखवाड़े से हो रही गर्मी ने धान उत्पादक किसानों के पसीने छुड़ा दिए हैं। अधिकतम तापमान इन दिनों 37 डिग्री सेल्सियस के आसपास चल रहा है और यह कम होने का नाम नहीं ले रहा। उधर, मौसम विभाग का अनुमान मानें तो बारिश के अभी आसार नहीं हैं। ऐसे में किसानों के लिए धान की फसल को जिदा रखना बना बड़ी चुनौती बना हुआ है। हालांकि धान की फसल के लिए अनेक किसान नलकूपों का सहारा ले रहे हैं। लेकिन नलकूपों से सिचाई करने पर भी किसानों को जेब ढीली करनी पड़ रही है। जहां पर नहरी पानी की सुविधा नहीं है, उन गांवों में किसानों की मुसीबतें बढ़ी हुई है। किसान सुनील, जयसिंह, रणबीर व जयभगवान की मानें तो पाकस्मा, नौनंद, कसरेंटी आदि गांवों में नलकूपों से सिचाई करनी पड़ रही है। जिससे उनको रोजाना एक हजार रुपये तक का खर्च करना पड़ रहा है। उनका कहना है कि यही स्थिति बनी रही और बारिश नहीं हुई तो उनको धान की फसल तैयार करने के लिए कर्जा तक लेना पड़ सकता है। ऐसे हालातों में खेती करना उनके लिए नुकसान दायक हो सकता है। बता दें कि जिला में इस बार 40 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि पर धान की फसल लगाई गई है। हालांकि जहां पर नहरी पानी की सुविधा है, वहां पर किसानों को राहत मिली हुई है। लेकिन तापमान अधिक बना रहने से खेत में सिचाई पानी का तापमान भी बढ़ जाता है जिससे फसल को नुकसान हो सकता है। किसान नेता प्रीत सिंह का कहना है कि अगर बारिश नहीं हुई तो धान का उत्पादन प्रभावित होगा और किसानों पर कर्ज भी बढ़ेगा। वहीं बारिश की कमी से बाजरा व कपास को भी नुकसान होने का अंदेशा किसानों में बना हुआ है। दो दिन और बढ़ेगी गर्मी :
उधर, मौसम विभाग की मानें तो आगामी दो दिनों में गर्मी और बढ़ने की संभावना बनी हुई है। अधिकतम तापमान में वृद्धि होने से मुश्किलें बढ़ सकती है। हालांकि 14 सितंबर को आंशिक रूप से बादल छाने और 15 सितंबर को कहीं कहीं बूंदाबांदी होने की संभावना भी मौसम विभाग ने व्यक्त की है। लेकिन धान की फसल का तेज बारिश की जरूरत है। ऐसे में तेज बारिश अभी न होने से किसानों के माथे पर चिता की लकीरें साफ देखी जा रही है।